बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल लुम्बिनी के पांच महत्वपूर्ण स्थल

Tripoto
Photo of बौद्ध धर्म के तीर्थ स्थल लुम्बिनी के पांच महत्वपूर्ण स्थल by Dr. Yadwinder Singh
Day 1

लुम्बिनी भगवान बुद्ध की जन्मसथली है जो नेपाल देश में है| भगवान बुद्ध का 564 ईसवीं पूर्व में लुम्बिनी में हुआ| शाकया राज्य की रानी मायादेवी उनकी माता थी और कपिलवस्तु के शाकया राजा सुदौदन उनके पिता थे| लुम्बिनी बौद्ध धर्म का बहुत पवित्र तीर्थ स्थल है| सारी दुनिया में बसे हुए बौद्ध धर्म के अनुयायी लुम्बिनी यात्रा के लिए आते हैं| हर बौद्ध के लिए जिन चार जगहों की यात्रा जरूरी है उसमें से लुम्बिनी भी एक है| बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर बाकी तीन सथान है| आईये जानते हैं अगर लुम्बिनी यात्रा पर आए तो कौन सी पांच महत्वपूर्ण जगहों पर जाया जाए |
1. मायादेवी मंदिर - यह वह पवित्र जगह पर बना हुआ है जहाँ भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था| उस समय यहाँ पर शाल वृक्ष के जंगल थे| महात्मा बुद्ध की माता मायादेवी कपिलवस्तु से अपने मायके जा रही थी तो वह इस जगह की सुंदरता को देखकर यहाँ शाल वृक्ष के जंगल में रुके| यहाँ पर ही मायादेवी को प्रसवपीड़ा शुरू हो गई तो इसी जगह पर मायादेवी ने भगवान बुद्ध को जन्म दिया| आज यहाँ पर खूबसूरत मंदिर बना हुआ है जो यूनैसको की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल हैं| मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध जन्म स्मारक शिला पत्थर है | ऐसा कहा जाता है यह जगह ही भगवान बुद्ध का जन्म सथान है| मायादेवी मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करना मना है| लुम्बिनी में मायादेवी मंदिर सबसे महत्वपूर्ण जगह है| इस मंदिर के सामने एक पवित्र तालाब है जिसमें मायादेवी ने भगवान बुद्ध को जन्म देने से पहले स्नान किया था|
2. अशोक स्तम्भ लुम्बिनी- बौद्ध धर्म अपनाने के बाद सम्राट अशोक ने 249 ईसवीं पूर्व में लुम्बिनी नेपाल की यात्रा की थी | सम्राट अशोक ने ही यहाँ पर अशोक स्तम्भ  सथापित किया था जिसके ऊपर लिखा गया है कि भगवान बुद्ध का जन्म यहाँ पर हुआ है| इसी स्तम्भ को मानकर यह पुष्टि होती है कि भगवान बुद्ध का जन्म लुम्बिनी का है |
3. लुम्बिनी का मोनेस्ट्री क्षेत्र - लुम्बिनी में मायादेवी मंदिर के पीछे 1.6 किलोमीटर क्षेत्र में बीच में एक नहर बना कर दोनों साईड में अलग अलग देशों ने खूबसूरत मोनेस्ट्रीस का निर्माण करवाया है|नहर के पूर्व वाले क्षेत्र में आपको श्रीलंका, कम्बोडिया, थाईलैंड, म्यांमार, भारत, नेपाल आदि देशों की बनाई गई खूबसूरत मोनेस्ट्रीस देखने के लिए मिलेगी जिसे देखकर आप उस देश की भवन निर्माण कला के दर्शन कर सकते हो| नहर के पश्चिमी भाग में जर्मन, चीन, कोरियाई, वियतनाम, सिंगापुर आदि देशों की बनाई गई मोनेस्ट्रीस को देख सकते हो |

मायादेवी मंदिर लुम्बिनी

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

मायादेवी मंदिर के पास जलते हुए दीपक

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

अशोक स्तम्भ लुम्बिनी

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

मायादेवी मंदिर के पास घुमक्कड़

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

लुम्बिनी में बनी हुई शानदार नहर और नौका विहार

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

जर्मन मोनेस्ट्री लुम्बिनी

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

कम्बोडिया मोनेस्ट्री लुम्बिनी

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

मिया मार मोनेस्ट्री के सामने घुमक्कड़

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

भारत की मोनेस्ट्री लुम्बिनी

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh

थाई मोनेस्ट्री

Photo of Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha by Dr. Yadwinder Singh
Day 2

4. तिलौराकोट कपिलवस्तु - लुम्बिनी से 31 किमी दूर तिलौराकोट कपिलवस्तु नाम की जगह है जिसके बारे में कहा जाता है यह जगह शाकया राज्य की राजधानी थी | भगवान बुद्ध भी शाकया राज्य के राजकुमार थे | अपनी जिंदगी के पहले 29 साल भगवान बुद्ध ने इसी जगह पर बिताए थे| यहाँ पर आपको भगवान बुद्ध की राजधानी में बने हुए विशाल राजमहल के अवशेष मिले हैं| जंगल के बीच में बने हुए इन अवशेषों को आप घूमकर देख सकते हो| इसमें एक पश्चिम दिशा में दरवाजा है जिसको पार करने के बाद आप उस महल में प्रवेश करते हो|
इसी महल के पूर्व में बने हुए दरवाजे से ही भगवान बुद्ध कपिलवस्तु को छोड़कर गए थे |
5. कपिलवस्तु म्यूजियम- तिलौराकोट कपिलवस्तु से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर कपिलवस्तु म्यूजियम बना हुआ है| इस म्यूजियम में प्रवेश करने के लिए आपको नेपाल के 50 रुपये देने होगे| इस म्यूजियम में आपको तिलौराकोट कपिलवस्तु की खुदाई से मिला हुआ सामान देखने के लिए मिलेगा| इसमें आपको मिट्टी के बर्तन, उस जमाने की ईटों की बनतर आदि देखने के लिए मिलेगी| बहुत सारी छोटी बड़ी मूर्तियों को भी इस म्यूजियम में संभाल कर रखा है| अगर आप को ईतिहास को देखने और जानने का शौक है तो इस म्यूजियम को जरूर देखें|
कैसे पहुंचे - लुम्बिनी में आप बस मार्ग से पहुँच सकते हो सड़क मार्ग से लुम्बिनी से नेपाल की राजधानी काठमांडू 288 किमी, पोखरा 209 किमी, गोरखपुर 135 किमी और वाराणसी 309 किमी दूर है| लुम्बिनी के पास एक एयरपोर्ट भी बना हुआ है जो जहाँ से काठमांडू के लिए फलाईट मिल जाऐगी |

तिलौराकोट कपिलवस्तु महल के अवशेष

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

तिलौराकोट कपिलवस्तु के पूर्व द्वार पर घुमक्कड़

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

तिलौराकोट कपिलवस्तु महल अवशेष

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

तिलौराकोट कपिलवस्तु

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

कपिलवस्तु महल

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

तिलौराकोट कपिलवस्तु

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

कपिलवस्तु म्यूजियम

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

प्राचीन ईंट

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

कपिलवस्तु म्यूजियम में रखा गया प्राचीन सामान

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

कपिलवस्तु म्यूजियम

Photo of Tilaurakot kapilvastu by Dr. Yadwinder Singh

More By This Author

Further Reads