दोस्तों, भारत मंदिरों का देश है, लेकिन साथ के साथ राजसी किलों के लिए भी ये देश दुनियाभर में बहुत प्रसिद्ध है। हमारे यहाँ के सैकड़ों किलों में से कई को तो आपने देखे होगा, पर कुछ ऐसे किलों के बारे में जानते हैं, जिनका निर्माण कैसे और क्यों हुआ ये कोई नहीं जानता। ऐसे प्राचीन किले हमेशा से रहस्य और उत्सुकता का कारण रहे हैं। एक ऐसा ही किला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी मौजूद है, जो काफी रहस्यमय है। यह महल आज भी हजारों लोगों के लिए भूतिया कहानी बना हुआ है। आज इस आर्टिकल में हम आपको लखनऊ में मौजूद उस भूतिया महल के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए आपको उस किले के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।
बटलर पैलेस का इतिहास
दोस्तों, लखनऊ में स्थित जिस खूबसूरत महल के बारे में हम आपसे बताने वाले हैं उस महल का नाम 'बटलर पैलेस' है। जिस आवासीय परिसर के अंदर बटलर पैलेस स्थित हैं उसका नाम महल के नाम पर ही पड़ा हैं। इस पैलेस की आधारशिला 1915 में राजा महमूदाबाद ने रखी थी। बटलर पैलेस एक सुंदर राजस्थानी शैली की वास्तुकला वाला एक चार मुखी महल हैं। यह पैलेस गुंबददार संरचनाओं, गढ़े गए पैनलों, मेहराबदार खिड़कियों से सुसज्जित है, जो भव्यता से टपकती ऊंची छत वाली दीवारों के साथ पर्याप्त वायु प्रवाह बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं।
क्या हैं बटलर पैलेस के रहस्यमय राज
दोस्तों, जानकारी के मुताबिक इस पैलेस को बनाने के लिए यहाँ स्थित जंगल को काटा गया था जहाँ कई आत्माएं रहती थीं। वो इस बटलर पैलेस में समा गईं थीं। कुछ लोगों का दावा ये भी है कि उन्होंने यहाँ पर सफेद रंग की साड़ी में एक महिला को अक्सर देखा है। इस वजह से इस पैलेस को भूतिया बोला जाता हैं। कई लोगों का मानना है कि शाम होते ही इस महल के अंदर कभी-कभी चिल्लाने और रोने की आवाज आती रहती है। इस डर से लोग यहाँ आने से कतराते हैं। लोगों के मुताबिक इस महल के अंदर जाने वाला शख्स वापस लौट के नहीं आता हैं। शाम के समय के बाद यहाँ लोग नहीं दिखते हैं।
क्या बटलर पैलेस देखनें में था बेहद खूबसूरत?
ऐसा बोला जाता है कि इस महल का जितना भी हिस्सा बना हुआ था वो बहुत ही खूबसूरत लगता था। उसकी सुंदरता यहाँ के लोगों का ऐसा मानना है कि अगर यह पैलेस पूरे तरीके से बन जाता तो ऐसा महल शायद ही किसी और जगह पर देखने को मिलता। आधे-अधूरे में निर्मित इस महल की खूबसूरती आज भी पूरे प्रदेश में काफी प्रचलित हैं। आज भी लोग इस पैलेस की खूबसूरती की तारीफ करते हैं।
बटलर पैलेस पूरा क्यों नहीं बन पाया?
दोस्तों ऐसा बोला जाता हैं कि बटलर पैलेस न ही हरकोर्ट बटलर के रहने पर बन पाया और न ही राजा महमूदाबाद के के रहने पर पूरे तरीके से बन पाया था। महल के एक तरफ का हिस्सा बना ही था कि गोमती में बाढ़ आ गई और इस बाढ़ के चलते महल का हिस्सा तहस-नहस हो गया था।जिससे राजा साहब को अपना इरादा बदलना पड़ा और इसका चौथाई हिस्सा ही बन पाया था। फिर कुछ दिनों बाद राजा महमूदाबाद ने महल को फिर से बनाने का काम बंद करवा दिया। इसलिए कई लोग इसे आधा-अधूरा महल के नाम से भी जानते हैं। क्योंकि यह पूरा नहीं बन सकता। लेकिन इसकी सुंदरता आज भी कबीले तारीफ हैं।
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