अंग्रेजी हकूमत के जुलम की दास्तान जलियांवाला बाग अमृतसर

Tripoto
Photo of अंग्रेजी हकूमत के जुलम की दास्तान जलियांवाला बाग अमृतसर by Dr. Yadwinder Singh

बैसाखी पंजाब का एक प्रमुख तयोहार है| वैसे हर साल 13 अप्रैल को बैसाखी का पर्व मनाया जाता है| बैसाखी के दिन पंजाब की बहुत सारी ईतिहासिक कहानियाँ जुड़ी हुई है| बैसाखी वाले दिन ही आनंदपुर साहिब में 13 अप्रैल 1699 ईसवीं को गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की सथापना की थी| आज हम 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी वाले दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार की बात करेंगे| अमृतसर पंजाब का सबसे पवित्र शहर है | पंजाब घूमने वाले टूरिस्ट अमृतसर को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करते हैं| टूरिस्ट जलियांवाला बाग जाकर शहीदों को नमन करते हैं| आज इस पोस्ट में हम जलियांवाला बाग नरसंहार के ईतिहास को जानेगे|

जलियांवाला बाग यादगार

Photo of अमृतसर by Dr. Yadwinder Singh

13 अप्रैल 1919 ईसवीं को अमृतसर के जलियांवाला बाग में रोलट एकट और डाक्टर सैफुद्दीन किचलू और डाक्टर सत्यपाल की गिरफ्तारी के विरोध में बहुत सारे लोग इकट्ठा हुए थे जो बिलकुल निहत्थे थे| यह लोग शांतिपूर्ण ढंग से पर्दशन कर रहे थे| अब हम बात करते हैं रोलट एकट की | रोलट एकट के अनुसार अगर शक के आधार पर किसी भी वयक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे पुलिस या सरकारी वकील की जगह खुद ही अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी| दोशी अपनी सजा के खिलाफ अपील भी नहीं कर सकता| अदालत के फैसले को ही आखिरी फैसला माना जाऐगा| पूरे देश में रोलट एकट का जबरदस्त विरोध हुआ था| 6 अप्रैल 1919 ईसवीं को अमृतसर में हड़ताल हुई थी| डाक्टर सत्यपाल और डाक्टर सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया था जिसके विरोध में अमृतसर शहर में लोग इकट्ठा हुए थे| इसी तरह 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में भी बहुत सारे लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे| जलियांवाला बाग दरबार साहिब अमृतसर के बिलकुल पास ही बना हुआ है| इस बाग में प्रवेश करने के लिए और बाहर निकलने के लिए एक ही छोटा सा रास्ता बना हुआ था| जनरल डायर दोपहर को अपनी फौज के साथ जलियांवाला बाग में पहुंचता है| जनरल डायर जलियांवाला बाग में प्रवेश करने वाले रास्ते को बंद कर देता है| इसी रास्ते से जलियांवाला बाग में जाकर जनरल डायर गोलीबारी का आदेश दे देता है| जलियांवाला बाग में मौजूद लोगों को बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी का शिकार होना पड़ता है| जलियांवाला बाग के अंदर एक कुयां बना हुआ था|  बहुत सारे लोग अपनी जान बचाने के लिए कुएं में छलाग मार देते हैं| इस कुएं को आप आज भी जलियांवाला बाग में देख सकते हैं| इस कुएं को जलियांवाला बाग का शहीदी कुएं के नाम से जाना जाता है| आज भी जलियांवाला बाग की दीवारों पर आप गोलियों के निशान देख सकते हो| जलियांवाला बाग नरसंहार अंग्रेजी सामराज्य के माथे पर कलंक है| जलियांवाला बाग नरसंहार अंग्रेजी हकूमत की जुल्म की निशानी है| जलियांवाला बाग नरसंहार में एक हजार से ज्यादा लोग शहीद हुए और सैकड़े लोग जख्मी हुए| जलियांवाला बाग हमारे शहीदों की विरासत है|

जलियांवाला बाग अमृतसर

Photo of Jallianwala Bagh by Dr. Yadwinder Singh

जलियांवाला बाग अमृतसर

Photo of Jallianwala Bagh by Dr. Yadwinder Singh

जलियांवाला बाग अमृतसर

Photo of Jallianwala Bagh by Dr. Yadwinder Singh

वैसे तो मैं बहुत बार जलियांवाला बाग में जा चुका हूँ| आखिरी बार मैं मार्च 2024 में अपने स्टूडेंट्स के साथ गया था जो गुजरात से पंजाब घूमने के लिए आए हुए थे| अमृतसर में दरबार साहिब में दर्शन करने के बाद हम जलियांवाला बाग की ओर चल पड़े| कुछ ही देर बाद हम जलियांवाला बाग के प्रवेश द्वार पर पहुँच गए| एक छोटी सी गली में चलकर हम जलियांवाला बाग के अंदर आ गए इसी छोटी गली के रास्ते से ही जनरल डायर जलियांवाला बाग में आया था लोगों का नरसंहार करने के लिए| एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जलियांवाला बाग में उस दिन 11 मिनट के लिए 1650 गोलियों के फायर किए गए जिसमें 379 लोग शहीद हुए और 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए| लेकिन ऐसा कहा जाता है कि जलियांवाला बाग नरसंहार में हजार से ज्यादा लोग शहीद हुए| जलियांवाला बाग में आकर हम शहीदी कुएं को देखने के लिए गए जिसमें गोलियों से बचने के लिए लोगों ने छलांग लगा दी थी| चलते चलते हम उस जगह पर पहुँच जाते हैं जहाँ एक दीवार पर गोलियों के निशान छपे हुए हैं| शहीदों की यादगार पर मन वैराग से भर गया था| शहीदों की याद में जलियांवाला बाग में एक यादगार बनी हुई है | हम सबने इस यादगार के साथ कुछ तस्वीरें खिंचवाई| फिर हम जलियांवाला बाग में बनी हुई गैलरी को देखने के लिए जाते हैं जिसमें जलियांवाला बाग के ईतिहास के बारे में जानकारी दी जाती है| जलियांवाला बाग के शहीदों को नमन करने के बाद हम अगली मंजिल की ओर चल पड़े|

जलियांवाला बाग में अपने स्टूडेंट के साथ

Photo of Jallianwala Bagh Museum by Dr. Yadwinder Singh

जलियांवाला बाग

Photo of Jallianwala Bagh Museum by Dr. Yadwinder Singh

अमृतसर कैसे पहुंचे- अमृतसर पंजाब का प्रमुख शहर है| अमृतसर में एयरपोर्ट भी है आप फलाईट से भी पहुँच सकते हो| अमृतसर रेलवे स्टेशन भारत के अलग अलग शहरों से रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है| आप रेलवे से भी अमृतसर आ सकते हो| बस मार्ग से भी आप दिल्ली, चंडीगढ़, लुधियाना, जम्मू आदि शहरों से अमृतसर पहुँच सकते हो| अमृतसर में रहने के लिए आपको हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|

जलियांवाला बाग

Photo of Sri Guru Ram Dass Jee International Airport, Amritsar by Dr. Yadwinder Singh