उत्तराखंड का ये बेहद खूबसूरत 'मिनी कश्मीर' आखिर क्यों रहा अब तक पर्यटकों से दूर?

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हमारे देश का उत्तराखंड राज्य देवभूमि के तौर पर जाना जाता है ये बात हम सभी जानते हैं। उत्तराखंड में चार धाम समेत अनेक पौराणिक और धर्मिक स्थान मौजूद हैं जिनके लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग हर साल उत्तराखंड की यात्रा करते रहते हैं। लेकिन इसके अलावा घूमने के शौक़ीन लोगों के लिए भी उत्तराखंड किसी स्वर्ग से कम नहीं है। हिमालय के अद्भुत नज़ारों, खूबसुरत मौसम, घनी हरियाली और ना जाने कितने ही कारण मिल जायेंगे जिसके लिए पर्यटक बार-बार उत्तराखंड खींचे चले जाते हैं। लेकिन पर्यटकों की बढ़ती संख्या की वजह से यहाँ के लोकप्रिय हिल स्टेशन में खास तौर पर सीजन के समय आप वो सुकून नहीं ले पाएंगे जिसके लिए आप पहाड़ों का रुख करते हैं। इसीलिए अगर आप उत्तराखंड में कोई ऐसी जगह ढूंढ रहे हैं जो पर्यटकों की भीड़ से दूर हो लेकिन प्राकृतिक नज़ारों से भरपूर हो तो बस आज का हमारा ये आर्टिकल आपके लिए ही है। चलिए बताते हैं आपको इस बेहतरीन जगह के बारे में..

पिथौरागढ़

प्राकृतिक रूप बेहद खूबसूरत ऊँचे-ऊंचे हिमालय के पर्वतों, बर्फ से ढ़की पहाड़ी चोटियों, दर्रों, घाटियों, अल्पाइन घास के मैदानों, जंगलों, झरनों, सुन्दर नदियों, ग्लेशियरों से घिरा पिथौरागढ़ हमारे देश भारत के उत्तराखंड राज्य का सबसे पूर्वी जिला है। अपने उत्तर और पूर्व दिशाओं में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से घिरा यह जिला देश में राजनितिक तौर पर भी बेहद सवेंदनशील माना जाता है। साथ ही अगर इसकी प्राकृतिक खूबसूरती की बात करें तो इसके लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाम "मिनी कश्मीर" इसकी सुंदरता को एकदम सही तौर पर प्रदर्शित करता है। शायद दिल्ली से बाकी लोकप्रिय हिल स्टेशंस से कुछ अधिक दूरी की वजह से अभी तक पर्यटन के लिहाज़ से पिथौरागढ़ को वो पहचान नहीं मिल पायी है जिसका ये हक़दार है। लेकिन इस बात का एक अच्छा पहलु ये भी है की इसी वजह से यह स्थान आज भी अपनी प्राकृतिक और सांस्कृतिक खूबसूरती को अच्छे से संभाले हुए है। इसीलिए पिथौरागढ़ आपकी फैमिली या फ्रेंड्स के साथ या फिर सोलो पहाड़ी ट्रिप के लिए एक शानदार और वास्तव में एक परफेक्ट जगह है।

पिथौरागढ़ में घूमने की बेस्ट जगहें

वैसे तो पिथौरागढ़ ट्रैकिंग के लिए भी एक शानदार जगह है और ट्रेक करते हुए जो नज़ारे आपकी आँखों के सामने आएंगे उन्हें देखने के बाद आपको किसी पर्यटन स्थल को ढूंढ़ने की जरुरत नहीं पड़ने वाली लेकिन फिर भी हम आपको पिथौरागढ़ के कुछ खास स्थानों के बारे में बताते हैं जहाँ आपको अपनी पिथौरागढ़ यात्रा के दौरान जरूर जाना चाहिए।

मुनस्यारी

पिथौरागढ़ को आखिर मिनी कश्मीर क्यों कहा जाता इसका जवाब आपको मुनस्यारी में आसानी से मिल जायेगा। हिमालय की तलहटी में बसा एक बेहद खूबसूरत गाँव मुनस्यारी समुद्रतल से करीब 2300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अपने आप में एक छोटे हिल स्टेशन के तौर पर जाना जाने वाला मुनस्यारी पिथौरागढ़ शहर से सिर्फ 125 किलोमीटर दूर है और पिथौरागढ़ जिले में ही आता है। मुनस्यारी साल में हर समय अपने खूबसूरत मौसम, पांच चोटियों से बने पंचाचूली पर्वत की अनोखी सुंदरता, बर्फ से ढ़की हिमालय की चोटियों और इसके अलावा भी कई तरह की एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए जाना जाता है। मुनस्यारी में नंदा देवी मंदिर, पंचाचूली शिखर, महेश्वरी कुंड, कालामुनी टॉप, बिर्थी फॉल देखना बिलकुल भी मिस न करें।

थल केदार मंदिर

भगवान् शिव को समर्पित यह मंदिर एक हज़ारों वर्ष पुराना पवित्र स्थान है जिसका उल्लेख स्कन्द पुराण में मौजूद है ऐसा बताया जाता है। पिथौरागढ़ शहर से करीब 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित थल केदार मंदिर एक ऊँची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जिससे यहाँ से हिमालय की अनेक बर्फ से ढकी चोटियों के शानदार नज़ारे आपको दिखाई देते हैं। इसके अलावा यहाँ से चारों ओर बादलों के सुन्दर नज़ारे भी आपके मन में हमेशा के लिए जगह बना ही लेंगे। पिथौरागढ़ की यात्रा में थल केदार मंदिर धार्मिक दृष्टि के साथ ही प्राकृतिक दृश्यों के लिहाज़ से भी आपको जरूर देखना चाहिए।

पाताल भुवनेश्वर

पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर पिथौरागढ़ मार्केट से करीब 80 किलोमीटर दूर है। जमीन से 90 फ़ीट नीचे स्थित इस गुफा में एक बेहद संकरे रास्ते से होकर पहुंचा जाता है। बताया जाता है कि इसका उल्लेख भी स्कन्द पुराण में किया गया है और इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। इस गुफा मंदिर से जुड़े कई रहस्य बताये जाते हैं और साथ ही जब आप इसे देखने जाते हैं तो देखने में भी यह पूरी गुफा कई रहस्यों से घिरी नज़र आती है। गुफा मंदिर कि खासियत आप इसी बात से समझ सकते हैं कि इस पवित्र और प्राचीन गुफा में आप केदारनाथ, बद्रीनाथ, माता भुवनेश्वरी, आदि गणेश, भगवान शिव की जटाएं, सात कुंड, मुक्ति द्वार, धर्म द्वार व अन्य देवी देवताओं के आकृतियों को देख सकते हैं।

फोटो क्रेडिट:Uttarakhand Stories

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कामाख्या मंदिर

पिथौरागढ़ जिले में कुसौली गाँव में पिथौरागढ़ मार्केट से करीब 7 किलोमीटर दूर कामाख्या देवी मंदिर स्थित है। चारों ओर हिमालय कि खूबसूरती चोटियों से घिरा यह मंदिर पर्यटन कि दृष्टि से एक अलग ही पहचान बना रहा है। इसके अलावा कामाख्या देवी मंदिर कि ख्याति आस पास ही नहीं बल्कि दूर दूर तक भी फैली है जिससे देश और विदेश से हज़ारों भक्त यहाँ माता के दर्शनों के लिए आते रहते हैं। कामाख्या देवी मंदिर माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक भी है। हर साल नवरात्री के दौरान यहाँ माता के भक्तो का ताँता लगा रहता है। इसके अलावा अगर घूमने के तौर पर बात करें तो भी यह मंदिर बेहद खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है।

पिथौरागढ़ किला

पिथौरागढ़ का किला लंदन फोर्ट नाम से भी जाना जाता है जो कि पिथौरागढ़ शहर के मध्य में ही एक पहाड़ी पर स्थित है। बताया जाता है कि यह किला यह वर्ष 1789 में गोरखाओं द्वारा बनाया गया था। बताया जाता है कि सं 1815 में जब अंग्रेजों ने इस किले पर अपना कब्ज़ा कर लिया तब से इसका नाम बदलकर लंदन फोर्ट कर दिया था। किले में देखने के लिहाज़ से काफी सारी पुरानी चीजें तो आपको मिल ही जाएँगी। इसके अलावा पिथौरागढ़ शहर का नज़ारा देखने के लिए भी यह एक परफेक्ट स्थान है।

​चंडाक घाटी

आज के समय में ट्रैकिंग के लिए एक शानदार पहाड़ी के तौर जानी जाने वाली चंडाक घाटी धार्मिक तौर पर भी एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। बताया जाता है कि यहाँ देवी ने चंड और मुंड नाम के राक्षसों का वध किया था और साथ ही यह भी बताया जाता है कि पांडवों ने भी अपने अज्ञात वास का कुछ समय यहाँ बिताया था। शोर घाटी में सबसे ऊंचाई पर स्थित यह जगह घने जंगल और ऊँचे-ऊँचे देवदार के पेड़ों से घिरा खूबसूरत स्थान है। इसी स्थान पर अब एक ट्यूलिप गार्डन भी विकसित किया जा रहा है जो कश्मीर के ट्यूलिप गार्डन के साथ ही हमारे देश में खूबसूरत और विशाल ट्यूलिप के बगीचों में से एक होगा।

भुरमुनी झरना

पहाड़ी चोटियों पर बनी जगहों से अगर आप बोर हो जाएँ तो पिथौरागढ़ में आपके लिए प्रकृति के बीचों बीच मौजूद एक शानदार झरना भी है। दक्षिण अमेरिका में मौजूद अमेज़न के जंगलों जैसे घने जंगल के बीच स्थित ये वॉटरफॉल सच में एक अलग ही अनुभव आपकी पिथौरागढ़ की यात्रा में जोड़ देगा। काफी समय से यह झरना पर्यटकों से छिपा ही रहा लेकिन कोरोना काल के बाद यह जगह पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो गयी। इस खूबसूरत झरने को दुनिया के सामने लाने और यहाँ तक पहुँचने के रास्ते की खोज करने में भी यहाँ के लोकल युवाओं का बड़ा योगदान है। अब इस झरने को एक मुख्य पर्यटन स्थल बनाने पर प्रशासन ने ध्यान देना शुरू कर दिया है और जल्द ही यह स्थान पिथौरागढ़ का एक बेहद लोकप्रिय पर्यटक स्थल बनकर जरूर उभरेगा।

पिथौरागढ़ कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग द्वारा

आपको बता दें की पिथौरागढ़ का अपना एक एयरपोर्ट है जो कि शहर से सिर्फ 7 किलोमीटर दूर स्थित है। हालाँकि अभी इस एयरपोर्ट से बाकी सभी बड़े शहरों के लिए कनेक्टिविटी इतनी अच्छी नहीं है तो अगर आपको यहाँ के लिए फ्लाइट आपके शहर से न भी मिले तो आप पंतनगर एयरपोर्ट पर उतर सकते हैं जहाँ से पिथौरागढ़ सिर्फ 240 किलोमीटर दूर है। पंतनगर एयरपोर्ट से भी पिथौरागढ़ के लिए आसानी से टैक्सी या बस आपको मिल जाएगी। अगर उत्तराखंड कि राजधानी देहरादून से इसकी दूरी की बात करें तो यह करीब 470 किलोमीटर है।

रेल मार्ग द्वारा

पिथौरागढ़ में हालाँकि कोई रेलवे स्टेशन नहीं है लेकिन यहाँ से सिर्फ 140 किलोमीटर दूर टनकपुर रेलवे स्टेशन तक आप ट्रेन के माध्यम से पहुँच सकते हैं और फिर वहां से बस या फिर टैक्सी वगैरह की सहायता से आप आसानी से पिथौरागढ़ पहुँच सकते हैं। टनकपुर रेलवे स्टेशन दिल्ली के साथ ही उत्तरप्रदेश के अनेक बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग द्वारा

पिथोरागढ़ सड़क मार्ग से काफी अच्छे से उत्तराखंड के शहरों और देश के बाकी बड़े शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से करीब 470 किलोमीटर दूर स्थित पिथौरागढ़ आप आसानी से करीब 10 घंटों में अपने वाहन या टैक्सी वगैरह से पहुँच सकते हैं। रास्ते काफी अच्छी स्थिति में बने हैं जिससे आपको यहाँ सड़क मार्ग से पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं आने वाली। हालाँकि पिथौरागढ़ के लिए बस की कनेक्टिविटी उतर भारत के सभी शहरों से इतनी अच्छी नहीं है तो हो सके तो आप अपने वाहन या फिर टैक्सी वगैरह से ही सीधे पिथौरागढ़ जाने का प्लान करें।

तो अगर आप भीड़ से एकदम दूर शांति में किसी खूबसूरत हिल स्टेशन की यात्रा करना चाहते हैं तो पिथौरागढ़ वास्तव में एक शानदार विकल्प है और इसके लिए जितनी भी जानकारी हमारे पास थी उसे हमने इस लेख के द्वारा आपसे साझा करने का प्रयास किया है। अगर आपको हमारा ये प्रयास अच्छा लगा तो प्लीज इस आर्टिकल को लाइक करें और ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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