कसोल
1.हिमट्रेक , कैंपिंग
रिवरसाइड कैंप, कसोल
कसोल में आप कैंपिंग करेंगे तो यह भी यादगार रहेगी। अगर आपने कभी भी कैंप में रहने का आनंद नहीं लिया है तो कसोल में इसे जरूर आजमाएं। कलकल बहती पार्वती नदी के किनारे कैंपिंग का ख्याल ही आपको रोमांचित कर देगा। यहां से सुबह और शाम के समय घाटी का बहुत ही अद्भुत नजारा मिलता है।कैंप बहुत सुविधाजनक और साफ-सुथरे भी होते हैं। उनकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं होती है और वह पर्यटकों के बजट में आसानी से आ जाते हैं।
हम पहले दिन बारिश मे अपने कैंप भीगते हुए पहुंचे थे। और हमारे कपडे भी भीग गए थे। और ठण्ड भी बहुत लग रही थी। हमें अपने अपने कैंप मिले जिसमे शेयरिंग मे 3 पर्सन थे। उसके बाद हमने पारवती नदी के किनारे ठण्ड मे चाय की चुस्की का आनंद लिया।
कैंपिंग के साथ मे रात का डिनर include था। और next day का ब्रेकफास्ट भी include था। इवनिंग मे हमने कुछ स्पोर्ट्स खेले यहाँ पर बास्केटबॉल, आर्चरी और इवनिंग मे dj नाईट शो हुआ जिसका हमने आनद उठाया। नाईट मे पारवती वैली के किनारे bonfire हुआ। जिसका भी आनद उठाया हमने। कसोल मे रिवर साइड कैंपिंग जरूर करे, जो आपकी लाइफ का बेस्ट डिसिशन होगा।
2.गुरुद्वारा साहिब मणिकरण
हिमाचल प्रदेश में स्थित मणिकरण शहर अपने धार्मिक, एतिहासिक और पर्यटन के लिए फेमस है। खूबसूरत पहाड़ों से घिरा मणिकरण का इतिहास भगवान शिव और गुरु नानकजी से जुड़ा है।
हिमाचल का खूबसूरत सा शहर मणिकरण अपनी धार्मिक मान्यताओं की वजह से काफी फेमस है। मणिकरण में राजसी गुरुद्वारा यहां का सबसे प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। पार्वती नदी के किनारे बना ये गुरुद्वारा सिखों का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
3.गर्म पानी का झरना
यहां गर्म पानी के झरने और भाप से स्नान करना टूरिस्ट लोगों को खूब पसंद आता है। पहाड़ों की सर्दी यहां आते ही जैसे गायब हो जाती है। पहाड़ों से निकलने वाली भाप यहां के पानी को हमेशा नेचुरली गर्म रखती है। मणिकरण में आप खूबसूरत पहाड़, हसीन वादियां और ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं। अगर आप मणिकरण साहिब जा रहे हैं तो इन जगहों पर घूमना न भूलें।
4.भोलेनाथ का मणिकरण मंदिर
हिमालय की तलहटी में भगवान शिव का भी मंदिर है। कहा जाता है कि देवताओं ने स्वर्ग से आकर यहां भगवान शिव की पूजा की थी। यहां स्थित शिवलिंग काले पत्थर से बने हैं। 1905 में आए तेज भूकंप के बाद भी ये मंदिर गिरा नहीं सिर्फ एक ओर हल्का झुक गया था। तब से ये मंदिर हल्का झुका हुआ ही है।
हिंदू धर्म का प्रमुख पीठ भी यहां स्थित है। कहा जाता है कि यहां स्थित विष्णु कुंड में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस कुंड में डुबकी लगाने से इंसान के अंदर का क्रोध और बुराई खत्म हो जाती हैं। कहा जाता है कि यहां के उबले पानी में पके भोजन को खाने से मनुष्य वैकुंटधाम को जाता है।
मणिकरण जा रहे हैं तो हॉट स्प्रिंग्स जरूर घूमने जाएं। कड़ाके की सर्दी में बिना किसी गीजर के यहां इतना गर्म पानी निकलता है कि आप उसमें चावल और दाल भी उबाल सकते हैं। यहां पहाड़ों के नीचे यूरेनियम और रेडियोधर्मी पदार्थ हैं जो पानी तो गर्म रखते हैं। लोगों का कहना है कि यहां नहाने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
हडिम्बा देवी मंदिर, मनाली
मनाली में है महाभारत काल का हिडिंबा मंदिर, यहां आने वाले यात्री भी करते हैं भीम की पत्नी की पूजा |
प्राचीन मंदिर आसपास की हरी-भरी हरियाली और हिमालय पर्वतों से घिरा हुआ है। मंदिर डूंगरी शहर के पास स्थित है। पुरानी कथाओं के अनुसार, भीम और पांडव मनाली से जब जा रहे हैं, तब उन्होंने हिडिंबा को राज्य संभालने की जिम्मेदारी थी। एक और कथा के अनुसार, जब हिडिम्बा का बेटा घटोत्कच बड़ा हुआ है, उन्हें राज्य की देखभाल का जिम्मा देकर, हिडिम्बा जंगल में ध्यान करने चली गई। कई साल बाद उनकी प्रार्थना सफल हुई और देवी को गौरव प्राप्त हुआ। आपको बता दें, महाराजा बहादुर सिंह ने इस मंदिर को बनवाया था।
जैसा की आप जानते हैं कि हिडिंबा पांडवों के दूसरे भाई यानी भीम की पत्नी थीं। ऐसा कहते हैं कि हिडिंबा एक राक्षसी थी, जो अपने भाई हिडिम्ब के साथ यहां रहा करती थी। कहा जाता है कि उन्होंने वचन लिया था कि जो भी उनके भाई हिडिम्ब को युद्ध में हरा देगा, वे उसे अपने वर के रूप में स्वीकार करेंगी। कुछ समय बाद पांडव निर्वासन के समय जब यहां पहुंचे तब उन्होंने हिडिम्ब से लड़ाई में उसे हरा दिया। इसके बाद हिडिम्बा और भीम की शादी हो गई।
हिडिम्बा देवी मंदिर की पहली खासियत यही है कि मंदिर को पैगोडा शैली में बनाया गया है, जिसकी वजह से ये सामान्य मंदिरों से काफी अलग है। ये मंदिर लड़की से बनाया है और इसमें चार छतें हैं। हिडिम्बा देवी मंदिर 40 मीटर ऊंचे शंकु के आकार का है और मंदिर की दीवारें पत्थरों से निर्मित हैं। मंदिर के दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी भी हो रखी है। मंदिर में एक लड़की का दरवाजा भी है, जिसके ऊपर देवी, जानवरों आदि की छोटी-छोटी पेंटिंग है।
6.मॉल रोड
17 वीं शताब्दी में, मॉल शब्द का मतलब एक सैर वाली जगह, सड़क का एक सेक्शन था, जहां लोग छुट्टियों के दिनों में घूमना-फिरना पसंद करते थे। 18वीं सदी के भारत में, मॉल रोड सैनिकों का घर हुआ करता था। मॉल रोड का उस समय अर्थ था 'विवाहित कपल्स के रहने के लिए जगह और लिविंग लाइन रोड’.
7.सिस्सू गांव
हिमाचल प्रदेश अपनी सुंदरता के लिए खूब फेमस है। यहां हर साल लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं। बात जब हिमाचल घूमने की हो तो लोगों के मन में सिर्फ मनाली का ही नाम आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनाली के अलावा भी हिमाचल में घूमने के लिए खूब सारी जगह हैं। अगर आप उन व्यक्तियों में से एक हैं जो नई जगहों को एक्सप्लोर करने में इंटरेस्ट रखते हैं तो फिर हिमाचल के छोटे- छोटे गांव आप घूम सकते हैं। आज हम आपको बताने वाले हैं हिमाचल में चंद्र के किनारे लाहौल घाटी में बसा हुआ एक गांव जो मनाली से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिस्सु के बारे में।
8.सिसु झरना
सिस्सू में वॉटरफॉल देखने भी आप जा सकते हैं। ये वॉटरफॉल लेह-मनाली के रास्ते पर है। यहां की खूबसूरती हर किसी को अपना दीवाना बना देती है। यहां से आप नेचर के आकर्षित नजारों को एंजॉय कर सकते हैं।
9.पैराग्लाइडिंग
पिछले कुछ वर्षों में या यह कहे कि कुछ दशक में यह फनी एक्टिविटी भारत में ज्यादा लोकप्रिय हुआ हैं, नही तो इस खेल का मज़ा हम केवल अपने टेलीविजन पर ही देख कर उठाते थे।
यह भारत में अधिकांश हिल स्टेशनों पर देखने को मिल जायेगा। भारत में इसका विकास लगभग 70 से 80 के दशक में शुरू हुआ, जो अब भी निरन्तर जारी हैं।
इसके अंतर्गत एक पैराशूट की तरह दिखने वाला (परन्तु पैराशूट नही) विशेष प्रकार से डिज़ाइन किया हुआ छोटा सा इंजन लगा हुआ हवाई विमान जैसी एक व्यवस्था हैं।
10.रिवर राफ्टिंग
रिवर राफ्टिंग एडवेंचर्स से भरा हुआ खेल है। भारत देश में रिवर राफ्टिंग का इतिहास बेहद पुराना है और अब इसका क्रेज आजकल युवाओं में बहुत देखने को मिलने लगा है। कई लोग रिवर राफ्टिंग को खतरनाक खेल बताते हैं, लेकिन आपको बता दें, ये एक्टिविटी कुछ भी खतरनाक नहीं होती। एक गाइड की निगरानी में रिवर राफ्टिंग करवाई जाती है, जिसमें बेहद मजा आता है।
हिमाचल घूमने जाने का सबसे अच्छा समय –
एकांत चाहने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग, हिमाचल प्रदेश साल भर घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है। हालाँकि, चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने के लिए मार्च से जून तक का समय हिमाचल घूमने के लिए सबसे अच्छा है। इसके अलावा, कई रोमांच के शौकीन सर्दियों में भी यात्रा की योजना बनाना पसंद करते हैं।