कुल्लू मनाली जो पौराणिक तथा प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम

Tripoto
3rd Sep 2020
Photo of कुल्लू मनाली जो पौराणिक तथा प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम by Janki tripathi
Day 1

कुल्लू मनाली- ‌‌ शिमला से रोड ट्रिप के द्वारा हम  लोग मनाली के तरफ चल पड़े। मनाली के रास्ते में सोलन मंडी आदि रास्ते पार करते हुए हम आगे बढ़ते जा रहे थे थे ।वैसे तो मंडी तक प्लेन रास्ता ही था दोनों तरफ पहाड़ी दुकाने रास्ते पर अनेक जूस फल आदि की दुकानें दोनों तरफ दिखाई दे रही थी। स्थानीय लोग बाजारों मैं दिखाई दे रहे थें। मंडी से आगे का पहाड़ी रास्ता शुरू हो गया  एक तरफ खाई और दूसरी तरफ पहाड़ और बीच में सड़क से होते हुए
गाड़ी आगे बढ़ती जा रही थी   ।  दूध  जैसी          सफेद नदी हमारे किनारे किनारे चल रही थी। कहीं रास्ते बिल्कुल सकरे दिख रहे थे रास्ते में नदी पार करने के लिए छोटे-छोटे        पुल बने  हुए थे। रास्ते का दृश्य बड़ा विहंगम था कल कल-कल करती नदी की आवाज हमारे कानों में गूंज रही थी।        ।           ‌‌ हम 10:00 12 घंटे में मनाली पहुंचे रात का समय था रोशनी से जगमगाता हुआ मनाली बहुत खूबसूरत दिख रहा था। माल रोड होते हुए हम आगे की तरफ बढ़ रहे थे माल रोड बहुत खूबसूरत जगह है । दूर-दूर से पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं हमारा होटल माल रोड से कुछ आ गया था हम रात में अपने होटल में विश्राम करने चले गए।                                                                         । दूसरे दिन सुबह हम लोग लोकल घूमने क प्रोग्राम बनाए सुबह  से  हल्की हल्की बारिश हो रही थी उसी में हम हिडिंबा टेंपल देखने निकले।

हिडिंबा मंदिर- ‌ हिडिंबा मंदिर यहां का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर है हम लोग 10:15 मिनट में मंदिर में पहुंच गए हैं हिडिंबा मंदिर लकड़ी से बनाया हुआ है। प्राचीन कला कृतियां लकड़ी पर बनी हुई है यहां पर महाभारत काल में पांडव यहां पर आए हुए थे और हिडिंबा राक्षसी से भीम का विवाह हुआ यहां पर लोग अपनी शादी तथा सुखी जीवन के लिए मन्नत मांगते हैं और पति पत्नी मिलकर धागा बांधते हैं। यह मंदिर बहुत बड़ा तथा ऊंची पहाड़ी पर स्थित है यहां पर हिडिंबा देवी की मूर्ति बनी हुई है लोग यहां जा कर पूजा    करते हैंऔर प्रसाद चढ़ाते है। मंदिर के पीछे बहुत से लोग यहां के   पारंपरिक परिधान में फोटो भी खिंचवाते हैं। मंदिर परिसर में वहां के स्थानीय लोग पहाड़ी फलो की दुकानें लगाते हैं। मंदिर परिसर के पीछे अनेक दुकानें मिल जाएंगी जहां    पर खाने-पीने तथा कपड़े  से संबंधित दुकानें है।      ‌ ‌।             ‌ वशिष्ठ ग्राम या वशिष्ट कुंड  -    हिडिंबा देवी मंदिर से कुछ दूरी पर ऊंची पहाड़ी पर ऊंचाई पर यह वशिष्ठ ग्राम बना हुआ है यहां पर ऋषि वशिष्ठ का प्राचीन मंदिर बना हुआ है यहां पर वशिष्ठ मुनि तपस्या किया करते थे यहां पर ऊंचाई से एक गर्म पानी का झरना हमेशा गिरता रहता है यहां पर गर्म पानी का ही कुंड बना हुआ है जो इस झरने  से   आकर इस गर्म पानी के कुंड में गिरता रहता है लोग कहते हैं इस गर्म पानी से त्वचा संबंधी रोग ठीक हो जाते हैं एक चमत्कारी पानी है लोग यहां आकर इस कुंड में स्नान करते हैं।                                                                          
रोहतांग पास-मनाली में ऊंचाई पर रोहतांग पास है यहां पर लोग बर्फबारी का आनंद लेने के लिए सरकारी गाड़ी बुक करा कर जाते हैं यहां पहले से गाड़ी बुक करवानी पड़ती है नहीं तो तत्काल गाड़ी नहीं मिल पाती है हम लोगों को गाड़ी नहीं मिल पाए तो हम लोग रोहतांग पास नहीं जा सके। यह पर खेल का मैदान हम लोग वहां जाकर बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे के ऊपर फेंकते हैं और  स्केटिंग करते हैं और बर्फ का आनंद उठाते हैं। खैर हम तो वहां नहीं जा पाए मन मसोसकर रह गया। हम लोग एक दूसरे जगह जाने का प्रोग्राम बना लिया ।
दूसरे दिन हमारा ड्राइवर हमें वहां के स्थानीय गाड़ी से सोलंग वैली घुमाने के लिए भेजा हम गर्म कपड़े मुझे दस्ताने टोपी और कोट आदि नीचे ही किराए पर ले लिए थे। उसे पहनकर हम सोलंग वैली के लिए रवाना हो गए। पहाड़ी घुमावदार रास्ते से होकर हम आगे की तरफ चल पड़े रास्ते में  जगह-जगह से सेब के बगीचे दिखाई दे रहे थे हम झरने और पहाड़ों का आनंद लेते हुए रास्ते से निकल रहे थे लगभग दो-तीन घंटे सफर करने के बाद जैसे  ही कुछ दूरी  बची थी
पहुंचने से पहले बारिश शुरू हो गई। रास्ते में जाम लग गया और हमारे आगे पीछे बहुत सी गाड़ियां   खड़ी   हो गई।  हम घंटों इंतजार करते रहे कि बारिश बंद हो और हम आगे बढ़े जब बारिश रुकी फिर भी हम आगे नहीं जा सकते थे क्यों आगे गाड़ियां लगी हुई थी और हमारे पास समय नहीं था शाम हो गई वापस लौटना था इसलिए हम वहां भी नहीं घूम पाए  शायद हमारी किस्मत खराब थी जो हम जाकरकुछ नहीं घूम   सकेऔर वापस आ गए। हमारा गाड़ी का किराया भीबेकार चला गया।

माल रोड-शाम को हम मॉल रोड घूमने निकले स्ट्रीट लाइट जल रही थी दूधिया रोशनी में माल रोड जगमग जगमगा उठा था ‌।बाजार में काफी चहल-पहल थी। लोग दुकानों पर खरीदारी कर रहे थे और कुछ लोग सड़क के किनारे  बेंच पर बैठकर आनंद ले रहे थे  बहुत ही खूबसूरत नजारा था। हर तरह के पर्यटक यहां आए हुए थे । यहां की दुकानों पर पर भीड़ लगी हुई थी लोग अपनी जरूरत के अनुसार सामान खरीदते हुए नजर आ रहे थे हम भी वहां से वहां से कुछ खरीदारी की । वहां लकड़ियों पर पेंटिंग करके तरह-तरह की आकृति बनाए गए थे जिस पर  लोग मनचाहा पेंटिंग करवाकर खरीद रहे थे बहुत ही अच्छा लग रहा था हम लोगों के लिए यह सब नय लगाऔर हमने भी कुछ पेंटिंग बनवाई ।                       

  मनाली में मॉल रोड के आस पास खाने पीने की बहुत सी दुकानें हैं वहां पर मोमोज, पाव भाजी और हर तरह के स्वादिष्ट खाने के रेस्टोरेंट्स और स्ट्रीट फूड की दुकानें लगी हुई थी। लोग   खाने-पीने का भरपूर आनंद उठा रहे थे। पर्यटकों   के लिए यह बेहद खूबसूरत जगह है।        तिब्बतियन मॉनेस्ट्री-माल रोड के आगे कुछ दूरी पर  स्थित है यहां पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगी हुई है  ।    यहां पर लोग भगवान बुद्ध की पूजा-आराधना करते हैं विशाल प्रांगण में बना हुआ यह मंदिर सुंदर तथा शांति प्रदान करता है यहां पर हर धर्म के लोग भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना     करते हैं यहां पर मन को शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है   ।                                                    
मनु टेंपल-मनाली में मनु टेंपल है यहां पर सृष्टि के पहले मा मानव अवतार पुरुष मनु का विशाल मंदिर ह। मनु महाराज की सुंदर प्रतिमा मंदिर में सुशोभित है।               ‌।                    ‌ कुल्लू मनाली में घूमने के लिए बहुत सुंदर सुंदर जगह है जो मन को खुशियों से भर देती है नदियां, पहाड़ ,बर्फ के ग्लेशियर ,हरियाली सभी मन को भावविभोर कर देते हैं वैसे तो बरसात को छोड़कर सितंबर से लेकर नवंबर तक तथा फरवरी से जून तक कभी भी जाया जा सकता है वहां का मौसम बहुत सुहाना रहता है। मनाली में हमें हर तरह के होटल , लॉज, रिजॉर्ट आदि उचित मूल्य पर हमारे बजट के अनुसार मिल जाते हैं। खैर हमारी यात्रा सुखद और सुंदर रहे हम वहां की यादों को समेट कर घर के लिए रवाना हो गए ।                                   

Janki tripathi.

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