गणेश भक्तों को जिस दिन का इंतजार गणपति बप्पा के विसर्जन के बाद से रहता है, आखिरकर एक साल बाद वह दिन एक बार फिर लौट आया है। वैसे तो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई साल भर जीवन के सभी रंगों से सरोबार ही रहती है, लेकिन गणपति बप्पा के आगमन के बाद इस पर उत्साह, उमंग और उल्लाह का चटख रंग चढ़ जाने के चलते मुंबई की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं।
गणेशोत्सव के दौरान मुंबई को हद से ज्यादा खूबसूरत बनाने में सबसे बड़ा योगदान यहां के कुछ जगप्रसिद्ध गणपति पंडालों का होता है। मुंबई में ऐसे कई नामचीन गणपति मंडल है जहां विराजमान होने वाले गणपति बप्पा के दर्शन के लिए 10 दिनों के दौरान लाखों की संख्या में भक्त उमड़ते हैं। तो चलिए आज हम आपकों मुंबई के कुछ ऐसे ही सुप्रसिद्ध गणपति मंडलों के बारे में बताने वालें है, जिसकी वजह से 10 दिनों तक मुंबई शहर इतना खूबसूरत हो जाता है कि मानों स्वर्ग धरती पर ही उतर आया हो।
1) लालबागचा राजा
लालबाग में विराजमान किए जाने वाले गणपति बप्पा को सिर्फ लालबागचा राजा ही नहीं बल्कि मुंबई का राजा भी कहा जाता है। शायद इतना काफी है लालबागचा राजा मंडल की भव्यता का अंदाजा लगाने के लिए। मुंबई के लोवर परेल इलाके में स्थित लालबागचा राजा की 1934 में स्थापना हुई थी। गणेशोत्सव के दौरान इस पंडाल में लाखों लोग बप्पा के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। मुंबई में मौजूद शायद ही ऐसा कोई सेलेब्रिटी होगा, जो लालबागचा राजा के दर्शन करने नहीं आता। अगर आपको भी लालबागचा राजा के दर्शन करने हैं, तो चिंचपोकली या करी रोड में से किसी भी एक रेलवे स्टेशन पर उतरकर लालबाग मार्केट जा सकते हैं।
2) गणेश गली चा राजा
आज से 90 साल पहले 1928 में स्थापित हुए गणेश गली चा राजा मुंबई शहर के सबसे भव्य गणेश पंडालों में से एक है। गणेश गली चा राजा मुंबई के मशहूर लालबागचा राजा से कुछ ही दूरी पर स्थित है। गणेश गली चा राजा का अपना ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि यह मुंबई के सबसे पुराने गणपति मंडल में से एक है। यहां तक पहुंचने के लिए आप चिंचपोकली, कारी रोड या फिर लोवर परेल रेलवे स्टेशन उतरकर कुछ मिनटों की पैदल यात्रा कर पहुंच सकते हैं। गणेश गली के राजा की मुख्य विशेषता यहां की गणेश मूर्ति और सजावट है।
3) जीएसबी सेवा किंग सर्कल
1954 में कर्नाटक से आए एक ब्राह्मण परिवार द्वारा शुरू किए गए जीएसबी सेवा किंग सर्कल गणपति की कुछ बातें ऐसी हैं जो उसे मुंबई के सभी गणपति पंडालों से अलग खड़ा करती है। वैसे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यहां गणपति तो मिट्टी के ही बने होते है लेकिन मिट्टी से बनी मूर्ति की बनावट और सजावट ना सिर्फ खूबसूरत बल्कि जीवंत भी होती है। जीएसबी सेवा किंग सर्कल गणपति की दूसरी खासियत है गणपति की मूर्ति पर चढ़ाए जाने वाला बेशुमार सोना। एसएनडीटी वीमेन कॉलेज के नजदीक किंग सर्कल पर स्थित जीएसबी वाले बप्पा के दर्शन करने लिए आपको सेंट्रल लाइन के माटुंगा या फिर वेस्टर्न लाइन के माटुंगा रोड स्टेशन उतरना होगा।
4) खेतवाड़ी का राजा
मुंबई के इस इलाके में कुल 13 गालियां हैं और हर गली में गणपति विराजमान होते हैं। लेकिन गली नंबर 12 में विराजमान होने वाले गणपति सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। 1959 से शुरू हुए खेतवाड़ी का राजा मंडल में बिठाए जाने वाले गणपति की विशेषता उनकी भव्य ऊंचाई होती है। खेतवाड़ी चा राजा ने पहली बार प्रसिद्धि तब पाइ थी, जब 2000 में यहां गणेश भक्तों द्वारा 40 फीट ऊंची गणेश प्रतिमा विराजमान की गई थी। वेस्टर्न लाइन के चर्नी रोड या सेंट्रल लाइन के सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन उतरकर वहां से आप 15 मिनट पैदल चलकर इस पंडाल तक पहुंच सकते हैं।
5) कमाठीपुरा का चिंतामणि गणेश
कमाठीपुरा के चिंतामणि गणेश कमाठीपुरा के 14th लेन में विराजमान होते हैं। आपकों बता दें कि कमाठीपुरा एशिया में स्थित दूसरा सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। वेश्याओं का इलाका होने की वजह से कि कमाठीपुरा के चिंतामणि गणेश पंडाल में उतनी बड़ी संख्या में लोग दर्शन लेने नहीं आते। हालांकि हर बार अपनी अगल थीम के चलते कमाठीपुरा के चिंतामणि गणेश अपने भक्तों के बीच चर्चा का विषय बने रहतें हैं। अगर आप भी आराम और इत्मीनान के साथ कमाठीपुरा के चिंतामणि गणेश के दर्शन करना चाहते हैं, तो मुंबई सेंट्रल या फिर ग्रांट रोड स्टेशन उतरकर यहां बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।
6) डोंगरी चा राजा
गणेश महोत्सव के दौरान मुंबई में देखने लायक सबसे खूबसूरत पंडालों में से एक में डोंगरी चा राजा का नाम भी शामिल है। अगर आपका मन भी 10 दिनों के गणेशोत्सव के दौरान गणपति बप्पा के सभी सुप्रसिद्ध पंडालों को खूबसूरती निहारने का है तो एक नजर गणेश चौक, डोंगरी स्थित डोंगरी चा राजा की तरफ भी डालिएगा। यहां तक पहुंचने के लिए आपकों सांताक्रुज रेलवे स्टेशन उतरना होगा। स्टेशन से पंडाल तक की दूरी आप 15 से 20 मिनट की पैदल यात्रा करके आसानी से तय कर सकते हैं। यहां पहुंचकर पंडाल में कदम रखते ही आप समझ जाएंगे कि हमने डोंगरी चा राजा को इस लिस्ट में जगह क्यों दी।
7) परेल चा राजा
जैसे मुंबई के हर गणेश पंडाल की अपनी कुछ-न-कुछ विशेषता होती है, उसी तरह परेल चा राजा की जो बात इस मंडल को सबसे अलग बनाती है, वो है इस मंडल द्वारा अपनी सजावट के जरिए हर साल किसी न किसी सामाजिक मुद्दे को उठाया जाना। साथ ही जहां बाकी गणेश मंडलों में गणपति जी की मूर्ति विश्राम अवस्था में होती है। वहीं परेल चा राजा के बप्पा हमेशा खड़ी अवस्था में होते हैं। साल 1947 में स्थापित हुए इस मडंल तक पहुंचने के लिए आपको सेंट्रल लाइन के परेल या फिर वेस्टर्न लाइन के प्रभादेवी(एलफिंस्टन) रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
8) अंधेरी चा राजा
अंधेरी चा राजा मुंबई के उन गणपति पंडालों में से एक है जहां बॉलीवुड और टीवी सितारों का मजमा लगा रहता हैं। अंधेरी चा राजा का सारा संचालन करने वाले आजाद नगर सार्वजनिक उत्सव समिति की स्थापना साल 1966 में टाटा स्पेशल स्टील एंड एक्सेल इंडस्ट्रीज लिमिटेड में काम करने वाले कर्मचारियों द्वारा की गई थी। वीरा देसाई रोड, आज़ाद नगर, अंधेरी पश्चिम में स्थित अंधेरी चा राजा के दर्शन के लिए आप या तो अंधेरी रेलवे स्टेशन उतर सकतें हैं या फिर आज़ाद नगर मेट्रो स्टेशन उतरकर अंधेरी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स जा सकते हैं। वैसे यहां आपको बप्पा के साथ-साथ बॉलीवुड सेलेब्रिटी भी नजर आ सकते हैं।
9) चिंचपोकली चा राजा
ऐसी कई चीजें हैं जो चिंचपोकली चा राजा को मुंबई के बाकी मंडलों से अलग करती हैं। आपको यह जानकर खुशी होगी कि चिंचपोकली चा राजा मुंबई के बड़े गणेश मंडलों में संभवतः अकेला ऐसा मंडल हैं जहां विसर्जन के वक्त फिल्मी गानों की बजाय सिर्फ भक्तिमय गाने बजाए जाते हैं। चिंचपोकली सार्वजनिक उत्सव मंडल द्वारा 1920 में स्थापित चिंचपोकली चा राजा का प्रमुख आकर्षण यहां का 'आगमन सोहळा' रहता है। जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं। चिंचपोकली चा राजा के दर्शन के लिए आपको चिंचपोकली रेलवे स्टेशन उतरना होगा।
10) केशवजी नाईक चॉल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल
मुंबई के 10 सबसे भव्य और नामचीन गणपति पंडालों में सबसे अंत मे केशव जी नाईक चॉल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल का जिक्र करने का कारण यह है कि यह मंडल बाकी सभी मंडलों से ज्यादा खास है। वो इसलिए कि यह मंडल मुंबई, महाराष्ट्र में मनाए जाने वाले सार्वजनिक गणेशोत्सव का उत्पत्ति स्थल है। दरअसल यही वो सावर्जनिक गणपति मडंल है जिसकी स्थापना स्वयं क्रांतिकारी लोकमान्य तिलक ने साल 1893 में की थी। इसलिए इस मंडल के लिए मुंबई के लोगों के दिल में एक अलग ही जगह है। गिरगांव स्थित केशवजी नाईक चॉल सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल जाने के लिए आपको चर्नी रोड स्टेशन पर उतरना होगाष वहां से आप निकदवारी लेन के लिए टैक्सी पकड़ सकते हैं।
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