
13 दिसंबर 2021
हम चार दोस्तों की चाय पर चर्चा करते हुए दिल्ली से औली जाने का प्लान बन गया। फटाफट रेंट पर कैब बुक की और दूसरे दिन सुबह सुबह 5 बजे हम निकल गए, दिसंबर का महीना था दिल्ली की ठंड थी लेकिन घुमककड़ी और रोड ट्रिप के उत्साह से हम चारों में गर्माहट भरपूर थी। दिल्ली से हरिद्वार के बीच एक जगह चाय पीने रुके और फिर नए पुराने गानों की लिस्ट के साथ हम हरिद्वार पहुंचे । वहां हम मुख्य घाट में न जाकर आगे एक घाट पर रुके वहां मां गंगा का स्पर्श प्राप्त किया ,घर से पैक किया हुआ खाना खाया और खाने के बाद सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए बढ़िया बढ़िया फोटो खींच कर आगे बढ़े ,,1 घंटे मे हम ऋषिकेश पहुंचे सबसे पहले गाड़ी पार्किंग में लगाकर हम रिवर राफ्टिंग के लिए गए । उस दिन राफ्टिंग की फिर रात मे डिनर के बाद लक्ष्मण झूले पर एक लंबी वॉक ली और फिर थके हारे होटल में सो गए , दूसरे दिन हमे आगे औली के लिए निकलना भी था।





14 December 2021
अगले दिन हम ऋषिकेश से निकले आगे जाके देव प्रयाग से पहले हमने रास्ते मे रुक कर नाश्ता किया और ऑन द वे औली के लिए चल पड़े। खूबसूरत वादियों का लुफ़्त उठाते हुए हम रात में जोशीमठ पहुंचे वहां डिनर किया और ऊपर औली की ओर चल पड़े। अधिकतर लोग जोशीमठ में ही स्टे करते हैं लेकिन हमने अपना स्टे औली में बुक किया था जो उत्तराखंड पर्यटन विभाग का गेस्ट हाउस था। औली पहुंचते ही हमे एहसास हुआ कि शायद अभी यहां स्नो नहीं मिलेगी क्योंकि गूगल के हिसाब से औली आ ही गया था लेकिन हमे स्नो नहीं दिख रही थी। ऊपर से हमारे ड्राइवर भैया ने भी घोषणा कर दी की जनवरी में ही बर्फ गिरती हैं यहां। मन थोड़ा उदास हो गया लेकिन कुछ दूर चलते ही ये क्या रास्ते के दोनों तरफ बर्फ दिखने लगी अब मन प्रसन्न हो गया और देखते ही देखते हमारे सामने धरती पूरी सफेद बर्फ की चादर से ढकी हुई थी। हम फाईनली औली पहुंच गए और अपने गेस्ट हाउस में पहुंचे। तापमान माइनस में था मानो लग रहा था की शरीर का खून भी जम रहा हो। रूम में पहुंचे हीटर के सामने से हटे नहीं हमलोग। रात बीत गई,,,,



15 December 2021
उस दिन सुबह पर्वत श्रृंखलाओं के बीच उनको निहारते हुए चाय का आनंद दुगुना हो गया था । फिर रेडी होकर हम औली घूमने निकले। हमने ऊपर जाने के लिए रोप वे का प्रयोग किया। ओपन रोप वे का अनुभव अदभुद था। ऊपर पहुंच के वहां औली झील देखी और दूर दूर तक बिखरी बर्फ में खूब मस्ती की।दिन भर निकल गया फिर वापस आ गए।
डिनर किया और यह दिन भी गुजर गया।





Next Day हमने ट्रेक करके ऊपर जाने का प्लान किया और ट्रेक करके पहुंच गए। बर्फ में ट्रेक करना थोड़ा मुश्किल होता हैं इसलिए प्रोपर शूज और स्टिक की आवश्यकता पड़ती ही है। फिर हम ऊंचाई पर गए जहा बर्फ की लेयर काफी मोटी थी।वहा ठंड भी बहुत ज्यादा थी, पूरा दिन 4वहीं निकल गया और जैसे ही धूप जाने लगी ठंड बढ़ती गई हमने जल्दी जल्दी नीचे उतरना शुरू किया ताकि अंधेरा होने से पहले अपने कूचे पर पहुंच जाए। यकीन मानिए चढ़ने से ज्यादा उतरने वाला ट्रेक मुश्किल था।मेरे तीनों दोस्त तो कई बार गिरे भी। मैं कदम फूक फूक कर रखने की वजह से नहीं गिरी। जैसे तैसे हम नीचे आए और राहत की सांस ली वो दिन एडवेंचर भरा था।

खूबसूरत यादों का पिटारा लेकर हम अर्ली मॉर्निंग ही औली से निकल गए क्योंकि हमे उसी रात दिल्ली पहुंचना था। पूरा दिन ट्रेवल किया रास्ते में कुछ देर देव प्रयाग में रुके वहा संगम पर डुबकी भी लगाई और सीधे दिल्ली की ओर प्रस्थान किया। रात में 10 बजे के करीब हम दिल्ली पहुंच गए। और ऐसे हमारी ये यात्रा पूरी हुई।
हमारी ये ट्रिप बजट में रही जिसमें हमने बहुत मजा किया और बहुत आराम से घूमे।


