बद्रीनाथ यात्रा

Tripoto
20th Oct 2019
Day 2

दोपहर के 12:30 बज रहे थे और हम ही लोग अपनी कार को स्टार्ट कर कर मुरादाबाद से बद्रीनाथ की ओर प्रस्थान कर रहे थे बद्रीनाथ जाने के लिए हमारे पास दो रास्ते से एक था कोटद्वार हाईवे दूसरा था राम नगर होते हुए तो हमने रामनगर होते हुए जाने का रास्ता चुना क्योंकि हम काफी लेट निकले थे इसलिए रास्ते में एक गांव चौखुटिया पड़ा और उसी चौखुटिया में हमने अपनी पांचवी खटिया बिछा ली और रात में विश्राम करा यह शहर पहाड़ियों के बीच में एक समतल जगह पर बसा हुआ था था तो छोटा सा ही लेकिन सुंदर था वहां पर खेती की जमीन भी थी

Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Day 3

अगले दिन प्रातः 7:00 हमने अपना आगे की ओर सफर शुरू किया सुबह के समय ठंड का अनुभव हो रहा था और एक सुनहरे सफर की शुरुआत की हमें कुछ दूरी पहाड़ियों के पीछे बर्फ वाले पहाड़ भी दिखाई दे रहे थे जो कि मैं कार पर आगे की सीट पर बैठा था तो ज्यादा फोटोग्राफी नहीं कर पाया लेकिन पर्याप्त फोटोग्राफी हुई एक जगह जब हम रुके तब हम बादलों से ऊपर थे एक गांव था जो बादलों के नीचे बसा हुआ था वहां से आने के बाद पता लगा कि वह एक ऐसा गांव था जहां कभी बारिश नहीं होती क्योंकि जिस जगह पर मैं खड़ा था वह बादलों से ऊपर थी अब यह मिथ्या थी यह सत्य है यह तो नहीं पता समय बीतता गया और कुछ समय पश्चात हम कर्णप्रयाग पहुंचे जहां पर काफी ज्यादा वाहन थे क्योंकि सारे रूट वहीं आकर मिलते थे और बद्रीनाथ जाने वालों को कर्णप्रयाग तो आना ही होगा  प्रयाग से आगे का रास्ता तय करना था दोपहर के 2:00 बज चुके थे लगभग 3 घंटे का सफर और बचा था बद्रीनाथ जाने से कुछ पहले पहाड़ अत्यंत भयावह थे शाम 5:00 बजे के समय हम बद्रीनाथ पहुंच चुके थे ऊपर नीलगिरी पर्वत बहुत ही सुंदर एवं चमकीला चमक रहा था बहुत ही सुंदर दृश्य था शाम का समय था तापमान गिर रहा था हम मंदिर की ओर प्रस्थान करने लगे मंदिर के नीचे एक कुंड था जिसमें हमेशा गर्म पानी निकलता था जिसमें कुछ लोग नहा रहे थे हम नहीं नहाए क्योंकि हम लोग सुबह के नहाए हुए थे मंदिर के अंदर जाकर आरती और फिर हम होटल की खोज में निकल गए रात के 12:00 बजे तापमान -8 से -12 डिग्री तक चला गया था इतनी ठंड थी कि सांस लेने में भी दिक्कत रही थी एवं नींद आने में भी अंततः रात के 1:00 बजे नींद आ गई अब सुबह की बारी थी

Day 4

सुबह 5:00 बजे सो कर उठे सोकर उठने पर सबसे पहले मैंने बाहर गया और नीलगिरी पर्वत देखा एक अद्भुत दृश्य था सुबह 7:00 बजे तक उसने लगभग 5 रंग बदल लिए थे अपना डीएसएलआर कैमरा साथ में ले जाने के कारण उस पल को कैद ना करने का थोड़ा अफसोस तो जरूर रहेगा क्योंकि हमारी गाड़ी में डीजल कम था और हमें डीजल 8:00 बजे से पहले मिलना तो हमने बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर दूर स्थित माणा गांव में जाने का विचार किया माणा गांव चौकी हिंदुस्तान का अंतिम गांव माना जाता है पूरे गांव में रास्ता पैदल का ही है वहां पर स्थित गणेश गुफा बाप व्यास गुफा एवं भीम पुल सरस्वती नदी की गुफा आदि देखने योग्य चीजें हैं माणा गांव के बारे में कुछ लोग तो यह भी बताते हैं कि यहां पर आने के बाद कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं रहता इसीलिए इसे अमीरों का गांव भी कहते हैं माणा गांव से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है एक वसुधारा जहां मैं तो नहीं जा पाया था लेकिन लोग बता रहे थे कि बहुत ही अच्छा वाटरफॉल है इसी तरह से माना से वापसी करने के बाद हम लोगों ने केदारनाथ जाने का विचार किया वैसे मेरा अपना मानना है कि केदारनाथ पहले जाना चाहिए और बद्रीनाथ बाद में पर जैसी हरि की इच्छा हमने केदारनाथ के लिए ऑनलाइन हेलीकॉप्टर बुकिंग का बहुत प्रयास किया लेकिन सफल ना हो सके अंततः वहां जाकर खच्चर से ही चढ़ाई करनी पड़ी लेकिन तीसरे दिन की रात हम सीतापुर में रुके वहां से थोड़ी दूर से ही खच्चर ऊपर की ओर जाते थे केदारनाथ हिमालय की पहाड़ियों के नीचे बसा एक बहुत ही खूबसूरत मंदिर है

Day 1
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma
Photo of बद्रीनाथ यात्रा by Shubham Sharma