जब भी हम मानसून में शानदार रोड ट्रिप की बात करते हैं तो आम तौर पर हमें मुंबई-पुणे, बेंगलुरु-कूर्ग जैसे कुछ बेहद खूबसूरत सफर याद आते हैं और अगर खूबसूरत सफर के साथ आप एक अद्भुत जगह भी देखें जो सुंदर दृश्यों से भरी हुई है, फिर तो क्या ही कहने...
इसलिए आज हम आपको एक ऐसी छिपी हुई लेकिन इतनी खूबसूरत रोड ट्रिप के बारे में बताने जा रहे हैं, जो चारों ओर से हरी-भरी पहाड़ियों और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। साथ ही यहां का प्राचीन गुफा में स्थित महादेव मंदिर और हरे भरे पहाड़ों के बीच में ख़ूबसूरत झरने निश्चित रूप से आपको असीम आंतरिक शांति और वास्तविक खुशी देंगे। तो चलिए हम आपको इस शानदार रोड ट्रिप के सफर पर ले चलते हैं...
मानसून की शुरुआत हो चुकी थी और हम थे अपनी बांसवाड़ा ट्रिप पर, जहां से पास में ही था रतलाम जिसके बारे में सुनते ही "जब वी मेट" फिल्म से "रतलाम की गलियों" वाला डायलॉग याद आ रहा था लेकिन बिलकुल नहीं सोचा था की बांसवाड़ा से रतलाम का ये सफर हमारे जीवन की सबसे खूबसूरत यादों में से एक बन जाएगा।
बांसवाड़ा पहले से इतना खूबसूरत है और बांसवाड़ा शहर से कुछ दूर निकलते ही ऐसे नजारे दिखने लगे जिसे देख कर विश्वास नहीं हो रहा था कि कुदरत का इतना खूबसूरत तोहफा अभी तक पर्यटकों की नजरों से दूर है।
रास्ते में कुछ जगहों पर हम रुके और कुछ समय बिताया लेकिन सच में पूरे रास्ते में ऐसी बहुत सी जगहें आती है जहां आप बस बैठना और एक लंबा सुकून भरा समय बिताना चाहेंगे लेकिन जैसा कि हमें रतलाम में कई जगहों पर जाना था, इसलिए हमने आगे जाने का फैसला किया।
लगभग 58 किलोमीटर के बाद हम रतलाम जिले के सैलाना गांव में स्थित कल्याण केदारेश्वर महादेव मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुँचे और फिर हम अपनी कार से गेट में दाखिल हुए। इस समय भी हमें उम्मीद नहीं थी कि यह जगह इतनी खूबसूरत होगी। थोड़ा आगे जाने के बाद हमने पाया कि सड़क थोड़ी क्षतिग्रस्त हो गई है इसलिए हमने अपनी कार वहीं पार्क करने का फैसला किया और अपनी कार पार्क करने के बाद हम नीचे चलने लगे...
कुछ ही क्षणों के बाद हमने दो खूबसूरत झरनों के साथ अद्भुत हरी-भरी घाटी देखी... पूरी तरह से हमारी उम्मीदों से परे...
हम सोच रहे थे कि यह जगह भारत के टॉप मॉनसून डेस्टिनेशंस की लिस्ट में क्यों नहीं है। मंदिर की ओर जाने से पहले आपको दो प्राकृतिक झरनों के साथ चारों ओर हरी-भरी हरियाली की अपार प्राकृतिक सुंदरता दिखाई देगी।
ये झरने आमतौर पर मानसून के दौरान बहते हैं। एक बहुत दूर है जहां हम नहीं जा सकते थे लेकिन पास वाला हमें वास्तव में जीवन का एक अलग ही अनुभव दे रहा था।
दूधिया झरना और इस झरने के पीछे एक गुफा थी और इस खुली गुफा के अंदर भगवान शिव का मंदिर था और वहाँ तक पहुँचने के लिए अच्छी तरह से बनी हुई सीढ़ियाँ उपलब्ध थीं।
हम सीढ़ियों से नीचे उतरे और क्या कहें..हमारे पास उस अद्भुत गुफा को समझाने के लिए कोई शब्द नहीं है, हम बस यही सोच रहे थे कि प्रकृति ने इस जगह को बहुत ही बेहतरीन तरीके से बनाया है। एक विशाल गुफा जो की एक तरफ से खुली थी और उस में विराजमान भोलेनाथ और ऊपर की तरफ एक विशाल चट्टान वो भी बीच में बिना किसी सहारे के, मानो जैसे भोलेनाथ को छत्र प्रदान करने के लिए ही इस रूप में स्थित हो...
गुफा जो एक तरफ खुली थी और इस तरफ आप शिवलिंग के ठीक सामने झरना देख सकते हैं। वास्तव में यह देखना अद्भुत था और इसे शब्दों में समझाया नहीं जा सकता।
इस जगह पर हमने अपने आप को जीवन में पहली बार झरने के पीछे पाया और वास्तव में यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय क्षण था। हम सावन महीने की शुरुआत में इस मंदिर में गए थे और कल्याण केदारेश्वर महादेव के दर्शन के बाद हमें जो आंतरिक शांति और वास्तविक आनंद मिला, वह वास्तव में अमूल्य था।
दर्शन के बाद हम सीढ़ियों से ऊपर चले गए और झरने के दूसरी तरफ हम इस झरने के स्रोत को देखने गए। और फिर हमने महसूस किया कि इस जगह की खूबसूरती अभी खत्म नहीं हुई है। हमने बैकग्राउंड में हरे-भरे पहाड़ों के साथ एक छोटी जलधारा बहती देखी। हमारी बेटी इहाना और हम पहले से ही झरने और गुफा को देखकर मंत्रमुग्ध थे फिर भी हम इस जलधारा के पास जाने के लिए बहुत उत्साहित हो गए।
हमने वहां कुछ ख़ूबसूरत समय बिताया और इन पलों को हमेशा के लिए अपनी यादों में सहेज लिया। हम आपको बताना चाहेंगे कि पर्यटकों की भीड़ के बिना आपको इस स्तर की प्राकृतिक सुंदरता से भरा स्थान कहीं और नहीं मिलेगा।
इसलिए हम आपको इस मानसून के मौसम में इस स्थान के लिए अपनी यात्रा की योजना बनाने की सलाह जरूर देंगे।
इसके अलावा बांसवाड़ा जिले में बहुत सारे अद्भुत स्थान हैं जो आप हमारे अन्य लेखों में देख सकते हैं और रतलाम, बांसवाड़ा के अन्य पर्यटन स्थलों के लिए भी हम जल्द ही आर्टिकल्स लाने की कोशिश करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए आप हमारे YouTube चैनल WE and IHANA पर जा सकते हैं
https://youtube.com/c/WEandIHANA
या फिर हमारा 'रतलाम' का Vlog भी देख सकते हैं
यहां कैसे पहुंचे:
रेल मार्ग द्वारा:
रतलाम से देश के हर कोने में जाने वाली रेलगाड़िया गुजरती है और इसीलिए रतलाम पहुंचने के लिए रेल मार्ग सबसे आसान विकल्प होगा। रतलाम से यह रतलाम-बांसवाड़ा मार्ग पर लगभग 25 किलोमीटर है।
हवाई मार्ग द्वारा:
आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो इंदौर हवाई अड्डा रतलाम का निकटतम हवाई अड्डा है और फिर रतलाम से आप 25 किलोमीटर दूर कल्याण केदारेश्वर महादेव मंदिर तक पहुँचने के लिए कैब ले सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा:
आप इंदौर या उदयपुर जैसे बड़े शहरों से बस या टैक्सी द्वारा आसानी से रतलाम पहुँच सकते हैं। उदयपुर से इस खूबसूरत जगह की दूरी लगभग 210 किलोमीटर है और बांसवाड़ा से अगर आप रतलाम की ओर जाते हैं तो यह जगह आपको राजस्थान के बांसवाड़ा से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर उसी सड़क पर मिल जाएगी।
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