आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा

Tripoto
30th Jan 2021
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Day 1

हम सभी ने बचपन से लेकर बड़े होने तक कई बार ट्रेन में सफर किया है। वैसे तो ट्रेवल करने के लिए आपको कई माध्यम मिल जाएंगे, लेकिन ट्रेन में घूमने का अपना एक अलग ही आनंद है। आज के समय में ट्रेन के माध्यम से आप ना सिर्फ दो शहरों के बीच आसानी से ट्रेवल कर सकती हैं, बल्कि एक ही शहर के अलग-अलग कोनों में यात्रा करने और अपने यात्रा के समय और पैसे बचाने का भी यह बेहतरीन तरीका है। वैसे तो आप भी कई बार ट्रेन में घूमी होंगी। लेकिन इन सबके बीच भी आपने काफी कुछ मिस किया होगा। ट्रेन की तेज रफ़्तार के बीच आपको शायद नेचुरल ब्यूटी को एक्सप्लोर करने का मौका ना मिला हो। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो अब समय है कि आप भारत की पॉपुलर टॉय ट्रेनों में एक बार सफर जरूर करें। ये टॉय ट्रेन एक ही समय में एक शांत और रोमांचक अनुभव से कम नहीं है और यही कारण है कि जीवन में एक बार आपको इन टॉय ट्रेन में सफर जरूर करना चाहिए। तो चलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको भारत में मौजूद कुछ पॉपुलर टॉय ट्रेन के बारे में बता रहे हैं। जो आपके सफर को काफी यादगार बना देंगे।

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, पश्चिम बंगाल

Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav

यह ट्रेन न्यू जलापाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच चलती है। दिसंबर 1999 में यूनेस्को की तरफ से इस ट्रेन को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिल चुका है। भले ही न्यू जलापाईगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच दूरी करीब 78 किलोमीटर है इन दोनों स्टेशनों के बीच करीब 13 स्टेशन हैं। यह पूरा सफर करीब आठ घंटे का है। इस पूरे सफर में ट्रेन से दिखने वाले नजारे बेहद लाजवाब होते हैं। इस ट्रेन की सवारी किए बिना दार्जिलिंग की यात्रा को अधूरा माना जाता है। इस ट्रेन में सफर करना काफी रोमांचक हो जाता है। आप इस ट्रेन में दार्जिलिंग के चाय के बागानों के अलावा काफी चीजों का नजारा देख सकते हैं।

इनकी बुकिंग आप IRCTC की वेबसाइट से कर सकते है या फिर दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन से भी कर सकते है आपको अब भी समस्या हो तो आप दार्जिलिंग पहुँच कर वहाँ के किसी भी टूर ऑपरेटर से टिकट बुक करवा सकते हो आपको दार्जिलिंग में हर जगह यह सुविधा मिल जायेगी।

कालका-शिमला टॉय ट्रेन, हिमाचल

Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav

कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर चलने वाली ऐतिहासिक टॉय ट्रेन शिमला तक पहुंचने का आसान जरिया है। इस टॉय ट्रेन के लिए ट्रेक को 1903 में ही तैयार कर लिया गया था। अब यह शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यह हरी-भरी पहाड़ियों से होकर गुजरती है। यह ट्रेन 96 किमी लंबे ट्रैक पर चलती है और 20 स्‍टेशनों को कवर करती है। अपने पूरे सफर में यह ट्रेन 103 सुरंगों, 800 पुल और करीब 900 घुमावदार मोड़ को कवर करती है। इस ट्रेन की पूरी ट्रिप को कवर करने में 5 घंटे लगते हैं। यह चंडीगढ़ के निकट कालका से शुरू होती है और शिमला तक जाती है। रास्‍ते भर ट्रेन में खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का लुत्‍फ आप उठा सकते हैं। कालका-शिमला टॉय ट्रेन में लगभग 5 घंटे की यात्रा आपको एक बेहद ही यादगार अनुभव प्रदान करती है।

इस ट्रेक पर चलने वाली टॉय ट्रेन-

1. कालका शिमला एन जी पैसेंजर सुबह 3:30 बजे किराया 25 रूपये।

2. शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस सुबह 05:45 बजे किराया 50 रूपये।

3. कालका शिमला एन जी एक्सप्रेस सुबह 06:20 बजे किराया 50 रूपये।

4. हिमालयन क्वीन दोपहर 12:10 बजे किराया 25 रूपये।

ये सारे किराये जनरल डिब्बे के है आप बड़े आराम से कालका में टिकट खरीद सकते है और शिमला के बर्फीले पहाड़ो को करीब से देख सकते है।

कांगड़ा वैली रेलवे, हिमाचल

Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav

कांगड़ा वैली रेलवे भारत की एक और हेरिटेज टॉय ट्रेन हैं।कांगड़ा वैली रेलवे जिसे केवीआर के नाम से जानते हैं। ये लाइन पंजाब के पठानकोट शहर से शुरू होती है और हिमाचल प्रदेश में जोगिंदर नगर नामक छोटे से पहाड़ी कसबे तक जाती है। देश में जितने भी नैरोगेज रेलवे मार्ग बने उनमें कांगड़ा वैली रेलवे सबसे नया है। ये रेलमार्ग सैलानियों को कांगड़ा की मनोरम वादियों की सैर कराता है। जहाँ से आप धौलाधार के बर्फीले शिखरों को देखने का आनंद ले सकते हैं। यह ट्रेन यूनेस्को की वर्ल्ड साइट है, जो पालमपुर के कई पुलों और चाय बागानों से गुजरती है। यह टॉय ट्रेन पठानकोट जंक्शन से होकर ज्वालामुखी रोड, कांगड़ा, नगरोटा, पालमपुर, बैजनाथ व जोगिंद्रनगर रूट पर चलती है।

कांगड़ा वैली रेलवे के टिकाक की बुकिंग आप IRCTC की वेबसाइट या फिर पठानकोट में कर सकते हो।

नीलगिरि माउंटेन रेलवे, तमिलनाडु

Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav

यदि आप नीलगिरि माउंटेन टॉय ट्रेन की यात्रा की हैं, तो यकीनन आपको अपनी सांस रोकनी ही पड़ेगी। यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि एशिया में एक खड़ी ढाल वाला रास्ता है। घने जंगलों, चट्टानी इलाक़ों और धुंध भरे पहाड़ी इलाकों से गुजरते हुए, नीलगिरि माउंटेन टॉय ट्रेन भारत की सबसे विस्मयकारी टॉय ट्रेन में से एक है। इसके अलावा, यह भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है। इसी टॉय ट्रेन पर शाहरुख खान के ‘चल छइयां-छइयां' गाने की शूटिंग हुई थी। हालांकि यह देश की सबसे धीमे चलने वाली ट्रेन है। यह केवल 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल पाती है। पहाड़ों पर कहीं-कहीं तो इसकी रफ्तार महज 5 किमी प्रति घंटा ही रह जाती है। इस ट्रेन के बारे में यहां तक कहा जाता है कि आप चलती ट्रेन में से उतरकर थोड़ा इधर-उधर टहलकर वापस इस ट्रेन में आकर बैठ सकते हैं। मेट्टुपालियम से ऊटी के बीच नीलगिरि माउंटेन ट्रेन की यात्रा का रोमांच ही कुछ अलग है। इस बीच में करीब 10 रेलवे स्टेशन आते हैं। मेट्टुपालियम के बाद टॉय ट्रेन के सफर का अंतिम पड़ाव उदगमंदलम है। यह टॉय ट्रेन हिचकोले खाते हरे-भरे जंगलों के बीच से जब ऊटी पहुंचती है, तब आप 2200 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर पहुंच चुके होते हैं। अगर इसके रूट की बात की जाए तो यह मेट्टुपालयम से होकर कल्लर, अडरले, कुन्नूर, वेलिंगटन से होते हुए केटी व ऊटी जाती है।

नीलगिरी माउंटेन रेलवे की मेट्टूपलायम (कोयम्बटूर) शहर और उदगमंडलम (ऊटी) ट्रेन की टाइमिंग सुबह 7 बजे की है और 12 बजे यह ऊटी पहुंच जाती है, अगर हम नीलगिरी माउंटेन रेलवे टॉय ट्रेन की बुकिंग की बात करे तो आप IRCTC की वेबसाइट से बुक कर सकते है या फिर मेट्टूपालयम पहुंच कर भी टिकट बुक कर सकते है अगर किराये पर नज़र डाले तो इसका किराया जनरल का मात्र 15 रूपये है द्वितीय श्रेणी का 40 रूपये और प्रथम श्रेणी का 205 रूपये है जैसा बजट हो वैसा आप टिकट ले और नीलगिरी पर्वतमाला को करीब से महसूस कर यात्रा का आनंद लें।

नरेल-माथेरान टॉय ट्रेन, महाराष्ट्र

Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav
Photo of आपके सफर को यादगार बना देंगी भारत की ये 5 टॉय ट्रेनों की यात्रा by Smita Yadav

महाराष्ट्र में स्थित माथेरान छोटा, लेकिन अद्भुत हिल स्टेशन है। यह करीब 2650 फीट की ऊंचाई पर है। नरेल से माथेरान के बीच टॉय ट्रेन के जरिए हिल टॉप का सफर काफी रोमांचक है। इस रेल मार्ग पर करीब 121 छोटे-छोटे पुल और करीब 221 मोड़ आते हैं। इस मार्ग पर चलने वाली ट्रेनों की स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होती है। माथेरान करीब 803 मीटर की ऊंचाई पर इस मार्ग का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है।

नेरल और माथेरन के बीच की दूरी लगभग 21 किलोमीटर है यहाँ भी आपको दो तरह के रूट मिलेंगे एक तो नेरल माथेरन वाला दूसरा माथेरन से अमन लॉज, इस टॉय ट्रेन की किसी भी तरह से कोई भी एडवांस बुकिंग नहीं होती है आपको टिकट बुक करने के लिए नेरल स्टेशन पर ट्रेन चलने के 45 मिनट पहले पहुँच कर टिकट खरीदनी होगी।

अगर हम नेरल माथेरन टॉय ट्रेन के टिकट के शुल्क की बात करे तो यह द्वितीय श्रेणी का 75 रूपये है जबकि बच्चो का 45 रूपये है अगर प्रथम श्रेणी से जाना चाहते है तो वयस्क का टिकट 380 रूपये का है वही बच्चो का 180 रूपये है। आप अपनी सुविधनुसार टिकट बुक कर सकते हैं।

क्या आपने भी भारत में चलने वाली इन बेहतरीन टॉय ट्रेनों की यात्रा का अनुभव किया हैं। अपने यात्रा के अनुभव को हमारे साथ शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।

More By This Author

Further Reads