घुमक्कड़ी सिर्फ आपकी नजर ही नहीं देखने का नजरिया भी बदल देती है। घर बैठे हम दुनिया को जिस प्रकार से समझते हैं और घूमते हुए हम दुनिया को जैसे देखते हैं, दोनों ही बहुत अलग है। कोई भी पढ़ाई आपको घुमक्कड़ी से ज्यादा समझ नहीं दे सकती है। आप अपनी लाइफ में कुछ भी करना चाहते हों लेकिन साथ में घूमना जरूर चाहिए। ये घूमना ही तो है जो हमें बताता है कि भांति-भांति के लोग इस जहाँ में रहते हैं, सबकी सोच अलग है लेकिन आखिर में सब चाहते हैं, खुशी। यकीन मानिए घूमते हुए आपको जरूर खुशी मिलेगी। ये खुशी नई जगहों पर जाकर भी मिलती है। आज एक मिजोरम की ऐसी ही अनछुई जगह की सैर पर चलते हैं, रेइक।
रेइक मिजोरम का छोटा-सा गाँव है। मिजोरम की राजधानी आइजॉल से सिर्फ 29 किमी. की दूरी पर होने के बावदूर रेइक को घुमक्कड़ी की दुनिया में कम लोग ही जानते हैं। रेइक ही नहीं मिजोरम में घूमने कम ही लोग आते हैं। ज्यादातर लोगों की दुनिया आइजॉल तक ही सिमट कर रह जाती है। पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों की तरह मिजोरम भी बेहद खूबसूरत है। यहाँ भी खूबसूरत पहाड़, हरे-भरे जंगल और झरने हैं। अगर आप अनछुई जगहों को देखने वाले घुमक्कड़ हैं तो आपको मिजोरम के रेइक जरूर जाना चाहिए।
रेइक
रेइक मिजोरम का छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत है। इसे मिजोरम टूरिज्म ने हेरिटेज विलेज का दर्जा दिया गया है। समुद्र तल से 1548 मीटर की ऊँचाई पर स्थित रेइक गाँव चारों तरफ से हरे-भरे पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहाँ से आप बंग्लादेश की जमीन को देख सकते हैं। रेइक एक पारंपरिक मिजो गाँव है। ये मिजो आदिवासियों का घर हैं। इस गाँव के घर बेहद अच्छी तरह से बने हुए हैं। जिनको मिजोरम की सरकार ने बेहतर करने में मदद की है। आपको एक बार जरूर मिजोरम के इस गाँव में आना चाहिए।
कैसे पहुँचे?
रेइक जाने के लिए आपको मिजोरम की राजधानी आइजॉल जाना होगा। सबसे नजदीकी लेंगपुई एयरपोर्ट और अगरतला रेलवे स्टेशन है। यहाँ से आप आइजॉल पहुँचे। इसके बाद आपको रेइक जाने के दो रास्ते हैं।
टैक्सी बुक करें
सबसे आसान तो यही है कि टैक्सी बुक करें और डेढ़ घंटे की यात्रा के बाद रेइक गाँव पहुँच जाएं। ये रेइक जाने का सबसे आसान तरीका है लेकिन सबसे महंगा भी है। आइजॉल से 29 किमी. जाने के लिए आपको 1500 से 2 हजार रुपए देने पड़ेंगे।
शेयर्ड टैक्सी
रेइक जाने का दूसरा रास्ता है कि आप आम लोगों की तरह शेयर्ड टैक्सी से जाएं। रेइक के लिए शेयर्ड टैक्सी खटाला से मिलेगी। वहाँ तक आप मोटरबाइक से जा सकते हैं। वहाँ पहुँचकर आप सूमो से रेइक गाँव जा सकते हैं। सूमो टैक्सी का किराया 90 से 100 रुपए होगा। ये ध्यान रखें कि इन सूमो टैक्सी का टाइम होता है। उसके बाद आपको रेइक जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं मिलेगी। उसके बाद तो आपको लिफ्ट मांगनी पड़ेगी शायद कोई दे दे।
रेइक तक का सफर
आप जैसे ही आइजॉल की सीमा से बाहर निकलते हैं चारों तरफ हरे-भरे जंगल दिखाई देने लगते हैं। रास्ते में आती-जाती हुई गाड़ियाँ दिखाई देंगी, जैसे इस देश की हर सड़क पर दिखाई देती हैं। लगभग 15 किमी. चलने के लाँग नदी पर बना पुल आता है। पुल के नीचे नदी बहती हुई दिखाई देगी। यहाँ पर आपको लोगों की भीड़ दिखाई दे सकती है क्योंकि यहीं पर खूबसूरत आइजॉल वाटरफॉल्स है।
इस झरने को पार करने के बाद फिर से जंगल शुरू होने लगेंगे। रास्ते में आपको केले और अन्नास के खेत भी दिखाई देंगे। मिजोरम में झूम खेती का इस्तेमाल होता है। हो सकता है आपको रेइक तक के सफर में ये नजारे देखने को मिलें। लगभग 1 घंटे के सफर के बाद आप रेइक पहुँच जाएंगे।
क्या करें?
1- रेइक पीक
रेइक गाँव चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो आप यहाँ पर ट्रेकिंग कर सकते है। इसके लिए आप रेइक पीक तक जा सकते हैं। रेइक से पीक तक की दूरी लगभग 2 से 3 किमी. की है। आप अपनी स्पीड के हिसाब से इसे तय कर सकते हैं। ट्रेकिंग की शुरूआत में हरे-भरे घने जंगल से गुजरेंगे। उसके बाद आप खुले रास्ते से पीक तक जाएंगे। आपको चारों तरफ हरियाली और पहाड़ नजर आएंगे। आप यहाँ पर कुछ देर तक बैठिए। रास्ते में कोई दुकान नहीं है इसलिए खाने-पीने का सामान अपने साथ ले जाएं। जिम्मेदार घुमक्कड़ की तरह कूड़े को पहाड़ पर न छोड़कर अपने साथ लेकर आएं।
2- आइजॉल वाटरफॉल
आइजॉल से रेइक गाँव जाते हैं तो रेइक गाँव से पहले एक वाटरफॉल मिलेगा। ज्यादातर लोग आइजॉल से इस वाटरफॉल तक पिकनिक मनाने आते हैं। अगर आप वीकेंड के समय नहीं जाते हैं तो आपको यहाँ पर बहुत कम भीड़ मिलेगी। आप इस वाटरफॉल को देख सकते हैं। पानी की आवाज सबसे मधुर आवाज होती है। पानी को देखना सबसे अच्छे पलों में से होता है। जब रेइक जाएं तो कुछ देर ठहरकर आइजॉल वाटरफाॅल को जरूर देखें।
3- पैदल घूमें
किसी भी नई जगह को अच्छे-से देखने का सबसे बढ़िया तरीका है, पैदल चलना। पैदल चलते हुए आप उस जगह को थोड़ी देर में जान लेते हैं और वो आपको जान लेती है। रेइक गाँव में पैदल चलते हुए आप यहाँ के लोगों, घरों, उनकी दिनचर्या और गलियों को देख सकते हैं। हो सकता है कि आप उनसे बात करें तो उनको भी अच्छा लगे। ऐसा करने पर शायद आपको कई खूबसूरत और अनसुनी कहानियाँ सुनने को मिल जाए। तब आपको रेइक गाँव दुनिया का सबसे खूबसूरत गाँव लगने लगेगा।
4- फेस्टिवल का देखें
मिजोरम की संस्कृति और प्राचीन परंपरा को देखना है तो आपको रेइक के अंथुरियम फेस्टिवल में जाना चाहिए। साल में एक बार होने वाला ये फेस्टिवल सितंबर के महीने में होता है। इस फेस्टिवल में मिजोरम में होने वाले अंथुरियम फूल को प्रमोट किया जाता है। इसके अलावा भी इसमें कई एक्टिीविटीज होती हैं। आप अगर सितंबर में रेइक जाते हैं तीन दिन के इस फेस्टिवल में हिस्सा ले सकते हैं।
5- हेरिटेज विलेज घूमें
अगर आप रेइक को अच्छे से देखना और समझना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यहाँ के हेरिटेज विलेज की सैर करनी चाहिए। इस गाँव तक पहुँचने के लिए आपको थोड़ी दिक्कत जरूर होगी लेकिन गाँव को खूबसूरती के आगे ये सभी परेशानियाँ बहुत छोटी लगने लगेंगी। हेरिटेज गाँव में आप आदिवासियों से मिल सकते हैं। उनका रहन सहन, बोली और खाने पीने का तरीका देख सकते हैं। अगर आप इन लोगों की संस्कृति को नजदीक से समझना चाहते हैं तो आपको कुछ दिन इस गाँव में जरूर बिताना चाहिए।
6- लाँग नदी
किसी भी जगह का सबसे खूबसूरत हिस्सा होती है वहाँ बहने वाली नदी। रेइक की लाँग नदी की बेशुमार खूबसूरती देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। आप नदी के किनारे बैठकर सनसेट एन्जॉय कर सकते हैं। अगर आपको मछली पकड़ने में रुचि है तो आप वो भी कर सकते हैं। हालांकि नदी का बहाव काफी तेज होता है इसलिए यदि आप वहाँ जाएं तो सावधानी रखना बहुत जरूरी है।
कहाँ ठहरें?
रेइक को मिजोरम में टूरिस्ट स्पॉट घोषित किया गया है। इसके बावजूद यहाँ ठहरने के बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं। यहाँ पर एक टूरिस्ट बंगला है। जहाँ पर आप ठहर सकते हैं और खाना भी खा सकते हैं। अगर आप रेइक आने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बरसात के बाद या सर्दियों में आना चाहिए। मिजोरम के रेइक गाँव को घूमने के लिए अगस्त से सितंबर और दिसंबर से जनवरी का टाइम बेस्ट है।
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