यह यात्रा वृतान्त मेरे द्वारा दिसंबर 2015 में कई गयी मावली मारवाड़ रेल यात्रा जिसका सबसे प्रमुख हिस्सा रहता है, राजस्थान का सबसे खूबसूरत रेलवे घाट सेक्शन खामलीघाट, गोरमघाट, फुलाद के बारे में है ।
रेल यात्रा यातायात का सबसे सस्ता माध्यम है यह आपको देश के बदलते धरातल जैसे की रेगिस्तान, पहाड़, नदियां, पठार, घने वन वगैरह तथा उनके साथ बदलती हुई संस्कृति के अनुभव करवाता है । इस सापेक्ष में रेल द्वारा की गई यात्रा केवल एक जगह से दूसरी जगह जाने के परे अन्य महत्व भी रखती है । भारतीय रेलवे एक तरह से एक भावना है ।
चलिए मेरी यात्रा पर वापिस आते हैं, तो जैसा की सर्वविधित है की राजस्थान का बहुत ही बड़ा हिस्सा एक तरह से समतल है तो यहाँ एक स्थान से दूसरे स्थान सफ़र करते हुए बहुत ज्यादा उन्नयन में अंतर नहीं आता, लेकिन कुछ जगहें जहां बहुत ही कम दूरी में दो बिंदुओं के बीच बहुत ज्यादा ऊंचाई का अंतर हो तो कहीं न कहीं एक घाट सेक्शन होने की संभावना बनती है जैसा की इस रेल मार्ग के लगभग 21 किलोमीटर के हिस्से में है, जो की अरावली पर्वतमाला की वादियों में बहुत ही अद्भुत दृश्य के दर्शन कराते हैं ।
कैसे जाएं ?
इस मार्ग में वैसे तो 14 कुल स्टेशन हैं लेकिन एक पर्यटक के दृष्टिकोण से बहुत अधिक संभावना है की मावली,नाथद्वारा, कांकरोली,देवगढ़ या खामलीघाट आपके लिए प्रमुख बोर्डिंग पॉइंट हो ।
अभी इस 150 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 2 ट्रेन चलती है एक मावली से मारवाड़ और दूसरी मारवाड़ से मावली । मावली से मारवाड़ की ओर जाने वाली ट्रेन को उदयपुर से आकर भी पकड़ा जा सकता है, सुबह 6 बजे की 12991 उदयपुर जयपुर इंटरसिटी से मावली तक आया जा सकता है और फिर आगे की यात्रा इस मीटरगेज़ ट्रेन द्वारा की जा सकती है।
अब बात करते हैं इस यात्रा के वो हिस्से की जिसके लिए यह प्रसिद्ध है, खामलीघाट फुलाद घाट सेक्शन, जिसमें लगभग 21 किलोमीटर में रेल खामलीघाट में समुद्रतल से 645 मीटर की ऊंचाई से फुलाद पहुँचने पर लगभग 352 मीटर की ऊंचाई पर आ जाती है । यह रेलवे के नज़रिए से ऊंचाई में काफ़ी बड़ा अंतर है जो की सुरंगों, बहुत ही ऊँचे पूल और रोमांचक वादियों से होकर गुजरता है । कुछ पर्यटक गोरमघाट उतरकर पूरे मार्ग पर ट्रैकिंग करके आस पास के आकर्षणों को खोजते हैं, मानसून के समय यहां पर जलप्रपात भी देखे जा सकते हैं । गोरमघाट एक तरह से पहाडों के बीच एक एकाकी स्टेशन है जहां पर बहुत ही सारे बंदर मिल जाते हैं जो खाना मिलने की उम्मीद में यात्रिओं से मेलझोल करने का प्रयास करते हैं । कुल मिलाकर यह रेल यात्रा काफ़ी रोमांचकारी अनुभव होता है ।
कब जाएं ?
वैसे तो इस यात्रा को करने का सबसे अच्छा समय मानसून ही माना जाता है, पर यह भी देखा गया है कि उस समय बहुत ही ज़्यादा भीड़ होती है और कुछ लोग तो जान जोखिम में डालकर छत पर यात्रा करते हैं जो की बहुत गलत बात है । तो यदि आप कम भीड़ में यात्रा करना चाहते हैं तो जुलाई से सितंबर सही समय नहीं रहेगा ।
मावली मारवाड़ रेल का नंबर है 09696 जो की यह लेख लिखे जाने के समय मावली से सुबह 7:40 पर चलती है और 09695 मारवाड़ मावली वाली गाड़ी मारवाड़ से दिन में 12:15 पर । समय कभी कभार बदल सकते हैं इसलिए समय समय पर विश्वसनीय वेबसाइट्स से जानकारी प्राप्त करना सही रहेगा ।
वैसे अभी 00961 वैली क्वीन स्पेशल नाम से नई पर्यटन आधारित गाड़ी चली है जो की आई आर सी टी सी के अनुसार सप्ताह में 5 दिन मंगलवार और शुक्रवार को छोड़कर चलती है । यह ट्रेन वातानुकुलित है और मारवाड़ खामलीघाट मारवाड़ चलती है, तो सिर्फ घाट सेक्शन में रुचि रखने वाले पर्यटक जो की मारवाड़ जंक्शन की तरफ से आ सकते हो वो इस आरक्षित गाड़ी में इस सुहाने सफर का लुत्फ़ उठा सकते हैं जो की काफ़ी आरामदायक एवं सुविधाजनक भी रहेगा ।
अधिक जानकारी टिकट बुकिंग वेबसाइट आई आर सी टी सी पर ली जा सकती है ।
इस पूरी यात्रा का मैने वीडियो भी बनाया था जो की मेरे यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है, मावली मारवाड़ पूरी यात्रा आप यहाँ देख सकते हैं और सिर्फ घाट सेक्शन के लिए यहाँ देखें ( दोनों लिंक मेरे ही लिए हुए अलग अलग वीडियो की हैं )