बालासिनोरः क्या आपने देखा है 'इंडिया का जुरासिक पार्क'?

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जुरासिक पार्क का नाम आते ही आँखों के सामने डायनासोर घूमने लगता है। जाहिर है, हमने हॉलीवुड फिल्मों के जरिए डायनासोर को स्क्रीन पर चलते-फिरते देखा है। ऐसा जीव जो करोड़ों साल पहले धरती पर रहता था और जैसे-जैसे इसका कायापलट हुआ है और इंसानों के लिए आबोहवा अनुकूल होने लगी, डायनासोर विलुप्त हो गए। आज भी डायनासोर की कल्पना कर बच्चा-बच्चा रोमांचित हो उठता है। हर कोई अपनी आँखों से डायनासोर को देखने की इच्छा पाले हुए है। जीता-जागता डायनासोर तो नहीं लेकिन आप भारत में ही डायनासोर पार्क देख सकते हैं, जिसे 6.5 करोड़ साल पुरानी दुनिया का सबसे बड़ा डायनासोर फॉसिल पार्क बताया जाता है।

Photo of बालासिनोरः क्या आपने देखा है 'इंडिया का जुरासिक पार्क'? 1/2 by Rupesh Kumar Jha
श्रेय: फ्लिकर

ये पार्क और कहीं नहीं, बल्कि गुजरात के बालासिनोर में है जिसे देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं। एक ओर जहाँ लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मभूमि, सफेद रेगिस्तान, लंबा समुद्रतट, प्राकृतिक सौंदर्य व संस्कृति की झलक देखने गुजरात आते हैं तो वहीं करोड़ों साल पहले अस्तित्व में रहे भयानक डायनासोर के इतिहास को जानने के लिए भी लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है!

क्या है बालासिनोर का इतिहास?

पिछले दिनों जीव इतिहास के पुरातन प्राणी डायनासोर की 65 मिलियनवीं वर्षगांठ मना चुका बालानिसोर वाकई ऐतिहासिक स्थल है। एक समय खूंखार डायनासोर का साम्राज्य रहा बालानिसोर बाबी वंश का एक राज्य हुआ करता था। यहाँ पहले मराठा और फिर ब्रिटिश ने अपना आधिपत्य स्थापित किया। आज़ादी के बाद इसका विलय अन्य रजवाड़ों की तरह ही भारतीय संघ में किया गया। दिलचस्प बात है कि एक समय डायनासोर को पुराने अंडों से स्थानीय महिलाएँ सिलबट्टे पर मसाले पीसने का काम करती थीं। रियासत की राजकुमारी आलिया सुल्ताना बाबी ने इस विशेष घटना को देखा और तबसे इसको लेकर खोजबीन में लग गईं।

डायनासोर के 10 हजार अंडे!

यहाँ कई शोध हो चुके हैं जो कि डायनासोर को लेकर किए गए। बताया जाता है कि यहाँ इनकी लगभग 7 प्रजातियाँ रहती थीं जिनके करीब 10 हजार अंडे पाए गए। 52 हेक्टेयर में फैले इस जीवाश्म पार्क से साल 1983 में पहली बार खुदाई की गई। यहाँ से बरामद हुए अंडों को दुनिया के कई हिस्सों में भेजे गए। यह खुदाई अहमदाबाद से कुछ मील की दूरी पर रायोली गांव में पुरातत्व विभाग ने किया था। इसी स्थान पर वर्ष 2003 की खुदाई में डायनासोर की 'टिरनोसोरस रेक्स कबीले' प्रजाति के अवशेष मिले थे। यहाँ नर्मदा नदी किनारे डायनासोर के कंकाल के हिस्से जैसे मस्तिष्क, पैर, कमर व पूंछ की हड्डियाँ पाई गईं थीं।

म्यूजियम में फाइबरग्लास मॉडल्स

फिलहाल यहाँ फाइबरग्लास के मॉडल्स तैयार किए गए हैं, जिन्हें पर्यटक बालासिनोर डायनासोर फॉसिल पार्क में देख सकते हैं। पार्क में आकर लोग डायनासोर के अंडों को देख सकते हैं लेकिन उन्हें छूना मना है। पर्यटकों के लिए इस पार्क को विशेष रूप से सजाया गया है। आप अगर यहाँ डायनासोर म्यूजियम पार्क देखने आते हैं तो आपको असली जुरासिक पार्क वाला एक्सपीरियंस मिलेगा।

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ये म्यूजियम बालासिनोर के निकट रायोली में स्थित है। इस म्यूजियम में 10 गैलरी है जो डायनासोर के इतिहास को दर्शाता है। यह भारत का पहला और विश्व का तीसरा डायनासोर म्यूजियम है। ये उस ख़ास जगहों में शामिल है, जहाँ डायनासोर अंडे देते थे। इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डायनासोर के अंडे सेने का स्थान माना जाता है। यही कारण है कि यहाँ 10 हजार के करीब अंडे पाए गए।

3-डी में देखें डायनासोर की जीवनी

श्रेय: विकिमीडिया

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म्यूजियम देखने आते हैं तो आपको 3-डी थियेटर, वर्चुअल रियलिटी प्रेजेंटेशन, इंटरैक्टिव कियोस्क और मॉडर्न टेक्नोलॉजी से युक्त आदमकद डायनासोर की प्रतिमा देखने को मिलती है। इतना ही नहीं, यहाँ डायनासोर के जीवन से जुड़ी तमाम चीजों को फिल्म के माध्यम से दिखाया जाता है। यह पार्क विलुप्त हो चुके डायनासोर के जन्म से लेकर सम्पूर्ण इतिहास की जानकारी देता है। डायनासोर के डिस्प्ले व मुख्य प्रवेश द्वार की रचना जो कि संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है। राजासौरस डायनासोर के स्कैलेचर व वॉल आर्ट जैसी चीजों को इस पार्क में रखा गया है।

बालासिनोर पूरे परिवार के साथ जाने लायक जगह है। खासकर बच्चों को यहाँ की यात्रा न केवल रोमांचित करेगी बल्कि उनके ज्ञान में भी इजाफा करती है। जीव विज्ञान के प्रति अभिरुचि वाले बच्चों को तो खासतौर पर यहाँ आना चाहिए।

कब और कैसे पहुँचें?

डायनासोर पार्क को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का रहता है। हालांकि गुजरात घूमने आने वाले यात्री इस पार्क को ज़रूर देखने आते हैं। ये अब गुजरात पर्यटन के ख़ास जगहों में शुमार है। बालासिनोर देश-दुनिया से अच्छी तरह कनेक्टेड है लिहाजा यहाँ पहुँचना सहज है।

हवाई मार्ग द्वारा- धीनगर सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है जहाँ से ये जगह 27 कि.मी.  दूर स्थित है। आप एयरपोर्ट से बस या टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा- ट्रेन से जाने पर सबसे निकटतम अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पड़ता है। यह स्टेशन गांधीनगर से 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग द्वारा - आप सड़क से भी यहाँ पहुँच सकते हैं। यहाँ आप बस, कैब व ऑटो से अहमदाबाद होते हुए आसानी से पहुँच सकते हैं।

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