पहाड़ों के बीच से गुज़रती नदी के नज़ारों के साथ अरुणाचल की इस घाटी में मिलेगा सुकून

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सुंदर अरुणाचल प्रदेश में फैले कई छोटे शहरों में से, शायद कुछ ही ऐसी जगहें बचीं हो जहाँ पर्यटकों के पैर ना पड़े हों, आखिर पूर्वोत्तर भारत सैलानियों के बीच नई पसंदीदा जगह जो बनती जा रही है। अगर आप अरुणाचल प्रदेश की हैरान कर देने वाली खूबसूरती को करीब से देखने के साथ महसूस करना चाहते हैं तो आपके ये अनुभव मिलेगा यहाँ बसे एक सुंदर घाटी में बसे शहर में जिसका नाम है आलोंग या आलो

श्रेय: क्वेंटिन और मारियो

Photo of अलोंग by Bhawna Sati

आपको आलो क्यों घूमने जाना चाहिए इसकी कई वजहें हैं, जिसमें से कुछ मैं आपको बताती हूँ। सिपु और योमगा की सुंदर नदियाँ, जो इस शहर के पहाड़ों से होकर बहती हैं, एक शानदार नज़ारा बनाती हैं। आप अरुणाचल प्रदेश के हर एक रंग को यहाँ देख सकते हैं क्योंकि ये शहर स्थानीय परंपराओं को बरकरार रखे हुए है और यहाँ कई स्थानीय त्योहार मनाए जाते हैं, इस जगह पर कुछ मंदिर और एक आश्रम है भी हैं जहाँ आप शांति में खो सकते हैं, और सबसे अच्छी बात, यहाँ आपको पर्यटकों की भारी भीड़ का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।

आलो की सुंदरता में सराबोर होने के साथ ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम यहाँ कि खूबसूरती बनाएँ रखें। यहाँ एक्सप्लोर करने को बहुत कुछ है, लेकिन ये करते वक्त यहाँ के खूबसूरत पहाड़, लहराती नदियों और सरसराते जंगलों को उनके प्राकृतिक रूप में बनाए रखना भी उतना ही ज़रूरी है।

आलो में क्या करें?

आलो में एक बढ़िया वक्त बिताने और यहाँ के अच्छे अनुभव के लिए कुछ ऐसी चीजें हैं जो आपको ज़रूर करनी चाहिए।

मेचुका (आलो) घाटी की यात्रा पर जाएँ

अपने क्रिस्टल साफ पानी, सुंदर वनस्पतियों और पहाड़ों के साथ मेचुका घाटी मानो स्वर्ग जितना सुंदर है। यह आलो शहर थोड़ा दूर है और यही वजह है कि ज्यादा लोग इस छिपे खज़ाने तक नहीं पहुँच पाते। मेचुका घाटी की सुंदरता निहारते हुए बिताया हुआ वक्त आपके साथ कुछ ऐसी यादें छोड़ जाएगा जो ज़िंदगी भर आपके साथ रहेंगी।

कुछ समय रामकृष्ण आश्रम में बिताएँ

रामकृष्ण आश्रम जो 1966 में शुरू हुआ था, वह अब एक स्कूल भी है। कई मेडिटेशन हॉल और भिक्षुओं से भरे इस शांत आश्रम में कुछ वक्त बिताना आपकी आलो यात्रा में ज़रूर शामिल होना चाहिए।

संतरे के बागों में बिताएँ वक्त

संतरे के बागों से लदी घाटी कुछ शानदार नज़ारे आपकी आँखों के सामने ला रखती है तो यहाँ आना बिल्कुल ना भूलें। ज्यादातर बाग नीचे-ढलान पर स्थित हैं, जो दिबांग नदी की ओर जाते हैं और यह सब बहुत सुंदर दिखता है। बाग में आने वाले पर्यटकों को नदी के किनारे तक चलने की अनुमति है।

पोबड़ी में बांस के लटकते पुल को पार करें

आलो के पोबड़ी नामक इस छोटे से गाँव में, एक पुल है जो पूरी तरह बांस के बना हुआ है नीचे बहती योमगो नदी के ऊपर मज़बूती से खड़ा है। इस पुल को देखने और पार करने के कई कारण आपको मिल जाएँगे। यह पुल नाज़ुक दिखता ज़रूर है लेकिन यह काफी मजबूत है और एक ही समय में बहुत सारे लोगों का वजन ले सकता है। एक बात तो पक्की है - यहाँ आपको आपके फेसबुक और इंस्टाग्राम के लिए बढ़िया फोटो तो मिल ही जाएगी।

डार्का गाँव में स्थानीय लोगों के साथ समय बिताएँ

आलो जैसे दूरदराज़ के छोटे गाँव की यात्रा का सबसे बड़ा फायदा है कि आप यहाँ कि स्थानीय ज़िंदगी और रहन-सहन और संसकृति की असली तस्वीर देख सकते हैं। दार्का गाँव में जाकर, यहाँ के स्थानीय लोगों के साथ कुछ वक्त गुज़ारकर आपको एक बेहतरीन अनुभव मिलेगा। अगर आप सही समय पर यहाँ आते हैं, तो आप उनके स्थानीय त्योहारों में से एक में शामिल हो सकते हैं जिससे आपके अनुभव में चार चाँद लग जाएँगे।

पटुम पुल के ऊपर से सुंदर नज़ारे का मज़ा लें

पटुम पुल, जो कि योमगो नदी पर बना एक 146 मीटर लंबा केबल पुल है, जो यहाँ आए यात्रियों के लिए एक अहम पर्यटक आकर्षण है। इस पुल के बारे में क्या कहें! यहाँ से सूर्यास्त और बर्फ से ढके पहाड़ों का जो नज़ारा मिलता है उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। और हाँ, यही पुल आपको आलो शहर तक भी लेकर जाता है।

डोनी पोलो मंदिर में प्रकृति की पूजा करें

आलो में जहाँ कई धर्म एक साथ पूजे जाते हैं, वहीं यहाँ प्रकृति की पूजा आम बात है। डोनी पोलो के कई मंदिरों में से एक मंदिर आलो में भी है।यहाँ सूर्य, चंद्रमा, पेड़ों की पूजा का हिस्सा बनकर आप एक अनोखा अनुभव अपनी ज़िंदगी में जोड़ लेंगे।

स्थानीय बाजारों में खरीदारी करें

खरीदारी के लिए यहाँ कई फलों, सब्जियों, फूलों और कई हस्तशिल्पों क बाज़ार पूरा दिन लगा रहता है। यहाँ पर मिलने वाली लगभग हर चीज़ कस्बे से संबंधित है और इसलिए आप यहाँ से कुछ नायाब चीजें ले जा सकते हैं। इसके अलावा, बहुत से स्थानीय बाज़ार हैं जो आपको यहाँ कि गलियों में मिल जाएँगे।

कैसे पहुँचे आलो?

कार द्वारा: आप अरुणाचल प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों के यहाँ तक ड्राइव कर सकते हैं, क्योंकि यह उन सभी से अच्छी सड़कों से जुड़ा हुआ है।

बस द्वारा: आपके लिए आसपास के अधिकांश शहरों और कस्बों से स्थानीय बस सेवाएँ उपलब्ध हैं, जहाँ से आप यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा: सीलापाथर यहाँ से निकटतम रेलवे स्टेशन है। आपको यहाँ से टैक्सी या स्थानीय बस करनी होगी। स्टेशन और आलो के बीच दूरी करीब 150 कि.मी. की है।

इन पकवानों का स्वाद ज़रूर चखें

मोमोज़ जैसे मशहूर उत्तर-पूर्वी डिशेज़ के अलावा, एक स्थानीय व्यंजन है जिसका स्वाद आपको ज़रूर चखना चाहिए वो है यहाँ के बैंबू में पके मीट के व्यंजन। इसका स्वाद बहुत ही स्वादिष्ट है। स्थानीय लोग यहाँ मछली की कुछ बेहद स्वादिष्ट डिश बनाते हैं जो आपको यहाँ रहते ज़रूर ट्राइ करनी चाहिए।

आलो जाने का अच्छा वक्त

आलो घूमने के लिए गर्मियाँ यानी मार्च से जून अच्छा वक्त है क्योंकि तब तापमान ठीक रहता है। भारी बारिश की वजह से यहाँ सर्दियाँ कड़ाके की पड़ती है। अगर आपको ठंड से परेशानी नहींं है, तो सर्दियों का मौसम भी आलो घूमने के लिए अच्छा विकल्प है।

आलो में कहाँ रहें?

आलो रहने के लिए एक बहुत ही अद्भुत जगह है वामूसट्रेल ऐलो

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