भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता, बिना वीज़ा, हर रोज़ 5000 तीर्थ यात्री जा सकेंगे करतारपुर साहिब!

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Photo of भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता, बिना वीज़ा, हर रोज़ 5000 तीर्थ यात्री जा सकेंगे करतारपुर साहिब! 1/1 by Bhawna Sati

भारत पाकिस्तान के रिश्तों के बीच भले ही तनाव रहता हो लेकिन इसका खामियाज़ा अब तीर्थ यात्रियों को नहीं भुगतना पडे़गा क्योंकि अब गुरुद्वारा दरबार साहिब (करतारपुर साहिब) जाने की इच्छा रखने वाले भारतीय यात्री बिना वीज़ा की प्रकिया के आसानी से पाकिस्तान जा सकेंगे।

दोनों देशों के बीच हुई जॉइंट सेक्रेटरी लेवल मीटिंग में ये फैसला लिया गया है कि हर रोज़ 5000 तीर्थ यात्रियों को बिना वीज़ा के करतारपुर साहिब जाने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए भारत और पाकिस्तान को जोड़ते करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल किया जाएगा जिसकी नींव पिछले साल रखी गई थी। इस कॉरिडोर के लिए रवि नदी पर एक पुल बनाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल कर यात्री पैदल या बस से आ-जा सकेंगे।

इस नए फैसले से वो यात्री, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट है या भारतीय मूल के विदेशी यात्री भी OCI (ओवरसीज़ सिटिज़नशिप ऑफ इंडिया) कार्ड के ज़रिए भारत और पाकिस्तान के बीच के इस सफर को तय कर पाएँगे।

करतारपुर कॉरिडोर के ज़रिए होने वाली इस तीर्थ यात्रा की शुरूआत नवंबर में, 550वीं गुरुनानक जयंती के अवसर पर की जाने की उम्मीद है। खास त्योहारों पर 5000 के बजाय 10,000 लोगों को रोज़ाना यात्रा करने की अनुमति पर भी बात चल रही है।

पाकिस्तान के नरोवल ज़िले में बना करतारपुर साहिब वो जगह है जहाँ सिखों के गुरू, गुरुनानक देव ने अपनी ज़िंदगी के आखिरी पल बिताए थे। गुरु नानक ने यहाँ पर सिख समुदाय तो बसाया ही साथ ही अपनी ज़िंदगी के आखिरी 18 साल भी यहीं बिताए थे। इसी गुरुद्वारे में मूल गुरु ग्रंथ साहिब की कुछ आखिरी प्रतियाँ भी मौजूद हैं। ये जगह सिखों के लिए काफी मायने रखती है और एक अहम तीर्थ स्थलों में से एक है।

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