ये बस एक दिन की यात्रा के बारे में है। जिसे हमने बस बैठे बैठे प्लान किया। चूंकि हम वाराणसी में ही हैं तो सफर के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत थी नहीं। दोपहर के बाद हम लोगों ने वाराणसी के कुछ अच्छे घाट को घूमने का प्लान बनाया। फिर शाम को 5 बजे के बाद हम घूमने के लिए निकले। पहले हम हरिश्चन्द्र घाट की तरफ गए पहले हमने वहाँ डोसा खाया। उसके बाद आगे मनकर्णिक घाट, दसास्वमेघ घाट, असी घाट, और कई अन्य पर चले गए। एक घाट से दूसरे घाट और दूसरे से तीसरे घाट ऐसे कर कर के हम लगभग दसियों घाट पर घूमें और फ़ोटो खींचे होंगे।
मैं आप लोगों को एक बात बता दूं कि मैं जितनी बार भी वाराणसी आता हूं , हमेशा कुछ ना कुछ नया सा ही लगता है। यहाँ कुछ तो ऐसा खाश है जो हमेशा एक अजीब सी सुकूनदायक फीलिंग महसूस कराता है। बड़ी ही शांति सी है यहां पर। घाट पर बैठे-बैठे गंगा जी को देखते रहना और निहारते रहना मानो मन को निर्मल सा कर देता है। घाट पर बैठ कर कुल्हड़ की चाय पीना भी एक अलग ही टेस्ट दिलाता है। मैं तो ये कहूंगा की जो भी अपनी जिंदगी में अगर कहीं घूमने का प्लान कर रहा हो तो वो एक बार वाराणसी जरूर आये। मैं यकीन से कह सकता हूँ कोई भी निराश नही होगा। इस दिन भर की यात्रा में हमारे कुछ ज्यादा पैसे खर्च तो हुए नही क्योंकि हम अपनी बाइक से गये थे। तो खा पी कर 500 रुपये में वापस आ गए।

























