डिस्किट मोनास्ट्री और डिस्किट गोम्पा, लदाख की शान

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Photo of डिस्किट मोनास्ट्री और डिस्किट गोम्पा, लदाख की शान by Ranjit Sekhon Vlogs

डिस्किट मोनास्ट्री भारत के लद्दाख़ क्षेत्र में स्थित एक बौद्ध मठ है। यह हिमालय की पहाड़ियों के बीच स्थित है और नुब्रा नदी के तट पर बसा हुआ है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और आकर्षण का केंद्र है जहां यात्री धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

यह भारतीय जीवनशैली और संस्कृति के प्रतीक होने के साथ-साथ अपनी सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े बौद्धिक संस्थानों में से एक माना जाता है। इसका संचालन लद्दाख गेलुगपा सभा करती है।

यह मठ लद्दाख के सबसे पुराने और सबसे बड़े मठों में से एक है।

इस मठ को नुब्रा घाटी का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मठ माना जाता है। ऐसे डिस्किट गोम्पा के नाम से भी जाना जाता है |

यह मोनास्ट्री निकटवर्ती दिस्किट गांव में स्थित है, जो कीला लेह क्षेत्र में स्थित है। इसे 14वीं शताब्दी में गेलुग्पा सेक्ट द्वारा स्थापित किया गया था और अब भी एक गेलुग्पा बौद्ध मठ के रूप में चल रहा है। डिस्किट मोनास्ट्री लद्दाख़ की प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और पर्यटकों को अपनी बौद्ध धर्म की परंपरा, शानदार भवन और पर्यावरण के लिए खींचता है।

डिस्किट मठ का सबसे प्रमुख आकर्षण मैत्रेय बुद्ध की 106 फीट ऊँची मूर्ति है। यह भगवान बुद्ध का एक बड़ा स्तूप है और पर्यटन स्थल के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। यहां आप प्रार्थना कर सकते हैं, इसके ऊपर से आसपास की आपार सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

10,315 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मठ श्योक घाटी और इसके आस-पास का खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करता है। हरे-भरे घास के मैदानों से घिरे नीले आकाश में श्योक नदी, ऊंचे पहाड़, एक पूरी तरह से मनमोहक द्रिश्य पेश करते हैं।

यह मोनास्ट्री एक पर्यटन और धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहां विशाल बौद्ध प्रतिमाएं, प्राचीन पाठशालाएं, पुस्तकालय, बौद्ध ध्यान केंद्र और एक शानदार संग्रहालय स्थापित हैं। मोनास्ट्री में अनेक बौद्ध धर्म के पुस्तकों, हस्ताक्षर रूपी ज्योतिष ग्रंथों और प्राचीन मूर्तियों की संग्रहीत जगहें हैं।

डिस्किट मोनास्ट्री में सालाना महोत्सव मनाए जाते हैं, जिसमें बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं और भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं सामरिक प्रकाश के साथ निकली जाती हैं। यहां के पर्यटन जगहों में बौद्ध स्तूप, ध्यान केंद्र, विहार, गुम्बदें, अल्मोड़ा सिर पर्वत और इमारत का भ्रमण शामिल है।

दिस्कित मठ की मुख्य विशेषताएं

1. 32 फीट की मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा

2. दीवार पेंटिंग, भित्ति चित्र और वास्तुकला

3. लाचुंग मंदिर

4. प्रार्थना कक्ष

5. मठ स्कूल

6. दोसमोची महोत्सव

7. मठ की छत से सुंदर दृश्य

डिस्किट मोनास्ट्री देखने का सही समय

डिस्किट मोनास्ट्री को आप वैसे तो किसी भी समय देख स्टे हैं लेकिन यह कुछ ऊंचाई पर बना हुआ है इस लिए दोपहर के समय आपको वजन काफी धुप होती है तो कोशिश कीजिए के आप ऐसे सुबह या शाम के समय घूमने जाएँ |

टिकट कीमत

इस मोनास्ट्री में जाने के लिए आपको 30 रूपये की टिकट लेनी होगी |

डिस्किट मोनास्ट्री कैसे पहुंचे

दिस्कित मठ लेह शहर से 116 किलोमीटर की दूरी पर नुब्रा घाटी में स्थित है। दिस्कित मठ तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका प्लेन से लेह पहुंचना है और फिर दिस्कित मठ तक पहुंचने के लिए टैक्सी या कैब बुक करना है। मठ स्थानीय बसों के माध्यम से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए आप डिस्किट मठ तक पहुँचने के लिए बाइक जैसे सार्वजनिक और निजी परिवहन का भी उपयोग कर सकते हैं।

इस लिए डिस्किट मोनास्ट्री भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और पर्यटकों को भारतीय बौद्ध धर्म की एक महत्वपूर्ण स्थल का अनुभव प्रदान करता है। जब भी आप लदाख के यात्रा पर हों तो इस खूबसूरत मोनास्ट्री को देखना न भूलें |

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