Dhanuskhodi lost village of india

Tripoto
3rd Dec 2020
Day 1

धनुषकोडी रामसेतु प्रारंभिक स्थान,जहां श्री राम नाम से बनाया था पुल।

भारत का एक ऐसा गांव जो 1964 से पहले प्रगतीशील, विकसित, धार्मिक और पर्यटन स्थल हुआ करता था, धनुषकोडी रामसेतु से एक रेल लाइन बिछाई गई थी जो मंडपम तक चलाई जाती थी, जो अब रेत के टीले में दब चुकी हैं।

Photo of Dhanuskhodi lost village of india by jazz gurjar

धनुषकोडी रामसेतु इतिहास –

पौराणिक कथाओं में धनुषकोडी का वर्णन रामसेतु के नाम पर भी किया जाता है जहां श्री राम ने लंका पर विजय पाने के लिए धनुषकोडी से श्रीलंका के  बीच   पत्थरों से पुल बनाया था जो अब भी बना हुआ  है। यही वजह है कि धार्मिक लोग यहां बड़े पैमाने पर आया करते हैं।

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1964 में आए  चक्रवात में धनुषकोडी पूरी तरह नष्ट हो गया था अब वहां खंडहरों के सिवा आपको और कुछ नहीं दिखाई देगा और पूरा गांव अब रेत के टीले में तब्दील  हो गया। अभी भी वहां पर आपको  चर्च, अस्पताल, मंदिर, पोस्ट ऑफिस स्कूल दिखाई देंगे जो अब खंडर बन चुके हैं, पर्यटन के हिसाब से रामेश्वर आने वाले हर एक तीर्थ यात्री धनुषकोडी जरूर जाता है।

Photo of Dhanuskhodi lost village of india by jazz gurjar

मैं और मेरा दोस्त dk हम दोनों  रामेश्वर की यात्रा पर थे तो हमने भी धनुषकोडी  जाने का प्लान किया, हमने वहां से रामेश्वरम सिटी बस से  सफर शुरू किया  हमने कुछ स्ट्रीट फूड लिए थे खानेे के लिए , कभी-कभी बीच में हम लोगों को ऐसा भी लगा जैसे हमारी बस पानी में चल रही हो (समुद्र के ऊपर) , काफी अच्छा और देखने लायक नजारा था, आखिरकार आधे  घंटे के सफर के बाद हम लोग धनुषकोडी पहुंच गए।

Photo of Dhanuskhodi lost village of india by jazz gurjar

हम एक ऐसे टापू पे चल रहे थे जो बहुत ही खूबसूरत और डरावना भी था, फिर हमें आगे वहां पर चर्च, अस्पताल, स्कूल आदि दिखाई दिए जो अब खंडर बन  चुके थे, चिक-चिक कर अपनी गाथाएं बता रहे थे कि उस तूफान की रात कितना भयानक मंजर हुआ होगा  जिससे उनका का यह हाल हुआ है।

Photo of Dhanuskhodi lost village of india by jazz gurjar
Photo of Dhanuskhodi lost village of india by jazz gurjar

हमने वहां पर छोटी-छोटी  ऐसी चीजें देखी जो बहुत अद्भुत थी जैसे कि पानी में तैरता हुआ पत्थर, एक बहुत ही खूबसूरत छोटा मंदिर और एक प्यास बुझाने के लिए छोटा सा कुआं  जो देखने में अनोखा और अदभुत था अगर आप कभी यहां जाएं तो उस कुए का पानी जरूर पिए और तैरता हुआ पत्थर देखें।

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लेकिन ध्यान रहे कि आप 5:00 बजे से पहले पहले इस जगह को छोड़ दें यहां पर रात रुकना मना है और धनुषकोडी से रामेश्वर जाने वाला रास्ता सुनसान और रहस्यमय चीजों से भरा हुआ है इसलिए आप शाम को 5:00 बजे से पहले पहले उस जगह को छोड़कर रामेश्वरम आ जाए।

अपने व्यस्त जीवन से समय निकाल कर एक बार इस जगह पर घूमने अवश्य जाएं।

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