हर घुमक्कड़ की चाहत होती है कि एक बार वो कश्मीर ज़रूर जाए। श्रीनगर कश्मीर की राजधानी तो है ही, इसके अलावा कश्मीर की सबसे लोकप्रिय जगहों में से एक है। श्रीनगर सर्दियों और गर्मियों में कुछ अलग ही दिखाई देता है। इस शहर में घूमना एक अलग ही एहसास है। इस शहर को घूमते हुए आप कश्मीर की रंगत का अंदाज़ा लगा सकते हैं। मैंने इस शहर में 2 दिन बिताए और कई जगहों पर गया। तो आइए आज मैं अपनी नज़र से आपको श्रीनगर की सैर कराता हूँ।
दिन 1
एक दिन पहले रात को मैं लद्दाख से जॉजिला पास और सोनमर्ग होते हुए श्रीनगर पहुँचा। श्रीनगर में डल गेट के पास एक होटल में हमें रहने का ठिकाना मिल गया। अगले दिन सुबह-सुबह डल गेट के पास से हमने स्कूटी किराए पर ले ली। इसके बाद स्कूटी से निकल पड़ा डल लेक की तरफ़। पहले मुझे लगा था कि डल लेक किसी एक जगह पर होगी लेकिन असल में डल लेक के चारों तऱफ शहर बसा हुआ है। पहली नज़र में मुझे बहुत सारी शिकारा और हाउस बोट दिखाई दिए। थोड़ा आगे जाने पर फ़्लोटिंग पोस्ट ऑफिस दिखाई दिया। इस समय पोस्ट ऑफिस बंद था लेकिन यहाँ से झील का सुंदर का नजारा दिखाई दे रहा था।
चश्मे शाही
झील को देखने के बाद चश्मे शाही गार्डन की तरफ़ निकल पड़ा। श्रीनगर में घूमते हुए कुछ अलग दिखाई दिया तो वो भारतीय सेना की मौजूदगी। कश्मीर की लगभग हर जगह पर आपको भारी संख्या में सेना के जवान दिखाई देंगे। श्रीनगर में कुछ देर तक अलग महसूस हुआ। चश्मे शाही गार्डन मुग़ल काल का एक बेहद खूबसूरत गार्डन है। इसे 1632 में शाहजहाँ ने अपने बेटे दाराशिकोह को तोहफ़े में देने के लिए बनवाया था। चश्मे शाही श्रीनगर के राजभवन और परी महल के पास में स्थित है। इस गार्डन में आपको फूलों की भरमार मिल जाएगी।
परी महल
श्रीनगर के इस महल को फेयरी पैलेस भी कहा जाता है। परी महल को 17वीं सदी में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ के बेटे दारा शिकोह ने बनवाया था। यहाँ पर दारा शिकोह ने अपने सूफ़ी शिक्षक मुल्ला शाह बदाख्शी के सम्मान में बौद्ध मठ बनवाया था जो अब खंडहर बन चुका है। पहाड़ों और हरियाली के बीच में स्थित ये परी महल बेहद खूबसूरत है। इस गार्डन में भी बहुत सारे रंग-बिरंगे फूल लगे हुए हैं जो देखने लायक़ हैं। परी महल 122 मीटर लंबा और 62.5 चौड़ाई है। श्रीनगर जाएँ तो इस महल को देखना ना भूलें।
बौटेनिकल गार्डन
चश्मे शाही के पास में ही एक और गार्डन है, बौटेनिकल गार्डन। इस गार्डन को जवाहर लाल नेहरू बौटेनिकल गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। इस गार्डन में एक मानव निर्मित झील है। इसके अलावा गार्डन में रंगे-बिरंगे फूल लगे हुए हैं। स्थानीय लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक मना रहे थे। आपको हर गार्डन में स्थानीय लोग परिवार के साथ समय बिताते हुए मिल जाएँगे। मैं कुछ देर तक गार्डन में टहलता रहा, इसके बाद एक और जगह के लिए निकल पड़ा।
निशात बाग
निशात बाग़ श्रीनगर के सबसे खूबसूरत गार्डन में से एक है। निशात बाग़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा गार्डन है। निशात बाग़ का अर्थ है, ख़ुशियों का बगीचा। इस बाग़ का निर्माण 1633 में आसफ़ खान, मुमताज़ के पिता और नूरजहान के भाई ने बनवाया था। निशात बाग़ डल झील के पास पूर्वी हिस्से पर बना हुआ है। इस गार्डन से आपको डल लेक का बेहद सुंदर नज़ारा दिखाई देगा। गार्डन के एक तरफ़ झील और दूसरी तरफ़ हिमालय की चोटी दिखाई देती है।
शालीमार गार्डन
शालीमार गार्डन श्रीनगर के सबसे खूबसूरत गार्डन में से एक है। इस गार्डन को फ़ैज़ बख्श और गार्ड ऑफ चार मीनार के पास माना जाता है। शालीमार गार्डन को 1619 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम नूर के लिए बनवाया था। शालीमार शब्द का अर्थ होता है, प्रेम का वास। इस गार्डन के पिछले हिस्से में वाटरफॉल भी है जो वाक़ई में सुंदर लगता है। इसके अलावा गार्डन में पुरानी इमारत है जिसकी नक़्क़ाशी बहुत शानदार है।
इन जगहों को घूमते हुए शाम हो गई। रात के समय मैं लाल चौक पर गया। लाल चौक रात के समय और भी शानदार लगता है। वहीं एक होटल में खाना खाया। इसके बाद वापस अपने होटल में आ गया। पूरी दिन की थकान थी तो जल्दी सो गया।
दिन 2
अगले दिन सुबह-सुबह हमारा डल लेक का सब्ज़ी मार्केट देखने का प्लान था लेकिन नींद ही नहीं खुली तो फिर नहीं गए। अपने समय से उठे और नहा धोकर निकल पड़े श्रीनगर की कुछ और जगहों को एक्सप्लोर करने के लिए।
डल लेक
डल झील कश्मीर की सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय जगह है। मेरा डल लेक को घूमने का मन था तो एक नाव में बैठ गया। कुछ देर में हमारा डल लेक का सफ़र शुरू हो गया। डल लेक जितनी दूर से सुंदर लगती है, पास से झील उतनी साफ़ नहीं है। रास्ते में नाव से लोग सामान बेच रहे थे। हमने ऐसी ही एक नाव से काहवा चाय का ज़ायक़ा लिया। डल लेक के शिकारा में हम 1-2 घंटे घूमते रहे। जिसमें हमने कई डल मार्केट, पुराना शहर, हाउस बोट, फ़्लोटिंग पोस्ट ऑफिस समेत कई सारी जगहें देखी। डल लेक को घूमने में मज़ा ही आ गया।
हजरत बल
हजरत बल डल के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। हजरत बल एक दरगाह भी है और मस्जिद भी है। हजरत बल के अंदर महिलाओं का जाना सख़्त मना है। ये जगह मुसलमानों की सबसे पवित्र जगह है। सबी धर्म के लोग हजरत बल आ सकते हैं। कहा जाता है कि इस जगह पर पैगंबर मोहम्मद का बाल रखा हुआ है। सफ़ेद रंग की खूबसूरत हजरत बल को दरगाह शरीफ़, मदिनात-अस-सनी और असर-ए-शरीफ के नाम से जाना जाता है। 17वीं शताब्दी में बनी ये मस्जिद मुग़ल और कश्मीरी आर्किटेक्चर का शानदार मिश्रण है।
चार चिनार
हजरत बल डल लेक के पास में स्थित है। हजरत बल को देखने के बाद मैं झील किनारे चला गया। मैंने देखा कि यहाँ से शेयरिंग में बोट चार चिनार तक जा रही है। मैं भी ऐसी ही बोट में बैठकर चार चिनार के लिए चल पड़ा। चार चिनार दरअसल डल झील में बना एक छोटा-सा आइलैंड है। जहां चार चिनार के 4 बड़े पेड़ लगे हुए हैं। इस जगह को चार चिनारी और रूपा लंका भा कहा जाता है। इस जगह को मुग़ल बादशाह के भाई मुराद बख्श ने बनवाया था। चार चिनार से डल लेक का सुंदर नजारा दिखाई देता है और लोगों की भीड़ भी कम ही दिखाई देगी। इन जगहों को घूमते हुए पूरा दिन निकल गया। इन दो दिनों में श्रीनगर की कई जगहों को देखा। इसके बावजूद कुछ जगहें नहीं देख पाया जो अगली यात्रा में देखने की कोशिश करूँगा।
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