भारत के ये 6 द्वीप विदेशों के सुंदर नज़ारों को भी पीछे छोड़ देते हैं!

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अन्वेषा सान्याल द्वारा लिखा गया

वो समय गया जब आप विदेशों के सुंदर-सुंदर द्वीपों पर घूमने के बारे में खुली आँखों से सपने देखा करते थे | मुद्दे की बात तो ये है कि हमारे देश में भी कई ऐसे बेहतरीन द्वीप हैं जहाँ आप छुट्टी मनाने जा सकते हैं | 

कितनी बार ऐसा होता है कि परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए हम एक शानदार द्वीप पर एक रिज़ोर्ट बुक कर लेते हैं | कैनेरी या कैरीबियन द्वीपों का जादू ही ऐसा है कि इनके बारे में सोचते ही हम अपने देश के द्वीप भूल जाते है | अब जब इन लोकप्रिय जगहों पर सैलानियों की भीड़ भर रही है, यही सही समय है अपने देश के सुंदर द्वीपों में घूमने का |

1. मुनरो द्वीप - केरल

4. नेत्रानी द्वीप - कर्नाटक

16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों ने महाराष्ट्र के अलीबाग जिले से 7 किमी दूर थाल में खन्देरी और मुंबई बंदरगाह की ओर प्रॉंग लाइटहाउस के पास उन्देरी में द्वीपों पर किले बनवाए थे जो आज समय के साथ पुराने हो गये हैं और इनके आस पास की ज़मीन पर झाड़ियाँ उग आई है | इन किलों ने ब्रिटिश और मराठा शासन का राज भी देखा है, मगर इनके बारे में ख़ास बातचीत नहीं की जाती | हालाँकि इतिहास प्रेमी इन किलों में घूमते देखे जा सकते हैं |

क्या करें

हफ्ते के अंत में अलीबाग से ड्राइव करके इन द्वीपों पर ट्रेकिंग की जा सकती है | उन्देरी की गुफ़ाओं की दीवारों पर बनी चित्रकारी देखिए, वेताल के मंदिर में जाएँ, दाऊद पियर का मक़बरा और ब्रिटिश द्वारा बनवाया गया लाइटहाउस भी देख सकते हैं | इस द्वीप तक फेरी से भी पहुँचा जा सकता है |

यहाँ की हाउसबोट की बात ही कुछ और है | ऐसी ही कुछ बात यहाँ के सदाबहार जंगलों में भी है | कोलम से मात्र 27 किमी दूर अष्टमुडी झील और कल्लदा नदी के बैकवाटर में घूमते हुए नहरों से होकर हम पहुँचते हैं एक ऐसे द्वीप पर जिसका नाम कर्नल मुनरो के नाम पर रखा गया है | कर्नल उस समय त्रवर्न्कोर के ब्रिटिश राष्ट्रपति हुआ करते थे | इस द्वीप का शांत जीवन शहरों के शोरगुल से बहुत दूर है | मछुआरे सुबह नाव लेकर मछलियाँ पकड़ने निकल जाते हैं, गाँव की औरतें नारियल की जटाओं से रस्सी बुनती हैं, नदी के किनारे नारियल के पेड़ लहलहाते हैं, सूर्यास्त के समय चारों ओर नारंगी रंग फैल जाता है और प्रवासी पक्षी आसमान में उड़ते दिखते हैं |

क्या करें

क्वीन अष्टमुडी (क्वीनअष्टामूडी.ब्लॉगस्पोट.इन) पर एक डीलक्स हाउसबोट बुक करें जो आपको कोलम से मुनरो तक ले जाती है। यात्रा बेहद खूबसूरत होगी- नाव पर केले के पत्तों पर परोसे जाने वाले क़ेरल के पकवानों का अपने बच्चों के साथ लुत्फ़ उठाएँ |

2. दीव - गुजरात

भारत के इस छोटे से हिस्से का तटवर्ती इलाक़ा सिर्फ़ 21 किमी का है, मगर वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों की बात करें तो यहाँ पुर्तगाली और गुजराती संस्कृति का काफ़ी समृद्ध स्वरूप देखने को मिलता है | देखा जाए तो दिव किला यहाँ का सबसे लोकप्रिय आकर्षण है, मगर इसके पीछे स्थित नैदा गुफाओं, अज़ीज़ी के सैंट फ्रांसिस का चर्च (सिव का सबसे पुराना चर्च) और गोमतीमाता के शांत समुद्रतट पर सफेद रेत पर सैर ज़रूर करें | गुजरात की सीमा पार अगर आप शराब पीने के लिए नाइटक्लब ढूँढ रहे हैं तो इस केंद्र शासित प्रदेश में आपको वो मिल जाएगा |

क्या करें

अगर आप बच्चों के साथ गोवा में नहीं घूमना चाहते तो गोवा जैसी ही इस कम भीड़ भाड़ वाली जगह पर आपको नगोआ, घोघला, जलंधर, सिमबोर जैसे सुंदर बीच मिलेंगे | यहाँ आप बनाना बोटिंग, जेट स्कीइंग, स्पीड बोटिंग आदि जैसे पानी वाले रोमांचक खेल या पैरासेलिंग का अनुभव ले सकते हैं| चाहें तो गर्म हवा के गुब्बारे में बैठ कर पूरे द्वीप का नज़ारा ले सकते हैं |

3. माजुली - आसाम

अगर आपको सुंदर दृश्य देखने, मनोरम सूर्यास्त का अनुभव करने, शानदार तस्वीरें लेने का शौक और द्वीप के डूबने से पहले (ये द्वीप धीरे धीरे डूब रहा है) वहाँ घूमने का मन है तो आसाम में ब्रह्मपुत्र और खेरकुटिया ज़ुति नदियों के बीच बने दुनिया के सबसे बड़े नदी में स्थित द्वीप पर पहुँच जाइए | देश में सबसे कम व्यापारीकृत ये द्वीप अपने त्यौहारों और प्रार्थनाओं के कारण 16वीं शताब्दी के आसामी सभ्यता का जनक माना जाता है | यहाँ 22 वैष्णव सत्र मौजूद हैं जिससे आप नयी वैष्णवी विचारधारा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |

यहाँ के व्यंजन जैसे खार, लक्सा, टेंगा और पीठा का स्वाद भी इनके नाम की तरह ही अनोखा है |

क्या करें

हो सके तो रास पूर्णिमा के दौरान इस द्वीप पर घूमने जाएँ, जब यहाँ खूब भीड़ भारती है और पूरे आसाम के नृत्य समूह भगवान कृष्ण की जीवनी दर्शाने इस द्वीप पर पहुँचते हैं | चाहें तो पाल नाम और बाथो पूजा के समय भी यहाँ जा सकते हैं |

किसे पता था कि कर्नाटक तट से थोड़ी ही दूर स्थित इस द्वीप के आस पास के पानी में व्हेल, शार्क, कछुए, कोबिया, स्टिंग रे, स्टोनफिश, नेपोलियन रासी और ग्रेट बरकुड़ा जैसे जलीय जीव तो पाए जाते ही हैं, साथ ही स्कूबा डाईविंग (यहाँ सबसे ज़्यादा गहराई 18 मीटर की है जहाँ तक जाने के लिए एडवांस स्तर के सर्टिफिकेट की ज़रूरत होती है) करने के लिए आपको लक्षद्वीप जाने की कोई ज़रूरत नहीं है | मुरुदेश्वर से नेत्रानी द्वीप नाव द्वारा पहुँचा जा सकता है और यहाँ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और सैलानी दिन में घूमने आते हैं |

क्या करें

अपने बच्चों को मूँगे की खूबसूरत चट्टानों के बारे में बताएँ | सभी उम्र के लोग यहाँ स्कूबा डाईविंग कर सकते हैं और यहाँ की कंपनियाँ जैसे एडवेंचर नेशन (₹15,000 प्रति व्यक्ति; एडवेंचरनेशन.कॉम) और बाराकुडा डाइविंग इंडिया (₹18,000 प्रति व्यक्ति; बाराकुड़ाडाईविंग.कॉम) शौकिया और पेशेवर स्तर पर डाईविंग अभियानों पर ले जाती है |

5. हैवलॉक द्वीप - रिची आर्किपेलेगो

हैवलॉक द्वीप

ग्रेटर अंडमान से थोड़ा आगे जाएँगे तो सफेद रेत से सजी इस जानात का नज़ारा पाएँगे | पोर्ट ब्लेयर से 39 कि.मी. दूर स्थित पानी पर तैरती मूँगे की चट्टानों पर बने इस खूबसूरत द्वीप तक नाव से पहुँचा जा सकता है और द्वीप की तटरेखा के अंदर एक खूबसूरत जंगल भी है |

क्या करें

जनवरी के बीच से मई के बीच के महीनों में बंगाल की खाड़ी में स्थित इस द्वीप के आस पास का जलीय जीवन देखने दुनिया भर से सैलानी यहाँ आते हैं | समुद्रतटों पर गार्ड खड़े रहते हैं और यहाँ के सबसे अच्छे डाईविंग स्पॉट में द लाइटहाउस, द वॉल, पायलट रीफ और डिक्सन पिनेकल ख़ास हैं | इन स्पॉट तक स्पीड बोट से बड़े आराम से पहुँचा जा सकता है | दिन में आप समुद्रतट के पास स्थित जंगलों में ट्रेकिंग कर सकते हैं | यहाँ के बेहद शानदार वाइल्ड ऑर्किड रिज़ॉर्ट (वील्डोर्चिदन्दमान.कॉम), या सिल्वर सैंड (सिल्वेर्सांधवेलोकक.कॉम) में बुकिंग करें |

Photo of भारत के ये 6 द्वीप विदेशों के सुंदर नज़ारों को भी पीछे छोड़ देते हैं! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

श्रेय : इज़टोक आल्फ कुर्नीक ; गेटी इमेजस

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6. खन्देरी और उन्देरी द्वीप - महाराष्ट्र

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