फैमिली वेकेशन हो या रोमांटिक हनीमून? हर तरह की छुट्टियों के लिए बेस्ट है लक्षद्वीप की जादुई दुनिया

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हमें आजादी की कीमत तबतक नहीं समझ आती है जबतक हमें कहीं बांध ना दिया जाए। एक घुमक्कड़ के लिए ये कीमत और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। आप बिना किसी प्लानिंग के घूमने निकल पड़ते हैं। आप ऐसे शहरों और मोहल्लों को पैदल नाप लेते हैं जिनको देखने के लिए आपको किसी की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन अगर आप किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते हों जहाँ घूमने तो छोड़िए कदम रखने के लिए भी आपको सीधे सरकार से अनुमति लेनी पड़े तो क्या आपको अपनी ये आजादी कीमती नहीं लगेगी? बेशक आप अपने आपको बेहद किस्मत वाला समझेंगे। खैर भारत में कुछ जगहें ऐसी हैं जिनको देखने के लिए आपको परमिट लेने की जरूरत होती है। इसमें पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ-साथ नॉर्थ की कुछ जगहें भी शामिल हैं। इसके अलावा इस सूची में लक्षद्वीप का भी नाम जुड़ा हुआ है।

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इस 36 द्वीपों के समूह को देखने के लिए आपको परमिट चाहिए होता है। उसके बिना आपको फ्लाइट पर बैठने तक नहीं दिया जाएगा। लेकिन लक्षद्वीप केवल इसी मामले में खास नहीं है। इसके अलावा भी ऐसी बहुत चीजें हैं जो इसको सबसे अलग और अनछुई जगहों में शामिल करती हैं। लक्षद्वीप शब्द का मतलब होता है एक सौ हजार द्वीपों का झुंड। अरब महासागर की शान कहलाने वाले इस द्वीप को भारत की सबसे छोटी केंद्र शासित राज्य होने का ताज मिला हुए है। 36 छोटे द्वीपों को मिलाकर बने इस शानदार आइलैंड को देखने ज्यादा टूरिस्ट नहीं आते हैं। लक्षद्वीप की यही खासियत इसे ऑफबीट घुमक्कड़ी के लिए बिल्कुल परफेक्ट बनाती है। ट्रॉपिकल वेकेशन के लिए अबतक अगर आप गोवा और पांडिचेरी जाने का सोच रहे हैं तो अब आपको अपना प्लान बदल लेना चाहिए।

क्या देखें?

लक्षद्वीप में देखने और करने के लिए इतना कुछ है कि आपका मन नहीं भरेगा। ये जगह इतनी शानदार है कि पहली नजर में ही आपके दिल में घर कर जाएगी। लक्षद्वीप द्वीपों का समूह है इसलिए यहाँ हर द्वीप की अपनी अलग पहचान है।

1. मिनिकॉय द्वीप

मिनिकॉय में उठाएँ नाव की सवारी करने का मजा

लक्षद्वीप के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले इस द्वीप को भारत का सबसे खूबसूरत रहस्य कहा जा सकता है। इस जगह को स्थानीय भाषा में मलिकु कहा जाता है। कोच्चि से 398 किमी. की लंबी दूरी पर स्थित इस आइलैंड की पहचान यहाँ मिलने वाले रंगीन कोरल हैं जिन्हें आप स्कूबा डाइविंग करके देख सकते हैं। मिनिकॉय मालदीव के बेहद नजदीक है इसलिए यहाँ आपको तरह-तरह की संस्कृतियाँ भी देखने के लिए मिलती हैं। सफेद रेतीली बीच पर बैठकर दूर तक फैले समुद्र को देखना कितना संतोषजनक होता है ये आपको मिनिकॉय आकर पता चलेगा। ये लक्षद्वीप का दूसरा सबसे बड़ा आइलैंड है जहाँ लोग रहते भी हैं। मिनिकॉय की खास बात ये भी है कि यहाँ स्पेशल मौकों पर लावा नृत्य भी किया जाता है। इसके अलावा मिनिकॉय में आप फिशिंग, कयाकिंग, स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्केलिंग करना भी सीख सकते हैं। अगर आप मिनिकॉय के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थलों को देखना चाहते हैं तो आपको यहाँ का लाइटहाउस और जुमा मस्जिद जरूर देख लेना चाहिए।

2. अगत्ती

स्मोक्ड टूना मछली खाने का स्वाद जरूर लें

अगत्ती को लक्षद्वीप का नगीना कहा जा सकता है। ये जगह एक तरह से लक्षद्वीप में आने के लिए दरवाजे का काम करती है क्योंकि ये इस समूह का इकलौता द्वीप है जहाँ एयरपोर्ट बना हुआ है। इसलिए लक्षद्वीप में कदम रखते ही आप सबसे पहले अगत्ती ही पहुँचते हैं। इसके अलावा ये लक्षद्वीप के उन चुनिंदा जगहों में से है जो लोगों का घर है। इस द्वीप की खास बात है यहाँ पर मिलने वाले खेत और शानदार नजारे। अगत्ती आइलैंड लगभग 8000 लोगों का घर है जो यहाँ आने वाले हर पर्यटक का खुले दिल के साथ स्वागत करते हैं। लक्षद्वीप के बाकी द्वीपों की तुलना में अगत्ती छोटा जरूर है लेकिन यहाँ के लोगों का दिल इतना बड़ा है कि आप खुश हो जाएंगे। यहाँ के स्थानीय लोग ज्यादातर अंग्रेजी और मलयाली बोलते हैं इसलिए आपको इनसे बातें करने में भी दिक्कत नहीं होगी। अगत्ती की लगून बीच पर आपको कई सारे कैफे और रेस्त्रां मिल जाएंगे जहाँ आप स्थानीय खाने से लेकर स्वादिष्ट सीफूड खाने का मजा उठा सकते हैं।

3. बंगाराम

जन्नत जैसे सुकून के लिए यहाँ आएँ

इस द्वीप को अक्सर लक्षद्वीप का स्वर्ग कहा जाता है। बंगाराम को लक्षद्वीप की सबसे मशहूर जगहों में गिना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहाँ प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर लवर दोनों के लिए बहुत कुछ है। आमतौर पर बंगाराम में लोग 4 से 5 दिनों का समय लेकर आते हैं जो इस द्वीप की खूबसूरती को महसूस करने के लिए काफी होता है। बंगाराम के आसपास का पानी इतना साफ है कि आप इसमें छोटी मछलियों को तैरते हुए भी देख सकते हैं। बंगाराम की खास बात है यहाँ का रिजॉर्ट। इस पूरे द्वीप पर केवल एक रिजॉर्ट है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए ठहरने का एकमात्र ऑप्शन है। इस द्वीप पर केवल 10 लोग ही रहते हैं और सभी इस रिजॉर्ट में काम करते है। एक और चीज है जो बंगाराम को सबसे अलग बनाती है। ये लक्षद्वीप समूह का अकेला ऐसा द्वीप है जहाँ आप बियर और बाकी शराब पी सकते हैं। लेकिन अगर आप ऑफ सीजन में आएंगे तो आपको वो भी ना मिलने की पूरी संभावना है।

4. कवरत्ती

शानदार सनसेट देखने का लें अनुभव

कवरत्ती लक्षद्वीप की राजधानी है और हर राज्य के लिए उसकी राजधानी बेहद महत्वपूर्ण होती है। कवरत्ती के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। लक्षद्वीप समूह के बाकी द्वीपों के मुकाबले में कवरत्ती सबसे ज्यादा विकसित आइलैंड है। ये लक्षद्वीप की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली जगहों में से भी है। कवरत्ती के आसपास समुद्र का पानी गहरे नीले और हरे रंग का है जिसकी वजह से यहाँ आपको लक्षद्वीप का सबसे खूबसूरत और आकर्षक सनसेट दिखाई देता है। कवरत्ती में आपको खूब हरियाली देखने के लिए मिलेगी जिसके सौंदर्य में खो जाने का मन करेगा। कवरत्ती में आपको पारंपरिक दर्शनीय स्थल नहीं मिलेंगे। ये जगह ऑफबीट घुमक्कड़ी के लिए जानी जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अकेले कवरत्ती में कुल 52 मस्जिद हैं जिनमें सबसे खूबसूरत उज्र मस्जिद है। कवरत्ती में आप रोमांचक खेल खेलने का मजा उठा सकते हैं। इसके अलावा आप मरीन म्यूजियम घूम सकते हैं और काँच की तली वाली बोट में सवारी भी कर सकते हैं।

5. कल्पेनी

भीड़भाड़ से दूर लें वेकेशन एन्जॉय करने का आनंद

कोइफिनी के नाम से भी मशहूर ये जगह केरल से समुद्री सफर करने के लिए बेस्ट है। अगर आप केरल में हैं और शिप से यात्रा करना चाहते हैं तो आप कल्पेनी आ सकते हैं। कल्पेनी 3 छोटे द्वीपों का समूह है और ये लक्षद्वीप की सबसे खूबसूरत जगहों में से है। क्योंकि कल्पेनी में विदेशी टूरिस्ट नहीं आ सकते हैं इसलिए ये जगह भीड़ से दूर रिलैक्स करते हुए छुट्टियाँ बिताने के लिए बढ़िया है। कल्पेनी में मिलने वाला लाजवाब स्थानीय खाना इस जगह को और भी खास बना देता है। कल्पेनी चारों तरफ से खूबसूरत लगून से घिरा हुआ है जिसकी सुंदरता देखने लायक है। इस द्वीप के आसपास का पानी बेहद साफ है इसलिए आप यहाँ आसानी से तैरती हुई मछलियों को भी देख सकते हैं।

6. कदमत

स्वादिष्ट स्थानीय खाने के लिए यहाँ आना चाहिए

लक्षद्वीप का ये इकलौता ऐसा द्वीप है जो पूर्व और पश्चिमी दिशाओं से लगून से घिरा हुआ है। इस द्वीप पर ज्यादा लोग नहीं रहते हैं इसलिए यहाँ आप शांति और सुकून के बीच समय बिता सकते हैं। सफेद रेतीले समुद्री किनारे, चमचमाती धूप और दूर तक फैला गहरा नीला पानी आपकी वेकेशन में दोगुना मजा जोड़ देगा। कदमत कछुओं का घर है जो यहाँ की मरीन लाइफ का बड़ा हिस्सा है। इस 9.3 किमी लंबे द्वीप पर आपको बहुत सारे वॉटर स्पोर्ट्स करने का ऑप्शन मिलता है। आप यहाँ स्कूबा डाइविंग, कयाकिंग, स्नॉर्केलिंग और पैराग्लाइडिंग जैसे रोमांचक खेल खेलने का मजा उठा सकते हैं।

परमिट

अगर आप लक्षद्वीप आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे पहले आपको परमिट लेना होता है। भारतीय और विदेशी दोनों को ही ये परमिट लेना जरूरी होता है। लक्षद्वीप में पर्यटन का ध्यान भारत सरकार द्वारा रखा जाता है। इसलिए यहाँ आने के लिए आपको स्पोर्ट्स यानी सोसाइटी फॉर प्रोमोशन ऑफ नेचर टूरिज्म और स्पोर्ट्स से परमिट लेना होता है। इसके लिए आपको भारत सरकार की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है जिसके बाद आप परमिट ले सकते हैं। अगर आप कवरत्ती, बंगाराम, मिनिकॉय, कल्पेनी और कदमत में से किसी द्वीप पर जाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको स्पोर्ट्स द्वारा चलाए जा रहे किसी रिजॉर्ट में बुकिंग करनी होगी। इसके बाद आपको अपने वापसी के टिकट की कुछ जानकारी डालनी होती है जिसके बाद आपको परमिट दे दिया जाता है। लेकिन अगर आप इन 5 द्वीपों के अलावा किसी आइलैंड पर जाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको अलग प्रोसेस करना होता है।

कहाँ ठहरें?

लक्षद्वीप में रहने के लिए आपके पास तमाम विकल्प हैं। आप अपने बजट और आराम के हिसाब से कोई भी होटल या रिजॉर्ट चुन सकते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि इन सभी होटलों और रिजॉर्ट को इको-टूरिज्म को ध्यान में रखकर चलाया जाता है। इस द्वीप की खूबसूरती बनी रहे इसका भी खास ख्याल रखा जाता है। ये सभी होटलों का रख-रखाव और संचालन स्पोर्ट्स द्वारा किया जाता है। इसके अलावा अगर आप चाहें तो आप किसी शिप पर ठहरने के लिए भी बुकिंग कर सकते हैं।

कब जाएँ?

लक्षद्वीप आने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई के बीच होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि साल के इस समय लक्षद्वीप का मौसम सुखद और घूमने के लिए परफेक्ट होता है। इस समय बहुत ज्यादा गर्मी भी नहीं पड़ती है इसलिए आप आराम से घूमने का आनंद ले सकते हैं। आपको बारिश के मौसम में लक्षद्वीप बिल्कुल नहीं आना चाहिए। इस समय ना तो शिप चलते हैं और ना ही आप वॉटर स्पोर्ट्स में हिस्सा ले पाएंगे। इसलिए जून से सितंबर के बीच लक्षद्वीप आने से बचना चाहिए। लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा भीड़ में घूमना नहीं चाहते हैं तो आपको दिसंबर से फरवरी के बीच आने से बचना चाहिए।

कैसे पहुँचें?

लोग अक्सर सोचते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों से लक्षद्वीप तक कैसे पहुँचा जा सकता है। लेकिन सच बात ये है कि आप बहुत आसानी और आराम से लक्षद्वीप आ सकते हैं। खास बात ये है कि आप केवल पानी के रास्ते या फ्लाइट लेकर ही लक्षद्वीप आ सकते हैं। अगर आप वाया रोड यहाँ आना चाहते हैं तो उसके लिए आपके पास कोई विकल्प नहीं है। फ्लाइट और शिप दोनों के लिए आपको सबसे पहले कोच्चि के कोचीन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आना होता है।

फ्लाइट से: लक्षद्वीप में केवल एक एयरपोर्ट है जो अगत्ती आइलैंड पर है। ये एयरपोर्ट कोचीन एयरपोर्ट से अच्छी तरह से जुड़ा हुए है इसलिए आपको यहाँ पहुँचने में कोई परेशानी नहीं होगी। लक्षद्वीप आने के लिए सबसे पहले आपको कोच्चि के कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट आना होगा जहाँ से फिर आपको अगत्ती के फ्लाइट मिल जाएगी। कोच्चि से अगत्ती के लिए फ्लाइट हफ्ते में 6 दिन ही मिलती हैं इसलिए आने से पहले पूरी जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए। कोचीन एयरपोर्ट देश के सभी हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है इसलिए आपको आसानी से फ्लाइट मिल जाएगी। अगर आप अगत्ती से आगे भी फ्लाइट से सफर करना चाहते हैं तो आप अगत्ती से कवरत्ती के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हैं। ये हेलीकॉप्टर सेवा पूरे साल उपलब्ध रहती है। कोच्चि से अगत्ती आने में 90 मिनट का समय लगता है।

शिप से: शिप से लक्षद्वीप आने के लिए आपको सबसे पहले कोच्चि आना होगा। कोच्चि से लक्षद्वीप जाने के लिए फिर आपके पास 7 जहाजों का विकल्प है। लक्षद्वीप की ऑफिशियल टूरिज्म वेबसाइट से आप इन जहाजों के बारे में जानकारी ले सकते हैं और पहले से टिकट भी बुक कर सकते हैं। शिप में बहुत सारे ऑप्शन्स हैं। आप अपने बजट और सुविधा के अनुसार किसी भी सीट का चुनाव कर सकते हैं। अगर आप शिप लेकर कोच्चि से लक्षद्वीप आते हैं तो उसमें ज्यादा समय लगता है। इस सफर को पूरा करने में लगभग 15 से 20 घंटों का समय लग जाता है। इसलिए अगर आपके पास समय की कमी नहीं है और आपको रोमांच पसंद है तो आपको बेफिक्र होकर शिप पर सवार हो जाना चाहिए।

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