भारत विविधताओं का देश है जहाँ हर कदम पर भाषा, पहनावा, नज़ारे सब बदल जाते हैं। इस बदलते नज़ारों के बीच ठहरे लोगों को उनके प्यार और अपनेपन के लिए जाना जाता है। लेकिन कई बार कुछ बातें जैसे किसी जगह से जुड़ जाती है वैसे ही कई राज्य के बारे में एक सोच सी बन गई है कि जब भी लोग उस जगह के बारे में सोचते हैं तो उस ताने या सोच के चश्मे से ही देखते हैं। लेकिन आप औप मैं अच्छी तरह जानते हैं कि वो बातें या स्टीरियोटाइप कितने झूठे होते हैं। तो चलिए भारत के राज्यों से जुड़ी ऐसी ही झूठी बातों से परदा उठाते हैं।
1. पंजाब
गलतफहमी: यहाँ सिर्फ सिख लोग ही रहते हैं। कोई ना कोई 24 घंटे सरसों के खेत में बल्ले-बल्ले करता दिख जाएगा।
सच- गौरवशाली सिख समुदाय के अलावा पंजाब में हिंदु समुदाय की भी एक बढ़ी आबादी रहती है, करीब 38%। आप अगली बार पंजाब जाएँ तो सरसो के खेतों में "घर आजा परदेसी" गाना बजने की उम्मीद ना करें, ऐसा तो नहीं होने वाला।
2. दिल्ली
गलतफहमी: यहाँ हर कोई पावर का रॉब दिखाता है, "तू जानता नहीं मेरा बाप कौन है?"
सच: दिल्लीवालों ने इस लाइन को कई बार ज़रूर इस्तेलाम किया होगा, जी नहीं, ये सच नहीं है। सच तो ये है कि दिल्ली में ज़्यादातर आम दर्जे के लोग हैं जैसा कि भारत के किसी दूसरे राज्य में। दिल्ली में दूसरे शहरों से आए लोगों का आबादी करी 33% है जो दिन रात काम कर अपनी रोज़ी-रोटी कमाते हैं।
3. महाराष्ट्र
गलतफहमी: महाराष्ट्र मतलब मुबंई और मुंबई मतलब हर कहीं फिल्मी सितारों से मुलाकात
सच- महाराष्ट्र में 10 शहर, 36 से ज़्यादा ज़िले और करीब 357 तालुकाएँ हैं। मुंबई तो महाराष्ट्र की सांसकृतिक राजधानी भी नहीं है, वो तो पुणे है।
4. झारखंड
गलतफहमी: बिहार का दूसरा नाम। सिर्फ एम एस धोनी के कारण मशहूर
सच- झारखंड और बिहार दो अलग-अलग राज्य हैं। झारखंड भारत का खनिज संपत्ति का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और कैप्टन कूल धोनी के अलावा और भी कई चीजों के कारण जाना जाता है।
5. चेन्नई, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, कर्णाटक
गलतफहमी: हर कोई मदरासी या मल्लू है। सारा खाना चावल और नारियल के तेल से बनता है। अइयो!
सच- मदरासी शब्द तब ही चला गया था जब मदरास के नाम को बदलकर चेन्नई कर दिया गया था। चेन्नई तमिल नाडु की राजधानी है। 'मल्लू' मलयाली लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, यानी जो लोग केरल से आती हैं और मलयालम भाषा बोलते हैं। दक्षिण भारत में 5 राज्य शामिल हैं, 5 अलग अलग राज्य जिनमें कोई भी समानता नहीं है (ना खाना, ना भाषा और ना ही भूगोल) तो इन्हें आपस में कन्फूयूज़ ना किया जाए, और ना ही ऐसे शब्दों का इस्तेमाल भी ना किया जाए। हर राज्य की अपनी पहचान और संसकृति है। खाने की बात करें तो मालाबार फिश करी, चिकन चेट्टिनाड, उपमा और पेसरत्तु और कई डिशों में से कुछ पकवान हैं जो चावल से नहीं बनते। एक बार इनका स्वाद चखा तो उंगलियाँ चाटते रह जाएँगे।
6. गुजरात
गलतफहमी: शुद्ध शाकाहारी राज्य, 24 घंटे डांडिया
सच- गुजरात पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी राज्य नहीं है। हालांकि राज्य में शाकाहारी लोगों के मुकाबले मांसाहारी लोगों की आबादी काफी कम है लेकिन आपको कई विकल्प आसानी से मिल जाएँगे। सूरत में मांसाहारी लोगों की आबादी तो आराम से मिल जाएगी। हाँ गुजरातियों को अपने डांडिया नृत्य से काफी प्यार है लेकिन किसी के पास इसे 24 घंटे करने का वक्त नहीं है। वो त्योहारों का इंतज़ार करते हैं और फिर पुरे दिलओ जान से उसमें हिस्सा लेते हैं।
7. राजस्थान
गलतफहमी: हर तरफ ऊँट, लाल रंग का साफा बाँधे लोग, रेगिस्तान और धूल भरे तूफान!
सच- राजस्थान पिछले कुछ दशकों में बहुत बदल गया है। शहरों का विकास हो चुका है और रेतीले तुफान इतिहास की बात हो गई है। साफा सिर्फ बड़े-बूढ़े ही पहने दिखाई देंगे। हालांकि उँट की सवारी राजस्थान टूरिज़म का अहम हिस्सा है लेकिन आप इसे ऐसे ही हर जगह नहीं अनुभव कर सकते। थार के पास के इलाकों में ही ये अनुभव करने को मिलता है।
8. हरियाणा
गलतफहमी: ये कोई राज्य नहीं, बल्कि पंजाब में हुड़दंगियों का एक गाँव है।
सच- हुड़दंगी हो या नहीं, लेकिन हरियाणा अपने आप में एक राज्य है और ऐतिहासिक और अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से अहम भी है। कैसे? वो ऐसे कि महाभारत की लड़ाई हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ही हुई थी। उत्तर भारत का IT हब, गुरुग्राम हरियाणा का ही हिस्सा है। हरियाणा से निकले सफल खिलाड़ियों की लिस्ट तो काफी लंबी है। अब यहाँ कि भाषा थोड़ी अक्खड़ ज़रूर है जिससे यहाँ के लोगों के बारे में गलत धारणा बन गई है
9. हिमाचल प्रदेश
गलतफहमी: हिमाचल मतलब कसोल , मेक्लोडगंज और नशा
सच- हिमाचल में देखने को इतना कुछ है कि मुझे कुछ कहने की ज़रूर ही नहीं है। आप जानते ही होंगे।
10. उत्तर पूर्व भारत
गलतफहमी: एक बड़ा राज्य, जहाँ सभी 'चिंकी' लोग रहते हैं और मोमोज़ खाते हैं।
सच- उत्तर पूर्व भारत में 8 राज्य शामिल हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मेज़िरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा। हर कोई संसकृति और सुंदरता के मामले में एक से बढ़कर एक है। भले ही मोमोज़ की लोकप्रियता भारत के कई शहरों और राज्यों तक पहुँच गई हो लेकिन यहाँ मोमोज़ को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती क्योंकि यहाँ स्थानीय खाने में और भी कई लज़ीज़ चीज़ें शामिल हैं। चिंकी शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो चाइनीज़ लोग जैसे दिखते हैं। जो लोग इसका इस्तेमाल उत्तर पूर्व के लोगों के लिए इस्तेमाल करते हैं उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए कि उन्हें अपनी देश की विविधता के बारे में कितना कम पता है।
11. तेलंगाना
गलतफहमी: हैदराबाद का कनया नाम। बिरयानी, बिरयानी और सिर्फ बिरयानी
सच- हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी है, जो कि भारत का 12वां सबसे बड़ा राज्य है। खाने की बात करें तो हैदराबादी बिरयानी उन कई सारे लज़ीज़ डिशेस में से बस एक चीज़ जिसे देखकर आप खुद को उसे खाने से रोक नहीं पाएँगे।
12. छ्त्तीसगढ़
गलतफहमी: छुप जाओ, यहाँ नक्सलवादी हैं, मेरे घर में, दुकान के बाहर, सब जगह!
सच- इस आर्टिकल को पढ़िए और दिमाग में ये बात बिठा लिजिए कि छत्तीसगढ़ भारत का अनमोल खज़ाना है।
छ्त्तीसगढ़ घूमने बिल्कुल सेफ है!
13. जम्मू-कश्मीर
गलतफहमी: यहाँ सिर्फ आतंकवाद है।
सच- इस बात का जवाब तो जहाँगीर ही देकर चले गए, "गर फिरदौस बर रूये ज़मी अस्त, हमी अस्तो हमी अस्तो हमी अस्त" यानी धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है! हाँ ये सच है कि कश्मीर में आतंकवाद एक मुद्दा है, लेकिन सिर्फ यही नहीं है जम्मू-कश्मीर में। यहाँ कि सुंदर वादियाँ और रंगीन बाग आपको किसी जन्नत से कम लगे तो कहना।