खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन

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भारत में पहाड़ों में जाने की बात आती है, तो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जेहन में आते हैं। जो घुमक्कड़ हैं, वो हिमाचल को ज्यादा खूबसूरत बताते हैं और उत्तराखंड को धर्म और आस्था के लिए ही देखा जाता है, लेकिन उत्तराखंड का एक हिल स्टेशन ऐसा है जो खूबसूरती के मामले में हिमाचल के बराबर आता है।

Khirsu

Photo of खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन by Ankit Tyagi

जहाँ आपको बर्फ से घिरे पहाड़ों के नज़ारे, जंगल और सेब के बागान मिलते हैं। नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको ले जाते हैं पौड़ी गढ़वाल के छोटे-से गाँव खिरसू में। खिरसू उत्तराखंड का वो हिल स्टेशन है जिसको अब तक बहुत कम एक्सप्लोर किया गया है। धीरे-धीरे अब यह जगह फेमस होती जा रही है और लोग यहाँ वेकेशन पर आना पसंद करते हैं।

खिरसू समुंदरतल से 1700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर आप वीकेंड को आराम से बिता सकते हैं। शहरों में हमारी आदत गाड़ी से जाने की हो जाती है और हमारी नज़रें मोबाइल में ही घुसी रहती हैं। इन दोनों चीजों को दूर करके इस खूबसूरत गाँव को पैदल देखना चाहिए। ओक, देवदार, चीड़, और बुरांश के पेड़ों से भरे जंगल के बीच बसा यह गाँव, जो आपको सुकून और प्रकृति का एहसास कराएगा। यहाँ आप पैदल चलते हुए यहाँ के जंगल को देख सकते हैं।

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Photo of खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन by Ankit Tyagi

खिरसू से चौबट्टा तक जंगल के बीच के दो किलोमीटर का रास्ता इस जगह का सबसे खूबसूरत रास्ता है। जंगल को अंदर से देखने का अनुभव आपको यहीं मिलेगा। यहाँ के जंगल में जंगली जानवर भी होते हैं, लेकिन वे काफी अंदर होते हैं।

ओक और बुरांश के इन जंगलों में घंटों भटकना आपको खुश कर देगा। यहाँ के जंगल में ना जाने कितनी तरह की जड़ी-बूटी और पक्षियों से भरे हुए हैं। पक्षियों का कलरव जब कानों में सुनाई देता है, तो वो एक मधुर संगीत-सा लगता है। चलते-चलते, शाम को यहाँ का सूर्यास्त ज़रूर देखें। सूरज पहाड़ों से वैसे ही नीचे जाता है, जैसे हम छत से नीचे उतरते हैं।

सूरज की लालिमा ये नज़ारा आपको जीवन भर याद रहेगा।

खिरसू में सबसे बेहतरीन हैं यहाँ के नज़ारे। उनमें सबसे उत्तम हैं यहाँ की चोटियों के नज़ारे। 300 से ज्यादा चोटियों को बर्फ से ढंके हुए देखना वाकई बेहद सुहावना है।

Photo of खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन by Ankit Tyagi

कई चोटियाँ तो ऐसी हैं जिनको आप देखकर भी पहचान नहीं सकते। त्रिशूल, नंदा देवी, नंदकोट और पंचुली पीक का नज़ारा खिरसू में ही देखने को मिलता है।

आपको विश्वास नहीं होगा कि आप उन चोटियों को अपनी आँखों के सामने देख रहे हैं जिनके बारे में आपने सिर्फ सुना ही था। ये सारे नज़ारे आपका खिरसू आना सफल बना देते हैं।

इन नजारों को देखने के लिए दो व्यू पॉइंट हैं। एक, फारकुंडा पॉइंट और दूसरा चौखंभा व्यू पॉइंट। वैसे तो यह जगह सभी प्रकार के लोगों के लिए है। जो वीकेंड पर एक अच्छी जगह की तलाश में हैं, जो रोड ट्रिप करना चाहते हैं, और वो भी वे लोग जो एडवेंचर स्पॉट्स खोजते रहते हैं।

एडवेंचर के लिए यहाँ आप कैंपिंग और ट्रेकिंग कर सकते हैं । यहाँ ट्रेकिंग के लिए फारकुंडा पीक पर जा सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ परिवार के लिए कई पार्क भी हैं, जहाँ आप अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं।

खिरसू में पक्षियों की कई प्रजातियाँ आप यहाँ देख सकते हैं। यह जगह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और बर्ड वॉचिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

इन टूरिस्ट स्पॉट्स के अलावा, यहाँ देखने के लिए कुछ धार्मिक स्थल भी हैं। खिरसू का सबसे पुराना मंदिर घिदियाल देवी का मंदिर है। इसके अलावा, खिरसू के नज़दीक भी कई मंदिर हैं, जिनको देखना चाहिए।

Photo of खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन by Ankit Tyagi

खिरसू से कुछ मील की दूरी पर स्थित कंडोलिया मंदिर। यह मंदिर भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर के दर्शन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इसके अलावा, यहाँ धारा देवी मंदिर को भी जरूर देखें।

खिरसू जाने का सबसे अच्छा समय -

हिमालय की खूबसूरत चोटियों के लिए, गाँव में पैदल घूमने के लिए और जंगल को देखने के लिए, खिरसू बेहतरीन जगहों में से एक है। खिरसू को देखने के लिए अप्रैल से अक्टूबर सबसे बेस्ट टाइम है।

उस समय आसमान साफ रहता है और खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। बरसात में जाना बहुत रिस्की है और सर्दियों में यह जगह बर्फ से भर जाती है। अगर आप स्नोफॉल का नज़ारा और उसका अनुभव करना चाहते हैं, तो नवंबर से जनवरी के बीच में जाना चाहिए।

Photo of खिरसू - उत्तराखंड का एक अनोखा और शांत हिल-स्टेशन by Ankit Tyagi

खिरसू में ठहरने के लिए कुछ गिने-चुने होटल और आवासीय विकल्प हैं, जो आप आवश्यकताओं और बजट के अनुसार चुन सकते हैं।

इसके अलावा, कुमाऊँ पर्यटन विकास निगम के होटल भी रुकने के लिए सही जगह है। आप यहाँ वन विभाग के गेस्ट हाउस में भी ठहर सकते हैं। यह गेस्ट हाउस अंग्रेजों के ज़माने का है, जिसे 1913 में बनाया गया था। इस गेस्ट हाउस की बनावट उस समय की ही दिखाती है। इस गेस्ट हाउस में आप ₹1000 में ठहर सकते हैं।

और अगर आप एडवेंचर प्रेमी हैं, तो आप खिरसू में कैम्पिंग करने का विचार भी बना सकते हैं।

खिरसू कैसे पहुँचें?

खिरसू से सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है। कोटद्वार से खिरसू की दूरी 114 किलोमीटर है। कोटद्वार से आप खिरसू के लिए टैक्सी बुक कर सकते हैं। यहाँ आप उत्तराखंड परिवहन निगम की बस से भी जा सकते हैं।

सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट जोलीग्रांट, देहरादून है। देहरादून से खिरसू की दूरी 145 किलोमीटर है। यहाँ से आप टैक्सी और बस से पौड़ी जा सकते हैं। पौड़ी से खिरसू जाने के लिए आप टैक्सी का भी उपयोग कर सकते हैं, जिसका किराया ₹50 होता है।

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