माता वैष्णो देवी, जिनके न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में अनगिनत भक्त पाए जाते हैं। इनकी उपासना करने वाले दूर दूर से श्री माता वैष्णो देवी धाम जो जम्मू से आगे कटरा में स्थित हैं, के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं
पुलिस चेक पोस्ट और यात्रा पर्ची चेक पोस्ट के बाद तीर्थ यात्री एक छोटे पुल पर पहुंचता है जिसके नीचे से बाण गंगा बहती है। इस पवित्र नदी के साथ माता के चमत्कार की पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इस नदी में वर्ष भर जल रहता है पानी तब कम रहता है जब मानसून के मौसम में वर्षा कम हुई हो या सर्दी के मौसम में बर्फ कम पड़ी हो। यह नदी पवित्र मानी जाती है और साधारण हिन्दु परंपरा अनुसार श्रद्धालु यात्रा पर आगे बढ़ने से पहले इस नदी में स्नान करना पसंद करते हैं। आज बदलते समय के साथ कई यात्री ऐसे परंपरागत स्नान से आंख चुरा कर आगे बढ़ जाते हैं। परंतु जिन यात्रियों के पास समय होता है और जिनका धार्मिक परंपराओं की ओर झुकाव होता है और जो पौराणिक कथा और परंपरा का पालन करने की इच्छा रखते हैं वे आगे बढ़ने से पूर्व यहां डुबकी लगा लेते हैं। इस लिए यहां कुछ घाट भी बनाए गए हैं । पहला घाट आमतौर पर भारी भीड़ से भरा रहता है। दूसरा घाट पहले की तुलना में खुला और अधिक जगह वाला है।
इस नदी का नाम दो शब्दों बाण और गंगा के मेल से बना हुआ है। बाण का अर्थ तीर और गंगा पवित्र नदी गंगा के लिए प्रयुक्त हुआ है। ऐसा विश्वास है कि जब माता वैष्णो देवी जी अपनी पवित्र गुफा की ओर जा रहीं थी तब उन्होंने अपने तरकश के बाण से इस जल झरने को पैदा कर दिया जिसके कारण इसका नाम बाण गंगा पड़ा। यह भी माना जाता है कि उन्होंने यहां डुबकी लगाई और अपने बाल धोए। इसलिए कई लोग इसे बाल गंगा भी कहते हैं।