केदारनाथ के पास स्थित वो मंदिर जहां भगवान शिव ने काटा था गणपति बाप्पा का सिर

Tripoto
6th Jul 2023
Photo of केदारनाथ के पास स्थित वो मंदिर जहां भगवान शिव ने काटा था गणपति बाप्पा का सिर by Priya Yadav

भारत में ऐसे कई मंदिर है जो कई सारे रहस्यों और चमत्कारों के साथ साथ आस्था से जुड़े हैं।लोगो की उनके प्रति आस्था और विश्वास है,इस आस्था और विश्वास का कारण वो साक्ष्य हैं जो प्राचीन काल से वर्तमान काल तक हमारे बीच विराजमान है।जो हमे यह मानने की वजह देता है की भूतकाल में ऐसी घटना हुई है जिसकी चिन्ह आज भी हमारे समक्ष उपस्थित है।ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है जिसे मुंडकटिया मंदिर के नाम से जाना जाता है।यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश की बिना सिर वाले मूर्ति की पूजा होती है।आइए जानते है इस मंदिर के विषय में।

मुंडकटिया गणेश मंदिर

यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है।यह मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश की बिना सिर वाले मूर्ति की पूजा होती है,जो उत्तराखंड के सोन प्रयाग से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर गौरी कुंड के रास्ते केदार घाटी में स्थित है।इस खूबसूरत घाटी को देवभूमि के नाम से जाना जाता है।केदार घाटी में स्थित होने के कारण यह स्थान अभी पर्यटकों के बीच उतना अधिक प्रचलित नहीं है,बहुत कम लोग ही इसके विषय में जानते है और यहां तक पहुंच पाते है।यह जिस जगह स्थित है उस गांव का नाम मुंडकुटिया गांव है,मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है जिसके नीचे मंदाकिनी नदी बहती है।आस पास के हरियाली भरे जंगल के दृश्य देखने में काफी मनमोहक लगते है।

Photo of केदारनाथ के पास स्थित वो मंदिर जहां भगवान शिव ने काटा था गणपति बाप्पा का सिर by Priya Yadav


मुंडकटिया मंदिर का इतिहास

शिव पुराण के अनुसार एक बार जब माता पार्वती स्नान करने गई तो कोई भी उनके कक्ष में प्रवेश न करे इसलिए उन्होंने अपने शरीर के उबटन से एक मूर्ति का निर्माण किया और उसमे जान डालकर उसे गणेश नाम दिया।उन्होंने उन्हें आज्ञा दिया की कोई भी उनके आज्ञा के बिना उनके कक्ष में प्रवेश न कर सके।माता की आज्ञा पा कर गणेश जी द्वार पर खड़े हो गए। तभी भगवान शिव जी आए और माता पार्वती से मिलने अंदर जाने लगे ।भगवान गणेश जी के बार बार रोकने पर उन्हें क्रोध आ गया और गुस्से में आकर उन्होंने अपनी त्रिशूल से भगवान गणेश का सिर काट दिया।बाद में पार्वती जी के कहने पर उन्होंने गणेश जी को हाथी का सिर लगा दिया।इसी कारण से इस जगह का नाम मुडकटिया पड़ा।

Photo of केदारनाथ के पास स्थित वो मंदिर जहां भगवान शिव ने काटा था गणपति बाप्पा का सिर by Priya Yadav

दुनियां का एकमात्र अनोख मंंदिर

दुनिया भर में यह अपने आप में एक अनोखा मंदिर है जहां भगवान गणेश की बिना सिर वाले मूर्ति की पूजा की जाती हैं।वैसे तो ऐसा माना जाता है की खंडित हुई मूर्ति की पूजा करना शुभफलदायक नही होता।लेकिन इस मंदिर में तो बिना सिर वाले मूर्ति की पूजा की जाती है।इसकी वजह पौराणिक मान्‍यता है भगवान शिव ने इसी जगह भगवान गणेश का सिर काटा था जिसके वजह से आज भी इस स्थान पर उनकी बिना सिर वाले मूर्ति की पूजा की जाती है।मंदिर में पूजा-अर्चना व देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय गोस्वामी परिवार निभाता है।

Photo of केदारनाथ के पास स्थित वो मंदिर जहां भगवान शिव ने काटा था गणपति बाप्पा का सिर by Priya Yadav

कैसे पहुंचे

आप सोनप्रयाग से पैदल या स्थानीय कार किराए पर लेकर मुनकटिया पहुंचा जा सकता है। सोनप्रयाग देहरादून रेलवे स्टेशन से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर है। आप टैक्‍सी अथवा बस द्वारा यहां पहुंच सकते हैं। गुप्तकाशी/सोनप्रयाग से देहरादून के बीच जीएमवीएन की नियमित बसें व स्थानीय सूमो या टैक्‍सी भी चलती हैं।

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल हमे कमेंट में जरुर बताए।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

Further Reads