एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन

Tripoto
26th Mar 2021
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Day 1

घुमक्कड़ी के बहुत से उद्देश्य होते है जिसमे से एक उद्देश्य धार्मिक आस्था भी है।भारत को धार्मिक आस्था का केंद्र माना जाता है।यहाँ पर लोग दूर -दूर तक अपने आराध्य के दर्शन के लिए जाते है।आज हम आपको एक ऐसी जगह पर ले जायेंगे जहाँ आप चारो धाम के दर्शन कर पाएंगे इसके लिए आपको भारत के चार स्थानों पर जाने की जरूरत नही होगी आपको ये सब धाम एक ही पहाड़ी पर मिल जायेंगे।जी हां हम बात कर रहे है नामची सिक्किम प्रदेश में सोलोफोक पहाड़ी पर स्थित चारधाम की जहाँ भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की एक ही जगह समेट कर पर बनायी गयी प्रतिकृति है। जिसे सिधेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है।यहां पर भारत के चारों कोनों में स्थित चार धाम, जैसे रामेश्वरम, सोमनाथ, पुरी और बद्रीनाथ और पूरे भारतखंड में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग शामिल हैं।सिद्धेश्वर धाम के नाम से जाने जाना वाले इस स्थल के आकर्षण का शिखर बिन्दु भगवान शिव की ऊँची-लंबी प्रतिमा है।तो आइए चलते है इस चार धाम की यात्रा पर।

यह भी पढ़ेंः केदारनाथ - इतिहास और साक्ष्यों की नजर से

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

सर्वप्रथम चारधाम, छोटा चारधाम व ज्योतिर्लिंग के बारे में जानें

भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम को चार धाम के रूप में जाना जाता है। इन चार धामों में श्री विष्णु भगवान या उनके स्वरूप की पूजा होती है ।इसके अतिरिक्त छोटा चारधाम की चर्चा भी की गई है यह भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल में उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में स्थित है और इस परिपथ के चार धाम इस प्रकार हैं बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री । इनमें से बद्रीनाथ धाम, भारत के चार धामों का भी उत्तरी धाम है ।पुराणों के अनुसार शिवजी जिन बारह स्थानों पर स्वयं प्रगट हुए उन बारह स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है।सिधेश्वर धाम में ये सब आपको एक ही पहाड़ी पर दर्शन को मिल जायेंगे।

छोटा चारधाम पैकेज के बारे में जानने के लिए क्लिक करें

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

सिक्किम के सोलोफोक पहाड़ी का इतिहास

महाकाव्य महाभारत में एक ऐसा अध्याय है जहां पर अर्जुन शिव भगवान से पशुपतिअस्त्र प्राप्त करने के लिए कड़ी तपस्या करते हैं।तपस्या के बाद जब शिवजी उनके समर्पित धीरज से प्रसन्न हुए, तो उन्होंने अर्जुन के समुख प्रकट होकर उन्हें पशुपतिअस्त्र का वरदान दे दिया। कहा जाता है कि यह प्रकरण नामची की सोलोफोक पहाड़ी पर घटित हुआ था। किंवदंती के अनुसार अर्जुन को पशुपतिअस्त्र का आशीर्वाद देने के लिए इस पहाड़ी पर स्वमं शिव भगवान ने अवतरण लिया था ।भगवन शिव के अवतरण की खुशी में यहाँ चार धाम का निर्माण किया गया । इस परिसर का उद्घाटन नवंबर 2011 में श्री जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज और अनेकों धार्मिक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठान के साथ हुआ।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

सिक्किम में चारधाम का परिसर

नामची के चारधाम परिसर का केंद्रीय आकर्षण 87 फीट ऊँची शिव मूर्ति है जो पहाड़ी के शिखर पर स्थित है। यहां से शिव भगवान पूरे चारधाम परिसर और उसके चारों ओर की घाटियों की निगरानी करते हैं। चारधाम के परिसर में प्रवेश करते ही हाथ में धनुष पकड़े किरतेश्वर की मूर्ति हैं। सिक्किम में यह शिव भगवान का स्थानीय अवतार के रूप में माना जाता है।चारधाम परिसर के बीचोबीच एक फव्वारा बहता है, जहां अपने-अपने वाहन पर खड़ी गंगा और यमुना की मूर्तियां स्थित हैं। गंगा का वाहन मगरमच्छ है और यमुना का वाहन कछुआ। यह प्रयाग में गंगा और यमुना नदी के संगम की अभिव्यक्ति है।उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात के द्वारका में सोमनाथ, ओड़ीसा के पूरी में जगन्नाथ और तमिलनाडु में रामेश्वरम। इन प्रत्येक धामों की प्रतिकृति यहां, सिक्किम के नामची शहर में है। मंदिर में बाईं तरफ से घूमने की परंपरा है ताकि पूरे परिसर में परंपरागत दक्षिणावर्त तरीके से घूमा जा सके।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

पहला धाम : रामेश्वरम मंदिर

मंदिर में सबसे पहला पड़ाव रामेश्वरम मंदिर था, जो द्रविडी मंदिरों की शैली में निर्मित है।यह अन्य मंदिरों से थोड़ा अलग भी है ।यहाँ रंगबिरंगी ऊंचे गोपुरम के द्वारा मंदिर में प्रवेश किया जाता है । ऐसा माना जाता है की यह शिवलिंग की स्थापना भगवान राम ने श्रीलंका से वापसी के दौरान ब्राह्मण हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए किया था ।भगवन राम द्वारा स्थापित करने के कारण ही इसे रामेश्वरम नाम दिया गया था।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

दूसरा धाम – सोमनाथ मंदिर

अगला पड़ाव सोमनाथ मंदिर था जो भारत के पश्चिमी तट पर द्वारका में स्थित है।। यह मंदिर ठेठ गुजराती शैली में बनवाया गया है, जिसकी छत पिरामिड जैसी है।

ये मंदिर भीतर से अपेक्षाकृत साधारण हैं और मूल मंदिरों की तुलना में या आकार में भी बहुत छोटे हैं।इसके बावजूद भी ये प्रतिकृतित मंदिर आपको मूल मंदिर के दर्शन लेने का एहसास जरूर दिलाते हैं। आगे जाकर यह रास्ता साई मंदिर से होकर गुजरते हुए आपको शिव जी की मूर्ति तक ले जाता है। साई मंदिर के बाहरी भाग में जाली काम की दिलचस्प संरचना है, जिसके चारों ओर मन्नतों के लाल धागे बंधे हैं।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

शिव मूर्ति और 12 ज्योतिर्लिंग

शिवजी की मूर्ति के पास ही 12 ज्योतिर्लिंग हैं । चुकी ये सारे ज्योतिर्लिंग एक के बाद एक हैं इसलिए उनके बीच के सूक्ष्म अंतर को जाना और समझा जा सकता है ।उदाहरण के लिए, जो शिवलिंग केदारनाथ में है वह सिर्फ पत्थर का कूबड़ है, लेकिन जो शिवलिंग रामेश्वरम में है वह दक्षिण भारत की शैली वर्ग योनि में बनवाया गया है। साथ ही यह पर एक छोटा सुचना पट्ट है जो वहाँ स्थित सभी शिवलिंगों की कथा बताता है।इसके बाद यह शिव जी की बड़ी सी मूर्ति है जो की एक बड़े से मंच पर विराजमान है।मूर्ति के नीचे ही शिव मंदिर है जहाँ शिव पुराण के अध्यायों को दर्शाया गया है। इसमें शिव भगवान के विवाह से लेकर, प्रजापति दक्ष के यज्ञ के बाद शिवजी द्वारा माता सती के मृत शरीर को लेकर घूमने से, शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती द्वारा की गयी तपस्या तक सब कुछ समाहित है।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

तीसरा धाम : जगन्नाथ मंदिर

मंदिर का अगला पड़ाव जगन्नाथ पूरी का मंदिर था, जो उड़ीशा में स्थित जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति है।यहाँ

पर कृष्ण, बलराम और सुभद्रा के साथ रहते थे। यहां की मूर्तियाँ भी अपने मूल स्थान के मूर्तियों की प्रभावशाली प्रतिकृति है।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

चौथाधाम : श्री बद्रीनाथ धाम

मंदिर का सबसे आखिरी पड़ाव श्री बद्रीनाथ धाम है।यह मंदिर उत्तराखंड में स्थित मंदिर के समान ही है।बद्रीनाथ को भगवान विष्णु का निवास स्थल माना गया है।यही कारण है कि हर वर्ष लोग लाखो की संख्या में उत्तराखंड जाते है।इस पहाड़ी पर भगवान ही उसी मंदिर की प्रतिकृति बनायी गयी है।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

कैसे पहुँचे

हवाई जहाज से

यहाँ का निकटम हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल में बागडोगरा है जो नामची से लगभग 102 किलोमीटर दूर है जो एक घरेलू हवाई अड्डा है और पश्चिम बंगाल में कोलकाता से संयुक्त आंतरिक हवाई अड्डा से जुड़ा है।

ट्रेन से

यहाँ का निकटम रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन है जो नामची से लगभग 96 किलोमीटर दूर है जहां से देश के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन का परिचालन होता है।

रोड से

सिलीगुड़ी से लगभग 92 किलोमीटर की दूरी पर नामची है। सिक्किम राष्ट्रीयकृत परिवहन (एसबीआई) बसें नियमित रूप से नामची से राज्य और सिलीगुड़ी शहरों के लिए जाती हैं। निजी टैक्सी रूट रूप से किराए पर या साझा आधार पर भी उपलब्ध हैं।

Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav
Photo of एक ही पहाड़ी पर करे चारो धाम के दर्शन by Priya Yadav

कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা  और  Tripoto  ગુજરાતી फॉलो करें

Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।