किसी जन्नत से कम नहीं है सिक्किम का सिंगतम एक बार जरूर करे इसकी सैर

Tripoto
5th Feb 2023
Photo of किसी जन्नत से कम नहीं है सिक्किम का सिंगतम एक बार जरूर करे इसकी सैर by Priya Yadav
Day 1

जिन लोगों को पहाड़ पसंद है सिक्किम उनकी बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर आता है क्योंकि जो सुकून आपको सिक्किम की पहाड़ियों पर मिलेंगी वो और कहीं शायद ही मिले।शांति और सुकून की असली परिभाषा आपको यही आ कर पता चलेगा।सिक्किम की पहाड़ियों पर आपको एक अलग सी दुनिया का एहसास होगा। वहां की खूबसूरती,हरियाली और बर्फ के पहाड़ देख कर आपको ऐसा लगेगा मानो किसी कैनवास पर कोई सुंदर सी तस्वीर हो।इस सुंदर वादियों में पहुंच कर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी जन्नत में हो।वैसे तो पूरा सिक्किम ही खूबसूरती की परिभाषा है,आप यहां कहीं पर भी जाए आपको सुकून ही मिलेगा पर आज हम आपको इस जन्नत के एक टुकड़े की सैर कराएंगे।

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सिंगतम

सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लगभग 30 किमी दूर पर स्थित सिंगटम एक बहुत ही खूबसूरत और शांत सी जगह है।यह अपने सरकारी खाद्य संरक्षण कारखाने के लिए भी प्रसिद्ध है।यह जगह उन लोगों के लिए खास है जो प्रकृति की गोद में फुर्सत के पल बिताना चाहते हैं। यहां पर फैली हरियाली और शांत वातावरण एकदम तरोताजा कर देगा।यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता और सुरम्य स्थानों से भरा है,फिर भी अभी यह पर्यटकों की नजरो से बचा हुआ है।नगरों के हानिकारक प्रदूषण से इस घाटी की सुंदरता और पवित्रता आज भी अछूती है। पहले यह पर्यटकों के लिए दुर्जेय स्थान था और लेपचाओं तक ही सीमित था। हालांकि, अब इसे सभी के लिए खोल दिया गया है। घाटी में जंगल और नदियाँ हैं जो कई पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

Photo of Singtam by Priya Yadav

सिंगतम के मुख्य आर्कषण

बेरमिओक मठ

यह मठ बरमियोक गांव में स्थित है, जो सिंगतम से लगभग 45 किमी दूर है। यह बौद्ध धर्म के निंगमा संप्रदाय का अनुसरण करता है।यह मठ बहुत महत्व रखता है क्योंकि समय-समय पर यहां प्रमुख धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। मठ की इमारत को 1954 में दो भूकंपों के बाद बहाल किया गया था जिससे इमारत को भारी नुकसान हुआ था। मठ के चारों ओर प्रकृति का शानदार नजारा इस यात्रा को और भी यादगार बना देता है।

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द्ज़ोंगू घाटी

यह घाटी हाल के दिनों में लोगो किन पसंदीदा जगह बन गई है।गंगटोक से 70 किमी उत्तर में सिंगतम रोड़ के ज़रिए आप इस घाटी में पहुंच सकते है।यह घाटी कंचनजंगा और सिनिओलछू पर्वत के मध्य में स्थित है।यहां पर कार्डिनल नदियां तीस्ता और टोलुंग बहती हैं। इस घाटी का निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदियों के द्वारा हुआ है जो ग्लेशियरों से निकलकर तेजी से बहती हैं।इस घाटी को ब्रोकरेज की घाटी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर हजारों पेड़ लगे हुए हैं।

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किटम पक्षी अभयारण्य

सिक्किम का यह पक्षी अभयारण्य वन्यजीव के 2000 से अधिक प्रजातियों का घर है, जिनमें मोर, येलो-वेंटेड वॉर्बलर, चेस्टंट-ब्रेस्टेड पार्ट्रिज, ग्रे-क्राउन्ड प्रिनिया और रूफस-नेक्ड हॉर्नबिल शामिल हैं। रंग-बिरंगी तितलियां और वनस्पित की विभिन्‍न प्रजातियां इस अभ्‍यारण्‍य के सौंदर्य को बढ़ा देती हैं।

इसके अतिरिक्त, पूरे स्थान पर वर्ष और चीड़ के देवदार के वृक्ष के साथ-साथ वनस्पतियों की एक विस्तृत विविधता है, जो इस स्थान को हरे-भरे स्वर्ग बनाता है। यह सिंगतम से लगभग 38.4 किमी दूर है। प्रकृति में रुचि रखने वाले लोगो के लिए यह एक बहुत अच्छी जगह है।

Photo of किसी जन्नत से कम नहीं है सिक्किम का सिंगतम एक बार जरूर करे इसकी सैर by Priya Yadav
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तीस्‍ता नदी

यह नदी तीन दिशाओं में बहती थी, पूर्व में करतोया, पश्चिम में पुर्नभाबा और केंद्र में अतरई। श इसीलिए इसका नाम 'तीस्ता' रखा गया है जिसे 'त्रिस्रोत' शब्द से लिया गया है और इसका अर्थ है 'तीन धाराएं।' दुर्भाग्यवश, 1787 में बाढ़ की चपेट में आने के कारण अब इस नदी का प्रवाह पहले जैसा नहीं रहा है।भूजल के अत्‍यधिक उपयोग के कारण ये स्थान निर्जलित हो चुका है, लेकिन आज भी ये कई किसानों, नाविकों और मछुआरों के लिए एक वरदान के रूप में कार्य करती है। इस नदी को 'प्रकृति के गौरव' के रूप में जाना जाता है। यहां पेशोके व्यू प्वाइंट भी बहुत मशहूर है जोकि सदाबहार जंगलों से घिरा हुआ है और तीस्ता के जंक्शन पर रंगित से जुड़ा हुआ है। एनएच 17 के माध्यम से सिंगतम से लगभग 4 घंटे में यहां पहुंचा जा सकता है।

आप यहां पर रिवर राफ्टिंग कर सकते है,साथ ही सिलिगुड़ी-गंगटोक नेशनल हाईवे के जंक्‍शन पर नदी के दाएं तट पर तीस्‍ता बाजार में खरीदारी का लुत्‍फ भी उठा सकते हैं। यहां पर स्‍थानीय व्‍यंजन, लैंटर्नस, सिल्‍वर ज्‍वैलरी, क्रॉकरी और हाथ से बनी पेंटिंग मिलती हैं।

Photo of किसी जन्नत से कम नहीं है सिक्किम का सिंगतम एक बार जरूर करे इसकी सैर by Priya Yadav
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सिंगतम पहुंचने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो हर कोई पहाड़ों पर बर्फबारी देखने के लिए ही जाना चाहता है।इसीलिए इन खूबसूरत पहाडियों और घाटियों का मनोरम नज़ारा देखने के लिए सर्दी का मौसम सबसे बेहतर है। क्योंकि इस दौरान दौरान धूप भी अच्‍छी लगती है और आसमान भी साफ रहता है। दिसंबर से फरवरी के बीच सिंगतम का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है,इस समय आप यहां की यात्रा कर सकते है।

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कैसे पहुंचे

वायु मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल में बगडोगरा एयरपोर्ट है। हालांकि, यह 124 किमी की दूरी पर है जहाँ से कोलकाता, दिल्ली और गुवाहाटी के लिए उड़ानें भरी जाती हैं। हेलिकोप्‍टर के ज़रि हवाई अड्डे और गंगटोक के बीच संबंध स्थापित है। एयरपोर्ट से गंगटोक पहुंचने के लिए हेलिकोप्‍टर लेना पड़ता है।

रेल मार्ग द्वारा: इसके निकट दो रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी (114 किमी) और न्यू जलपाईगुड़ी (125 किमी) हैं जो लखनऊ, कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी और भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जुड़े हुए हैं।

सड़क मार्ग द्वारा: सभी बड़े शहरों से अच्छी सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।आप यहां अपने निजी साधन या बस कैब के माध्यम से पहुंच सकते हैं।

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