सर्दियों का मौसम आने वाला है। पहाड़ियाँ बर्फ़ की चादर में डूबने वाली हैं, चारों ओर ख़ूबसूरती ही ख़ूबसूरती तैर रही है। कैमरे का लेंस जिधर घूमता है, बस दिलकश तस्वीरें ही निकलती हैं। मैंने पंछियों के चहचहाने की इतनी सारी आवाज़ें आज से पहले कभी नहीं सुनी थीं। सभी घुमक्कड़ इस हल्की मीठी ठंड वाले मौसम से वाकिफ़ होंगे।
मुझे मालूम है कि आप ऐसे दिनों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। उत्तराखंड की यात्रा में एक नई नवेली उभरती हुई जन्नत मिल गई है, जिससे आपको रूबरू न कराया जाए, तो ये ख़ुद से बेमानी करना होगा। पंछी प्रेमियों का उभरता हुआ घराना पंगोट अब घुमक्कड़ों का नया ठिकाना हो चला है। जानते हैं इस ख़ूबसूरत जगह के बारे में...
कहाँ पर स्थित है पंगोट
पंगोट नैनीताल से लगभग 15 किमी0 दूर पड़ता है। नैनीताल जैसी ख़ूबसूरत जगह पर पंगोट का होना ही इसके हल्के से ठंडे और रोमांटिक मौसम का एहसास दिलाता है। जब सर्दियों में अच्छी बर्फ़ गिरती है, तो यह जगह और दिलकश हो जाती है। पंगोट नैनीताल से ज़्यादा खूबसूरत इसलिए भी है, क्योंकि यहाँ पर अभी घुमक्कड़ों के कदम पड़े नहीं हैं। अभी यह जगह भारत के सबसे साफ़ इलाक़ों में एक है।
घूमने के लिए जगहें
शहरों की ज़िंदगी जीने वालों तो ख़ैर यहाँ की हर जगह ख़ूबसूरत लगेगी, लेकिन कुछ जगहें हैं, जो यहाँ पर यात्रियों के लिए बहुत यादगार हो रही हैं।
1. पक्षी संरक्षण केन्द्र
हिमालय के सारे पक्षी इस संरक्षण केन्द्र में मिलते हैं। यह किसी चिड़ियाघर के जैसा नहीं है, जहाँ पर हर पक्षी को पिंजरे में क़ैद किया हुआ है। यहाँ पर पंछी घूमते हैं अपनी आज़ादी का पूरा मज़ा लेते हुए। किसी के पास DSLR कैमरा हो, तो उसके वाइल्डलाइफ़ फ़ोटोग्राफ़र बनने के सारे ख़्वाब यहाँ पूरे हो जाएँगे। पंछियों की 300 से भी अधिक प्रजातियाँ यहाँ पर मौजूद हैं। यहाँ पर हिमालयी ग्रिफ़िन, नीला विंगेड, कठफोड़वा, रूफ़स बिलीड, ख़ालिस पीजेंट, कोयल जैसे पंछियों की प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी। और तो और इन पंछियों के घोंसलों को देखने का जो मौक़ा यहाँ पर मिलता है, वो शायद ही कहीं और देखने को मिले। ख़ूबसूरती जिस जगह पर इतनी प्राकृतिक हो, उसे देखने का मौक़ा कौन ही छोड़ना चाहता है।
2. सत्यनारायण मंदिर
आज से बरसों पुरानी बात है, कि जब भी इंसान किसी अच्छी जगह पर पहुँचता था, तो वहाँ पर भगवान का मंदिर का निर्माण करता था। सभ्यता के विकास में धार्मिक स्थलों का बड़ा महत्त्व है। श्री सत्यनारायण मंदिर भी ऐसी ही जगह है, जहाँ पर लोग अपने भगवान की आराधना करने आते हैं। ऊँचे ऊँचे पेड़ों और घने जंगलों के बीच बना यह मंदिर सादगी और सुंदरता की पहचान है।
3. ट्रेकिंग के लिए
पंगोट केवल उन जगहों में नहीं है, जहाँ पर घुमक्कड़ आकर कुछ दिन मौज मस्ती करके चले जाते हैं। यह जगह उन ख़ास जगहों में शुमार है, जहाँ से नई मंज़िलें खुलती हैं। इसलिए और भी बड़ा नाम हो जाता है, क्योंकि यहाँ से नैना पीक और जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क की ट्रेकिंग के लिए लोग निकलते हैं। ये दोनों ही काफ़ी प्रसिद्ध नाम हैं, जहाँ पर ट्रेकिंग करने के लिए पंगोट से शुरुआत की जा सकती है।
घूमने के लिए नज़दीकी प्रसिद्ध जगहें
पंगोट बहुत सारी ख़ूबसूरत जगहों के बीच में घिरा हुआ है।
1. नैनीताल
यह पंगोट से 15 किमी0 दूर है। नैनीताल में नैनी झील, हिमालयी रेंज और कई धार्मिक स्थल हैं, जिनके बारे में इस लिंक पर आप अधिक जानकारी पा सकते हैं।
2. सत्ताल
सत्तल भी पंगोट से 24 किमी0 दूर एक उभरता हुआ टूरिस्ट स्पॉट है, जहाँ पर आप पूरण ताल, राम ताल, सीता ताल, लक्ष्मण ताल, नल दमयन्ती ताल और गरुण ताल देखने आ सकते हैं।
3. भीमताल
नैनीताल की ही तरह भीमताल एक बड़ा टूरिस्ट स्पॉट है, जो पंगोट से 23 किमी0 दूर है। हिमालय और नेपाल के पहाड़ों को देखने के लिए भीमताल से ख़ूबसूरत कोई दूसरी जगह नहीं है।
4. मुक्तेश्वर
उत्तराखंड का मुक्तेश्वर पंगोट से महज़ 42 किमी0 दूर है। 350 साल पुराने मुक्तेश्वर धाम को देखने के लिए और पहाड़ों की ताज़ी हवा में घूमने के लिए पंगोट के पास यह जगह बिल्कुल स्वर्ग का एहसास कराती है।
घूमने का सही समय
बारिश के मौसम में ऐसी दिलकश जगहों पर जाना हमेशा ही प्रकृति प्रेमियों का सपना होता है। लेकिन क्या करें, ख़राब मौसम के कारण यहाँ पर आना ख़तरनाक भी हो सकता है। इसलिए मॉनसून के जुलाई से सितम्बर महीने को छोड़कर कभी भी घूमने का प्लान बनाया जा सकता है
ठहरने के लिए
12 विशेष कमरों वाले इस रिसॉर्ट को घुमक्कड़ों के लिहाज़ से ही तैयार किया गया है। अपनी गर्मी की छुट्टियाँ बितानी हों या फिर सर्दियों का मज़ा लेना हो, यहाँ आना स्वर्ग से कम नहीं है।
पंगोट गाँव शुरू होने से पहले ही पड़ता है यह ख़ूबसूरत सा लॉज, जहाँ पर यात्रियों के ठहरने, उनके खाने पीने का सारी सुविधाओं का ख़्याल रखा जाता है।
कैसे पहुँचें
हवाई मार्गः पंगोट के सबसे नज़दीक पंतनगर हवाई अड्डा मौजूद है, जो यहाँ से क़रीब 58 किमी0 दूर है। यहाँ पहुँचने के लिए लगभग 1 घंटा लगता और पहुँचने का खर्च लगभग 1000 रु. बनता है।
सड़क मार्गः पंगोट पहुँचने के लिए आईएसबीटी दिल्ली से काठगोदाम के लिए बसें चलती हैं। काठगोदाम उतरकर आप नैनीताल पहुँचें। नैनीताल से लगभग 15 किमी0 दूर ही पंगोट पड़ता है, जिसके लिए आपको लोकल बसें मिल जाएँगी।
रेल मार्गः पंगोट का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो कि पंगोट से लगभग 20 किमी0 दूर है। काठगोदाम से नैनीताल और पंगोट के लिए बसें मिल जाएँगी।
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