पारो ट्रैवल गाइड: ज़मीन पर जन्नत है भूटान की ये घाटी

Tripoto
Photo of पारो ट्रैवल गाइड: ज़मीन पर जन्नत है भूटान की ये घाटी by Rupesh Kumar Jha

आधुनिकता की अंधी दौड़ में दुनिया भाग रही है। आए दिन पर्यावरण को हो रहे नुकसान की चर्चा सुनने को मिलती है। ज़ाहिर है, मानव समुदाय ने प्रकृति को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में भूटान एकमात्र ऐसा देश है जिसने विकास से ज्यादा कुदरत को तरजीह दी है। पूरी दुनिया में सबसे खुशहाल देश के रूप में जाना जाने वाला भूटान प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है। इस देश में जंगल-पहाड़ और उससे जुड़े मानव समाज को देखना किसी के लिए भी खास अनुभव होता है।

भूटान जाकर उसकी आत्मा को महसूस करना हो तो आप पारो की ओर रुख कर सकते हैं। यह भूटान के सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार है। राजधानी थिम्पू के पश्चिम में स्थित पारो शहर घाटियों, छटाओं और शानदार बौद्ध वास्तुकला के संगम के तौर पर मौजूद है। आइए हम यहाँ आपके लिए इस शहर की खूबसूरत जगहों से लेकर यात्रा- कार्यक्रम तक साझा करने जा रहे हैं ताकि ये सैर और भी मज़ेदार हो सके!

भूटान टूर पैकेज बुक करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

पारो में क्या- क्या देखें

छुज़ोम

प्रकृति की गोद में बसे भूटान में पग-पग पर आपको कुछ खास मिलेगा। राजधानी थिम्पू से पारो आते वक्त आपके कदम छुज़ोम में आकर खुद ठहर जाते हैं। यहाँ पहाड़ों के बीच दो नदियों के मिलन को आप निहारते रह सकते हैं। ऐसे लगता है कि जैसे दोनों नदियाँ कोई प्यारा सा संगीत बजा रही हों। इस जगह पर पारो चू और थिम्पू चू नदी मिलती है जिसकी गूँज आप अपने कानों से सुन सकते हैं। पारो चू नदी किनारे सड़क से होते हुए आप शहर की ओर बढ़ते हैं। यहाँ के खेत, पर्वत आपका मन को मोह लेते हैं।

पारो दाजोंग

पारो शहर प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा इस पुराने किले के लिए भी मशहूर है। 17वीं सदी में बने इस कमाल के किले की वास्तुकला सबको आकर्षित करती है। लकड़ी और पत्थर से बने इस किले को ऐसे बनाया गया है कि आपको कीलें तक नहीं दिखेंगी। इस किले में प्रवेश के लिए आप टिकट ज़रूर लें। ये इतना ख़ास है कि आप इसे देखते रह जाएँगे। बताया जाता है कि किसी जमाने में उत्तर से आने वाले दुश्मनों से भूटान को बचाने में इस किले की अहम भूमिका थी। आप छोटे से लकड़ी के पुल को पार करके किले तक पहुँचते हैं। फोटो क्लिक करने के लिए ये परफेक्ट जगह है!

राष्ट्रीय संग्रहालय

पारो का राष्ट्रीय संग्रहालय एक अहम जगह है। गोल आकर के भवन में भूटान के इतिहास से जुड़ी चीज़ें आपको देखने को मिल सकती हैं। यहाँ चित्रकारी और कांस्य की मूर्ति देखकर आप इस देश की कला को परख सकते हैं। यहाँ एक भूमिगत सुरंग भी मौजूद है। संग्रहालय के बाहर से शहर को देखने पर बहुत ही शानदार नज़ारा आपको रोमांचित करता है। यहाँ से खासकर सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।

लाखांग मठ

पारो घाटी में स्थित लाखांग पुराने बौद्ध मठों में से एक है। यहाँ को लेकर कई कहानियाँ हैं जो कि यहाँ के लोगों के अतीत के बारे में बताती हैं। पारो शहर से उत्तर की दिशा में कुछ दूरी पर मौजूद इस मठ पर अपनी यात्रा में ज़रूर जाएँ। बताया जाता है कि बौद्ध धर्म गुरु आचार्य पद्मसंभव पारो की यात्रा के क्रम में यहाँ पधारे थे। बौद्ध को मानने वाले लोगों के लिए ये बहुत ही पावन जगह है। इस मंदिर में प्रतिमाओं और लकड़ी पर की गई कारीगरी देखने लायक है।

₹16,800 में घूमें भूटान! टूर पैकेज के लिए यहाँ क्लिक करें।

टाइगर्स नेस्ट

Photo of पारो ट्रैवल गाइड: ज़मीन पर जन्नत है भूटान की ये घाटी 2/2 by Rupesh Kumar Jha

लगभग 3000 फीट की ऊँचाई पर स्थित टाइगर नेस्ट पारो ही नहीं बल्कि भूटान की पहचान बन चुकी है। यह मठ ऐसा दिखता है जैसे पहाड़ी पर लटका हुआ हो। पारो घाटी में इसे बौद्ध भिक्षुओं के ठिकाने के रूप में बनाया गया था। पहाड़ी पर असंभव लगने वाले चढ़ाई को पार कर ही आप इस मठ तक पहुँच सकते हैं। भूटान की लोककथाओं की मानें तो भगवान पद्मसंभव लोगों को राक्षस से बचाने के लिए यहाँ बाघिन पर सवार होकर आए थे। उन्होंने राक्षस का अंत किया और यहीं तपस्या में लीन हो गए। यही कारण है कि इसे टाइगर नेस्ट कहा जाता है। आप यहाँ पहुँचकर सुंदर नज़ारों में खो से जाएँगे।

पारो टाउन मार्केट

अपनी इस यात्रा में आप पारो टाउन मार्केट ज़रूर जाएँ। बाज़ार में आपको भूटानी संस्कृति से जुड़ी कलाकृति और सामान मिलेंगे। आप चाहें तो खरीददारी भी कर सकते हैं। वापसी पर घर के लिए कुछ सामान बतौर गिफ्ट पैक करवा सकते हैं। साथ ही आप ज़ायकेदार भूटानी खाने का भी आनंद ले सकते हैं। यहाँ आप सूजा बटर और थुप्का का ज़ायका लेना ना भूलें। यहाँ का खाना सस्ता और स्वादिष्ट होता है इसलिए दिल खोलकर खाएँ!

इसके अलावा पारो में आप चेले ला पास, रिनपुंग दाज़ोंग, किला गोम्बा जैसी कई बेहतरीन जगहों का दौरा कर सकते हैं। ये इतना शानदार जगह है कि आपको इन्हीं वादियों में बस जाने का मन करेगा। यहाँ आप दो से तीन दिन में सब कुछ अच्छे से देख सकते हैं।

कहाँ ठहरें

आप चाहें तो पारो या थिम्पू में ठहर सकते हैं। यहाँ ₹1000 के आसपास अच्छे होटल मिल जाते हैं। आप लॉज या होस्टल भी तलाश सकते हैं। जानकारी हो कि यहाँ की करेंसी और इंडियन करेंसी एक सामान महत्व की है जिससे खर्च के मामले में लगेगा जैसे इंडिया में ही हैं!

कैसे पहुँचें

भूटान घूमने के लिए पासपोर्ट से ही काम चल जाएगा। हम भारतीयों को भूटान के लिए वीज़ा लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती। भूटान भारत का अच्छा पड़ोसी है और बेहद करीब है, इसलिए आप चाहें तो बड़ी आसानी से अपनी सुविधा के अनुसार रूट चुन सकते हैं।

सड़क द्वारा: भूटान सड़क के रास्ते जाने के लिए जयगाँव पहुँचें जो पश्चिम बंगाल में पड़ता है। वहाँ से भूटान में दाखिल होकर ट्रांसपोर्ट कार्यालय से परमिट लेकर आप अपनी कार या बाइक से पारो पहुँच सकते हैं।

ट्रेन द्वारा: आप कोलकाता आकर यहाँ से जयगांव के लिए ट्रेन ले सकते हैं। बता दें कि भूटान के अंदर ट्रेन उपलब्ध नहीं है लिहाजा बॉर्डर क्रॉस करके आपको टैक्सी या बस से बाकी की यात्रा करनी होती है।

फ्लाईट द्वारा: पारो में भूटान का एकमात्र हवाई अड्डा है जहाँ दिल्ली, कोलकाता, बोधगया, बागडोगरा, गुवाहाटी आदि भारतीय शहरों से सीधे पहुँचा जा सकता है। ड्रक एयर भूटान की आधिकारिक एयरलाइन है। आप सीधे पारो आकर उसकी खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं।

भूटान टूर पैकेज की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

आप भी किसी ऐसी जगह के बारे में अपने अनुभव यहाँ शेयर करें

Tripoto हिंदी अब इंस्टाग्राम पर! हमें फॉलो करें और सुंदर जगहों के बारे में जानें।