हर कोई चाहता है कि एक सुबह जब उठे तो उसे खिड़की से दुनिया का सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई दे। अगर आप ऐसे ही खूबसूरत वीकेंड की चाहत रखते हैं तो हमारे पास आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। उस शानदार जगह के नाम के बारे में जानने से पहले उसके बारे में थोड़ा जान लेना चाहिए। इस प्राॅपर्टी के कमरे कुछ फल-फूल के नाम पर हैं जैसे एक का नाम है, पदम। पदम एक जंगली फल है जो लाल और भूर रंग का होता है। पदम एक मिनी सुइट है।
पूरा कमरा फूलों की खूशबू से महकता है। फर्श, दरवाजा और खिड़कियाँ लकड़ी की बनी हुई हैं। ये कमरा दो लोगों के लिए हैं जिसतमें एक बरामदा और लाऊँज है। जहाँ आप शाम को किताब और चाय के साथ शानदार नजारा देख सकते हैं। रूम की खिड़की से इस दुनिया के सबसे खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं।
काफल
भारत और नेपाल की पहाड़ों में एक फल होता है, काफल। उसकी के नाम पर एक दूसरे टाइप के कमरे का नाम काफल है। ये कमरा पीले और हरे रंग का है। जिसमें बहुत बड़ी खिड़की है। जिससे आप सुबह आंख खोलें तो खूबसूरत पहाड़ दिखाई दें और रात में पहाड़ों में जलती लाइटें टिमटिमाते तारे के तरह लगें। ये कमरा दो लोगों के लिए है जिसमें लाउंज और बरामदा भी है।
उतीश
उतीश एक एल्डर पेड़ है जो उत्तर भारत में होते हैं। उसी पेड़ की लकडियों से बनी चीजें कमरे में हैं। जैसे टिशू पेपर और तौलिया जिस पर टंगी हुई है। वहीं शीशा भी एल्डर लकड़ी से बनाया गया है। ये कमरा नीले रंग से सजाया गया है जिसमें आपको राॅयल सुइट भी दिया जाता है। ग्राउंड फ्लोर के बाहर निकलते हैं तो उतीश के पास एक गाॅर्डन भी है। इसके अलावा यहाँ के लिविंग रूम में बच्चों के लिए खेलने की बहुत चीजें हैं।
बुरांश
इसी तरह एक कमरे का नाम बुराश दिया गया है। इस सुइट का नाम एक प्रकार के रोडोडेंड्रॉन फूल के नाम पर रखा गया है। ज्यादातर वसंत में दिखने वाला फूल लाल रंग के गुलदस्ते में होता है। इस कमरे में एक पारंपरिक अलाव है जहाँ आप बैठकर किसी खास के साथ बातें कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें एक एक्सट्रा बेड और स्टडी टेबल भी है।
रिंगोल
आखिरी प्रकार के कमरे का नाम है रिंगोल। इसकी बनावट झोपड़ी की तरह है। झोपड़ की छत में बाँस की लकड़ी लगाईं गई हैं। ये लकड़ी पहाड़ों में बहुत फेमस है। इनसे ही सभी जरूरी चीजों को बनाया गया है। जिसमें खाने की जगह, लिविंग रूम, बेडरूम और किचन भी है।
हिमालय में बनी ये खूबसूरत प्रापर्टी कभी किसी का एक घर हुआ करती थी जिसमें एक पोलिश अपनी पत्नी के साथ रहता था। जब उसकी पत्नी ठंडे मौसम में घर से निकलीं थी तो 1933 में उसने उत्तराखंड के घने जंगल में घर बनाया। लभगग 88 साल पुराने इस घर को आज जिलिंग टेरास में बदल दिया गया है। नंदा देवी की चोटी के खूबसूरत नजारे को दिखाता ये घर जन्नत के जैसा है।
इस प्रापर्टी को रोमांटिक करने के लिए कमरों के नाम और उनकी डिजाइन बहुत हद तक हिमालय के फल-फूलों से ली गई है। ग्राउंड फ्लोर पर दो खूबसूरत सुइट हैं जिन्हें बुरांश और उतीश के नाम से जाता है। वहीं पहले फ्लोर पर डबल बेड वाले दो रूम हैं जिन्हें कफल और पदम नाम दिया गया है।
क्या करें?
तो आपको बता देते हैं कि ये कमरों के अलग-अलग नाम और कुछ अलग प्रकार से डिजाइन की गई प्रापर्टी का नाम है जिलिंग टेरेसास। प्रापर्टी की खासियत तो बता ही दी है। अब जानिए कि यहाँ क्यों आएं? यहाँ आपको आना चाहिए क्योंकि खूबसूरत पहाड़ हैं। यहाँ आप ट्रेकिंग कर सकते हैं और हाइकिंग कर सकते हैं। इसके लिए आपके साथ एक टीम भी जाएगी।
गौला नदी ट्रेल
एक दिन लंबी हाइक आपको पहले पन्याली गाँव ले जाएगी जिसका रास्ता पुरानी गौला नदी तक जाताा है। हमेशा बहने वाली ये धारा के रास्ते चलने पर आपको खूबसूरत झरने भी दिखाई देंगे। यदि मौसम अच्छा रहा तो आपको यहाँ के प्राकृतिक फूल भी देखने को मिलेंगे। कुछ घंटे तक यहाँ कैंप लगाया जाता है और खाना दिया जाता है।
कठिनाई लेवलः मुश्किल
दूरीः 10 किमी
समयः 8 घंटे
कनरखा ट्रेल
टेरेसास से ये हाइक आधे दिन की है और थोड़ी आसान भी है। जिसमें 70 डिग्री की खड़ी चढ़ाई है जो आपको थका जरूर देंगी। ये हाइक कनरखा गाँव तक होगी। इस गाँव के सभी लोग खेती करते हैं और उसे बेचकर ही अपना जीवन जीते हैं।
कठिनाईः मीडियम
दूरीः 8 किमी
अवधिः 6 घंटे
इसे करें
जिलिंग टेरेसास कुछ वर्कशाॅप भी करवाती है जिसमें आप हिस्सा ले सकते हैं। इस वर्कशाॅप में कई लोगों की हेल्प करना होता है। ये वर्कशाॅप आर्ट, क्राफ्ट और योग से संबंधित होता है। इसके अलावा ये काॅटेज रात आपकी रात और हसीन बना देगा। आप यहाँ बोनफायर का मजा ले सकते हैं। इसके अलावा रूम में भी छोटे-छोटे अलाव लगाए जाते हैं।
लागत
जुलाई 2017 में इस काॅटेज में एक रात ठहरने के रेटः
उतीश: 13,500 रुपए
बुरांशः 13,500 रुपए
चेस्टनट हाउस: 1,24,000 रुपए कम से कम दा रातों के लिए
पदमः 10,000 रुपए
रिंगोलः 13,500 रुपए
काफलः 10,000 रुपए
इस काॅटेज में बुकिंग के लिए और इस बारे में और ज्यादा जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
पताः मटियाल गाँव, भाटेलिया-धनचूली-भीमताल रोड, साउथ गोला रेंज, नैनीताल, उत्तराखंड।
कैसे पहुँचे?
ट्रेनः सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। जहाँ से टैक्सी बुक करके यहाँ पहुँच सकते हैं।
फ्लाइट सेः सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है, जो मटियाल से दो घंटे की दूरी पर है। मटियाल जाने के लिए आप टैक्सी बुक कर सकते हैं।
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