भारत की भूमि को देवताओं की भूमि कहा जाता हैं।भारत की भूमि पूरे विश्व में एक ऐसा स्थान हैं, जहां स्वयं देवी-देवता भी बार-बार अवतार लेना चाहते है।भारत को आध्यात्मिकता का जन्मस्थान भी कहा जाता हैं,क्योंकि यहां पे कई मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारक है।वैसे मैं आज एक ऐसी जगह का जिक्र करने जा रहा हूं जो उन लोगों के लिए एक सुंदर प्रवेश द्वार की तरह हैं जो आध्यात्मिक अनुभव में सांत्वना चाहते हैं और वो जगह हैं आंध्र प्रदेश का "रामनारायणम आध्यात्मिक थीम पार्क"।
भारत का आंध्र प्रदेश एक खूबसूरत राज्य हैं जो अपने धार्मिक मंदिरों, ऐतिहासिक इमारतो, प्राकृतिक स्थानों और समुद्री बीचो के साथ साथ क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल हैं ।रामनारायणम आध्यात्मिक थीम पार्क विजयनगर के जिला मुख्यालय से 5 किमी की दूरी पर बनाया गया एक अद्भुत आध्यात्मिक केंद्र है। यह आंध्र प्रदेश का पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट है। यह जगह, जो पिछले साल तक किसी के लिए अज्ञात था लेकीन अब पर्यटकों के लिए एक नया तीर्थ स्थल बन गया है।
रामनारायणम आध्यात्मिक थीम पार्क
यह आध्यात्मिक थीम पार्क कई मायनों में अद्वितीय है। इसकी डिज़ाइन हमारी प्राचीन वास्तुकला पर आधारित है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं को संरक्षित करता है।यह देश का पहला थीम पार्क है, जो रामायण पर आधारित है।रामायण,जो हमारे सबसे पवित्र महाकाव्य और सबसे लोकप्रिय महाकाव्य है। जो हर हिंदू द्वारा पढ़ा जाता है।
रामनारायणम आध्यात्मिक थीम पार्क लगभग 15-20 एकड़ के विशाल क्षेत्र में धनुष और तीर के आकार में बनाया गया हैं। मंदिर का निर्माण एनसीएस चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया हैं। यह 18 महीनों के भीतर अपनी स्थापना के बाद विजयनगर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया है।
पार्क सुबह 10 बजे से पर्यटकों के लिए खुल जाता हैं। पर शाम को घूमने का सबसे अच्छा समय है। उस समय पूरे इलाके की रंगीन रोशनी हमें यह एहसास दिलाएगी कि हम स्वर्ग में उतर आए हैं। धनुष की लंबाई के साथ सुंदर मेगा फव्वारे हैं और शांत शाम की हवा आपको अपने कोमल स्पर्श से फिर से जीवंत कर देगी।
धनुष के आकार के गलियारे में प्रवेश करते ही आपको पहला आधा गलियारा में 35 चित्र,और दूसरे हाफ कॉरिडोर में 40 कुल 75 भित्ति चित्र हैं। इस छोर पर विष्णु, उस छोर पर राम मंदिर बनाने का रहस्य और बहुत ही खूब ढंग से यह बताया गया की कैसे भगवान विष्णु ने राम के रूप में अवतार लिया।जिसमें संपूर्ण रामायण को दर्शाया गया है।इसके साथ ही अभय अंजनेय स्वामी की 70 फुट ऊंची प्रतिमा धनु के केंद्र में एक बड़े मंच पर है।महालक्ष्मी और सरस्वती देवी की 12 फुट की मूर्ति भी यहां का मुख्य आकर्षण हैं।
इमारत में दो मंजिलें हैं। ऊपर धनुष के एक छोर पर एक विष्णु मंदिर है और दूसरे छोर पर राम सीता लक्ष्मण मंदिर है। इसके ठीक ऊपर सर्वशक्तिमान देवता भगवान गणेश का भी मंदिर है। इस मंदिर परिसर में सीताराम कल्याण मंडपम, वाल्मीकि पुस्तकालय, अंजनादेवी नाश्ता हॉल, सबरी अन्ना प्रसादशाला और सुग्रीव गोशाला हैं।रामायण कथा के साथ स्थापित इस हरे रंग के थीम पार्क में जाना एक अच्छा अनुभव होने के साथ-साथ मन को प्रसन्न करने वाला भी है।
सभी आयु वर्ग के लोग यहां आनंद ले सकते हैं। पुराने और विकलांग लोगों के प्रवेश द्वार पर लिफ्ट और बैटरी संचालित कार उपलब्ध कराई जाती हैं।बच्चों के लिए खुद को व्यस्त रखने के लिए विशाल आउटडोर हैं।यहां का रेस्तरां पूरी तरह से शाकाहारी भोजन परोसता है।
कैसे पहुंचे
रामनारायण एक अद्भुत आध्यात्मिक थीम पार्क है, जो विजयनगर के दूरदराज के कोने में कोरुकोंडा रोड पर स्थित है। मंदिर विजयनगरम और विशाखापत्तनम के साथ अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, विशाखापत्तनम हवाई अड्डा 50 किमी दूर है और आगामी हरा क्षेत्र भोगापुरम हवाई अड्डा 15 किमी है। रेल मार्ग और सड़क मार्ग से भी यहां आसानी से आया जा सकता हैं।
पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।