*एक भ्रमण ऐसा भी*
ऋषिकेश (तपोभूमि)
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई शांति व शुकून चाहता है जो आपको ऋषिकेश में मिल सकता है।उत्तरी भारत में स्थित एक बहुत ही सुंदर जगह है ऋषिकेश, जहां पर हर साल पूरी दुनियां से अनेकों सेलानी जाते हैं।
मैंने ऋषिकेश जाकर जो जीया वही लिख रही हूँ।आप भी वहाँ जायेंगे तो बड़े ही शुकून का अनुभव करेंगे।यहाँ पर हमारे ऋषिमुनियों ने तप किया था इसलिए इस जगह को तपोभूमि भी कहा जाता है।महादेव की नगरी में प्रवेश होते ही हृदय प्रफुल्लित हो उठा। मन का पोर पोर रोमांचित हो उठा मानो जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं है।सभी चिन्तायें छूमंतर हो रहीं थीं।मानो उलझे हुए नेत्रों को वहाँ की प्रकृति सुलझा रही हो।नदी के किनारे लगे तंबू में बैठकर चिंतन धारा का प्रवाह बढ़ता जा रहा था।अगर आप ऋषिकेश जायें तो नदी के किनारे तंबू का आनंद जरुर लें।
सर्वप्रथम भोलेनाथ के वास का आभास कराने वाली देवभूमि उत्तराखंड से भ्रमण की शुरुआत करते हैं।जहाँ का अमृत समान गंगाजल पीकर समस्त पापों का सर्वनाश होता है।पूरी दुनियां में भारत ही एक ऐसा देश हैं जहां पर लोग तपोभूमि का दर्शन करने आते हैं।
यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है।
ऋषिकेश में ठहरने के लिए परमार्थ निकेतन आश्रम एक अच्छा सुझाव है। कहा जाता है कि यह आश्रम अपने स्वयंसेवकों को खाने-पीने के साथ-साथ ठहरने के लिए भी अच्छी सुविधा होती है।यहाँ पवित्र मंदिरों, घाटों, आश्रमों और सदाबहार जंगल हैं।ऋषिकेश में भ्रमण की कई अच्छी जगह हैं।
लक्ष्मण झूला, राम झूला, जानकी झूला के अलावा ऋषिकेश में और भी बहुत कुछ देखने लायक है।
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट
बीटल्स आश्रम
ऋषिकेश में तेरा मंजिल मंदिर
नीर झरना
ऋषिकेश राफ्टिंग
ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट - पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। त्रिवेणी घाट पर हर शाम 'महा आरती' का आयोजन होता है। मैंने भी वह आरती बड़े ही आनंद के साथ की थी ।रामायण और महाभारत में भी इस घाट का उल्लेख है। इस घाट के पास गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आपके समस्त पाप धुल जाते हैं। आप यहां कुछ देर बैठकर पानी में मछलियों को तैरते हुए भी देख सकते हैं और उन्हें खाना भी डाल सकते हैं।
बीटल्स आश्रम को चौरासी कुटी के नाम से जाना जाता है, राम झूला से 1 किमी दूर ऋषिकेश के स्वराश्रम क्षेत्र में एक चट्टान पर स्थित है। यह वही आश्रम है जहां बीटल्स बैंड (संगीत निर्माता) ने कुछ समय रहकर ध्यान किया था और उन्होंने यहां कई गीत भी लिखे थे। यदि आप बीटल्स के प्रशंसक हैं, तो आपको इस आश्रम में जरूर जाना चाहिए। आश्रम परिसर में एक पूर्व मंदिर, पुस्तकालय, रसोई, महर्षि योगी का घर और मेडिटेशन झोपड़ियां हैं। आश्रम की ज्यादातर इमारतें खराब हो चुकी हैं, लेकिन दीवारों पर रंगीन चित्र मौजूद हैं। यहां एक छोटी गैलेरी और कैफे भी है।
तेरा मंजिल मंदिर को त्र्यंबकेश्वर मंदिर कहा जाता है, यह ऋषिकेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। गंगा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर 13 मंजिलें और एक आकर्षक सुंदर वास्तुकला के कारण बहुत ही आकर्षक का केंद्र लगता है। इसमें कई देवताओं की मूर्तियों का वास है।
यह झरना ऋषिकेश- बद्रीनाथ राजमार्ग पर लक्ष्मण झूला से करीब 5 और 7 किलोमीटर दूर है
बद्रीनाथ हाईवे से दो किलोमीटर ऊपर यह नीर झरना स्थित है। यहां हम मोटर मार्ग द्वारा जा सकते हैं।यह झरना ऋषिकेश के सबसे बड़े झरने के रूप में जाना जाता है।यहां पहुंचकर आपको बहुत आनंद की अनुभूति होगी। यह झरना चार सतहों में है।हर सतह पर पर्यटक झरने के नीचे नहाकर लुत्फ ले सकते हैं।इसके साथ ही यहां पर पर्यटकों की सुविधा के लिए 15 से 20 दुकानें भी मौजूद हैं।
ऋषिकेश राफ्टिंग
ब्रह्मपुरी क्लब हाउस से ऋषिकेश- ब्रह्मपुरी क्लब हाउस से सबसे छोटा लगभग 9 किमी पहली बार राफ्टिंग करने वालों के लिए बहुत अच्छा राफ्टिग पॉइंट है।इस राफ्टिंग को पूरा करने में 1 से 2 घंटे लग जाते हैं।
कोडियाला से ऋषिकेश - यह 35 किमी की दूरी को कवर करते हुए लगभग 1 से 4 घंटे के लिए आप अपनी ताकत और सहनशक्ति को टेस्ट कर सकते हैं।
देवप्रयाग से ऋषिकेश - यह दो दिन में पूरी होने वाली 75 किमी की राफ्टिंग है। पहले दिन बीज घाट से 35 किमी की राफ्टिंग शुरू करते हुए नाइट स्टे के लिए कोडियाला पहुंचेंगे। दूसरे दिन अन्य 35 किमी की राफ्टिंग ऋषिकेश में पूरी हो जायेगी।
मेरिन ड्राइव से ऋषिकेश - 27 किमी की दूरी कवर करते हुए डेस्टीनेशन तक पहुंचने में पूरे 2 घंटे लगते हैं।इस सेशन के दौरान गंगा नदी पर क्लिफ जंपिंग और थ्री ब्लाइंड माइस, द वॉल ,क्रॉसफायर रोलर कोस्टर जैसे रेपिड्स एन्जॉय कर सकते हैं।
शिवपुरी से ऋषिकेश - यह राफ्टिंग ऋषिकेश से 18 किमी दूर शिवपुरी में अक्टूबर से शुरू होकर जून तक चलता है। इस राफ्टिंग को पूरा करने में 3 घंटे का समय लगता है।