राजस्थान अपनी सभ्यता, संस्कृति, परिधान और जायकेदार व्यंजन के लिए जाना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से पर्यटक राजस्थान घूमने आते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल राजस्थान में कई फेस्टिवल्स को मनाया जाता है। इनमें एक सांभर फेस्टिवल है। यह फेस्टिवल फरवरी महीने में मनाया जाता है। अगर आप भी राजस्थान की सभ्यता और संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं, तो सांभर फेस्टिवल देखने जरूर जाएं। पर्यटन विभाग की ओर से सांभर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। राजस्थानी सभ्यता, संस्कृति और खान-पान सहित परम्पराओं व विरासत को करीब से देखने का मौका देसी-विदेशी सैलानियों को सांभर फेस्टिवल में मिलेगा। पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की ओर से इस फेस्टिवल की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
कब और कहां मनाया जायेगा सांभर फेस्टिवल
हर साल फरवरी महीने में सांभर फेस्टिवल मनाया जाता है। इस साल 17 फरवरी से लेकर 19 फरवरी तक सांभर फेस्टिवल है। तीन दिवसीय सांभर फेस्टिवल का आयोजन राजस्थान के खूबसूरत शहर जयपुर में होने वाला है।
सांभर फेस्टिवल का इतिहास
सांभर महोत्सव सदियों से मनाया जाता रहा है और माना जाता है कि इसकी शुरुआत स्थानीय देवी, सांभरी देवी के सम्मान में हुई थी। यह त्योहार अपने संगीत, नृत्य और स्वादिष्ट भोजन के साथ राजस्थानी संस्कृति का प्रदर्शन है।
युवाओं के लिए यह फेस्टिवल क्यों है खास?
सांभर फेस्टिवल के पहले दिन बाइक राइड का आयोजन होगा। इस मौके पर एडवेंचर के शौकीन बाइक राइडर्स हिस्सा लेंगे। आप बाइक राइड का लुत्फ़ उठा सकते हैं। वहीं, रात में गुलाबी शहर से आप खुले आसमान में नाईट स्टैंड का लुत्फ़ उठा सकते हैं। इसके अलावा, फेस्टिवल में पर्यटक पतंगबाजी, बर्ड वाचिंग, नाईट स्टार गेजिंग, लेक विजिट, फॉटोग्राफी, एग्जिबिशन, साल्ट ट्रेन, सांभर लेक विजिट, सांभर साल्ट प्रोसेसिंग ट्यूर, हैरिटेज वॉक, देवयानी कुंड पर दीपोत्सव और सेलिब्रेटी नाइट के साथ-साथ लोक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र होंगी। सैलानियों को सांभर के ऐतिहासिक महत्व और परिंदों की रोचक जानकारियों से रूबरू करवाने के खास टॉक शो का भी आयोजन किया जाएगा। संध्याकाल में दीपोत्सव में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद लोक कलाकारों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का दीदार कर सकते हैं। इस मौके पर कलाकार राजस्थानी पोशाक में नजर आएंगे। वहीं, सांभर फेस्टिवल के अंतिम दिन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।
जानिए सांभर लेक के बारे में जहां इस फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा
राजस्थान के सांभर झील को "राजस्थान की साल्ट लेक" भी कहा जाता है जो भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय नमक की झील है।सांभर झील फ्लेमिंगो और अन्य पक्षियों का घर है जो उत्तरी एशिया से पलायन करते है। सुंदर गुलाबी फ्लेमिंगो, सारस, पेलीकान, रेडशेंकस, टिटिहरी और काले पंखों वाला स्टिल्स यहाँ देखने लायक हैं। सांभर झील जयपुर से 60 किमी और अजमेर से 82 किमी की दूरी पर स्थित है। सांभर महोत्सव पर्यटन क्षमता को और उजागर करेगा और पर्यटकों को यहाँ उन्हें नमक बनाने के साथ-साथ स्थानीय संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में जानने में भी मदद करेगा।
सांभर तक कैसे पहुंचें
सड़क मार्ग से - सांभर जयपुर शहर के पास 80 किमी की दूरी पर स्थित है। जहाँ आसानी से स्थानीय टैक्सी निजी बसों या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है।
रेलमार्ग से - सांभर झील, जयपुर निकटतम रेलवे स्टेशन के माध्यम से आसानी से पहुँचा जा सकता है जो दिल्ली, आगरा, मुंबई, चेन्नई जैसे बड़े शहरों के रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग से - सांभर झील निकटतम जयपुर हवाई अड्डे के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है, जिसे संगानेर हवाई अड्डा भी कहा जाता है।