बूज़, बेब्स और रेव पार्टीज..जब भी हम गोवा का नाम सुनते हैं, यही चीजें सबसे पहले दिमाग में आती हैं। आप मुझे भी इसका दोषी मान सकते हैं क्योंकि अपने इस ट्रिप से पहले मैं भी ऐसा ही सोचता था। इस बार के गोवा ट्रिप पर मैंने नॉर्थ गोवा के पार्टी प्लेसेज को छोड़ साउथ गोवा के बीचो- बीच पालोलेम में रुकने का फैसला किया।
पढ़िए जब मैं पहली साउथ गोवा में रुका तो क्या हुआ:
लोगों के हंगामे से कहीं दूर
गोवा में मेरे पहले के अनुभवों में नॉर्थ गोवा में लोगों का हंगामा हमेशा शामिल रहा है। तेज पंजाबी गाने बजाते जीप, बिना मतलब की लड़ाईयाँ और बीच पर टाइट पैंट्स पहने भारी भरकम अंकल्स मेरे गोवा के अनुभव में शामिल रहे हैं। साउथ गोवा इन सबसे बिल्कुल अलग था। सुबह मैं पक्षियों की चहचहाने की आवाज से उठा जबकि रात में, मैं लगातार लहरों की आवाज सुन पा रहा था। गोवा के इस साइड का मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था।
गर्मजोशी से स्वागत करने वाले लोग
साउथ गोवा के इस ट्रिप के पहले मुझे ऐसा लगता था कि गोवा के लोग ठग होते हैं और हर कदम पर आपको ठगने की कोशिश में रहते हैं। हालांकि जैसे ही मैं पालोलेम पहुँचा मैं अपने आस-पास के लोगों के व्यवहार से हैरान था। लोग आगे बढ़कर मेरी मदद कर रहे थे और मदद के बदले में कुछ माँग भी नहीं रहे थे। ये वो गोवा नहीं था जिसे मैं पहले से जानता था।
बजट फ्रेंडली हॉलिडे
गोवा का मतलब काफी ज्यादा खर्च,ये बात मेरे दिमाग में बिल्कुल साफ थी लेकिन साउथ गोवा के इस ट्रिप ने इस विचार को भी बदल दिया। इस ट्रिप में मैंने साउथ गोवा के सबसे बेहतरीन जगहों पर जी भरके खाया-पिया लेकिन एक बार भी मुझे ऐसा नहीं लगा कि मुझे ज्यादा पैसे लेकर बेकार सर्विस या सामान दिया गया। ठहरने के खर्चों पर भी मैंने काफी बचत की और बीच के बिल्कुल किनारे ही मुझे ₹1000 प्रति रात के किराए में कॉटेज मिल गया। जब मैं घर वापस आया तो भी मेरे पास गोवा के बजट में से काफी पैसे बचे हुए थे। ये बचत पहले किसी भी गोवा ट्रिप में नहीं हुई थी।
साफ-सुथरे बीचेज का मजा !
व्यक्तिगत तौर पर मुझे बीच से ज्यादा पहाड़ों में जाना पसंद है और मेरे ऐसा सोचने की पीछे की वजह ये है कि मुझे इस ट्रिप के पहले इंडिया में साफ सुथरे बीच कहीं नहीं मिले थे। हालांकि मैंने गोवा के अपने सभी ट्रिप को एन्जॉय किया था लेकिन बीचे से मैंने हर ट्रिप में दूरी बनाए रखी थी। हर बार जब मैंने बीच पर जाने की कोशिश की तो मुझे वहाँ की गंदगी ने काफी परेशान किया। साउथ गोवा के बीच पर मैं आराम से घूम सकता था और बिना ज्यादा सोचे पानी के अंदर भी जा सकता था।
सोलो ट्रैवेलर? बिल्कुल दिक्कत की बात नहीं !
नॉर्थ और साउथ गोवा में सबसे बड़ा फर्क यही है कि ये जगहें सोलो ट्रैवेलर्स के लिए एकदम अलग हैं। मुझे ये मानने में बिल्कुल भी झिझक नहीं है कि जब भी मैंने नॉर्थ गोवा में सोलो ट्रिप किया तो मुझे काफी अलग-थलग सा महसूस हुआ क्योंकि पार्टी करने वाले तमाम ग्रुप्स के बीच मैं अकेला इंसान हुआ करता था और अक्सर मुझे अजीब तरीके से देखा जाता था। वहीं दूसरी तरफ साउथ गोवा सोलो ट्रैवेलर्स के लिए शानदार जगह है। हालांकि इस बार मैं एक फ्रेंड के साथ ट्रैवेल कर रहा था लेकिन मुझे इस बात का अंदाजा हो रहा था कि यहाँ सबकुछ सोलो ट्रैवेलर्स के लिए परफेक्ट है। इस ट्रिप में हमने हमारे जैसी सोच रखने वाले कई लोगों से बातें कीं और कई नए दोस्त भी बनाए।
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