थका देने वाले चादर ट्रेक का कर रहे हैं प्लान? तो इन बातों का रखें ध्यान

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Photo of थका देने वाले चादर ट्रेक का कर रहे हैं प्लान? तो इन बातों का रखें ध्यान by Musafir Rishabh

हर कोई पहाड़ की चोटी से खूबसूरत नजारे को देखना चाहता है लेकिन उस चोटी तक पहुँचने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है। कहते हैं कि सबसे खूबसूरत जगह मुश्किल सफर के बाद ही आती है। हर घूमने वाला ट्रेक जरूर करना चाहता है। अगर आप एडवेंचर पसंद व्यक्ति हैं फिर तो ट्रेकिंग आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं। सर्दियां आते ही मुसाफिर सफेद चादर पर चलते हुए सबसे ऊँची चोटी पर पहुँचते हैं। इन्हीं ट्रेकिंग रूट में सबसे कठिन ट्रेक है, चादर ट्रेक।

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सर्दियां आते ही लद्दाख की जांस्कर नदी जम जाती है। इसी नदी के रास्ते पर सर्दियों में चादर ट्रेक किया जाता है। लगभग 105 किमी. का ये ट्रेक 15 दिनों तक चलता है। इसे बर्फ की परत भी कहा जाता है। अगर आप पूछेंगे कि चादर ट्रेक भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है तो जवाब होगा हां। इस ट्रेक को पूरा करना नामुमकिन है तो मेरा जवाब होगा, नहीं। चादर ट्रेक कठिन जरूर है लेकिन अगर आप ठान लें तो इसे पूरा कर सकते हैं। चादर ट्रेक आपकी घुमक्कड़ी के सबसे खूबसूरत सफर में से एक होगा।

चादर ट्रेक को वो लोग ही पूरा कर सकते हैं जो जोश के साथ होश भी रखते हों। चादर ट्रेक पूरा दिमाग का खेल है। अगर आप भी चादर ट्रेक को करने जा रहे हैं तो कुछ जरूरी बातें दिमाग में बैठा लीजिए। जिसके बिना आप चादर ट्रेक को नहीं कर पाएंगे। चादर ट्रेक में इन बातों का ख्याल रखें।

1. मौसम में ढलें

चादर ट्रेक सर्दियों का ट्रेक है। हर किसी को इतनी ठंड की आदत नहीं होगी। इसलिए मौसम में ढलने के लिए 1-2 दिन पहले ही लेह पहुँच जाएं। इससे आप लेह को भी एक्सप्लोर कर पाएंगे और ठंड में रहने की आदत भी हो जाएगी। इससे आपको चादर ट्रेक में काफी आसानी होगी। अगर आप आते ही ट्रेक करने लगेंगे तो मौसम का आप पर असर हो सकता है।

2. दिमाग का खेल

चादर ट्रेक करने का सही समय जनवरी और फरवरी का है। उस समय तापमान -25 डिग्री तक हो जाता है। ऐसे में ठंड लगना लाजिमी है लेकिन धीरे-धीरे आपको इसकी आदत हो जाएगी। कुल मिलाकर सब कुछ दिमाग का खेल है। अगर आप सोचते रहेंगे कि ठंड की वजह से ट्रेकिंग करने में मुश्किल आएगी तो यकीन मानिए वैसा ही होगा। इसलिए चादर ट्रेक करने से पहले ही पूरी तरह से पॉजिटिव रहें। चादर ट्रेक आपकी मानसिक मजबूती को टेस्ट करता है।

3. नो एक्सरसाइज

चादर ट्रेक में आपको किसी पहाड़ पर नहीं चढ़ना है। इसमें आपको सिर्फ एक लंबे रास्ते पर चलते जाना है। इसलिए आपको स्टेमिना बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आप चादर ट्रेक के पहले ऐसा करते हैं तो आप थक भी सकते हैं। इससे आपको चादर ट्रेक में काफी परेशानी आएगी। हो सकता है कि थकान की वजह से आप चादर ट्रेक पूरा ही न कर पाएं। इसलिए ट्रेक से पहले एक्सरसाइज न ही करें तो अच्छा रहेगा।

4. गर्म कपड़े ही बचाव है

चादर ट्रेक भारत के सबसे कठिन ट्रेक में से एक है तो इसकी तैयारी भी एकदम फिट होनी चाहिए। माइनस 20 डिग्री में ट्रेक करना है तो कपड़े कई लेयर में पहना होगा। सबसे पहले गर्म इनर, उसके बाद टीशर्ट और फिर एक बहुत गर्म जैकेट। इसकी तरह नीचे भी दो ट्रेक पेन्टस जरूर पहनें। हाथों में वाटरप्रूफ ग्लव्ज होने चाहिए। इसके अलावा अपने साथ कई जोड़ी मोजे भी रखें। अगर एक गीला हो जाता है तो जल्दी ही उसे बदल लें।

5. गमबूट

अगर आपने सड़क बनते देखा होगा तो उसमें काम करने वाले लोग काले लंबे जूते पहनते हैं। कुछ इसी तरह के होते हैं, गमबूटस। चादर ट्रेक में आपको इन्हीं जूतों को पहनकर ट्रेकिंग करनी चाहिए। ये जूते बर्फ में ट्रेकिंग के लिए बेस्ट होते हैं। बर्फ में ये जूते फिसलते भी नहीं हैं और इनके अंदर पानी जाने का चांस भी कम है। अगर आपके पास गमबूट्स नहीं हैं तो इनको लेह लोकल माकेट से 300-350 रुपए में खरीद सकते हैं।

6. गाइड को फॉलों करें

चादर ट्रेक बहुत लंबा ट्रेक है। अगर आप पहली बार बर्फ पर ट्रेक करने जा रहे हैं तो उसके लिए आपको काफी ध्यान रखना होगा। चादर ट्रेक पर हमेशा अपने गाइड को फॉलो करें। बर्फ में किस पल, कौन-सा खतरा होगा? कोई नहीं जानता, इसलिए आंख बंद करके अपने गाइड की बात मानते चलिए। आपको सफर में कोई परेशानी नहीं आएगी। अगर आप बर्फ में ट्रेकिंग करते रहते हैं तब भी आपको गाइड की बात माननी चाहिए।

7. स्लीपिंग बैग

चादर ट्रेक में आपको हर रोज टेंट में सोना होगा। रात में हवाएं और भी तेज हो जाती है। इस ठंड में आपको स्लीपिंग बैग ही जिंदा रख सकते हैं। स्लीपिंग बैग के अलावा सोते समय गर्म कपड़े पहने रहें। जिससे आप पर ठंड का असर कम हो। अक्सर ट्रेकिंग में लोग ठंड से बीमार हो जाते हैं। अगर आप बीमार हो जाएंगे तो चादर ट्रेक को नहीं कर पाएंगे।

8. बैग को हल्का रखें

चादर ट्रेक में अपने साथ जितना हो सके, कम सामान ले जाएं। अपने बैग को हल्का ही रखें क्योंकि इसे आपको ही उठाना है। ट्रेकिंग में हल्के से भी हल्का बैग भारी लगता है। इसलिए जिस चीज की जरूरत न हो, उसे न ले जाएं। इससे आपको ही ट्रेक करने में आसानी होगी। इसके अलावा अपने कैमरा, मोबाइल की बैटरी बचाकर रखें क्योंकि सर्दियों में बैटरी बहुत जल्दी डिस्चार्ज होती है।

इन बातों का रखें ध्यान

• ऐसे लंबे ट्रेक में दर्द या किसी जगह पर चोट लगना आम बात है। इसलिए अपने साथ फर्स्ट ऐड जरूर रखें।

• एनर्जी के लिए कुछ हल्का-फुल्का जरूर रख लें।

• सबसे जरूरी बात कि ट्रेक में कूड़ा न फैलाएं। जो भी खाएं, उसे वापस ले जाएं। यहां पर न फेकें।

• जब लगे कि ट्रेक करना मुश्किल हो रहा है तो वापस लौट आएं।

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