सर्दियाँ आते ही हर किसी का बर्फ की ओर जाने का मन ज़रूर होता है। अगर आप ट्रैवलर हैं तो आप बर्फ देखने नहीं, बर्फ नापने जाते हैं। ऐसे घुमक्कड़ सर्दियों में भी ट्रेकिंग करने निकल पड़ते हैं। उनक देखा-देखी बहुत सारे नए लोग भी ऐसा करने का मन बना लेते हैं। अगर आप भी वो नए वाले घुमक्कड़ हैं तो आपको कुछ चीजें पहले से ही दिमाग में बैठा लेनी चाहिए।
पहले तो ट्रेकिंग करना आसान नहीं और अगर बर्फ में करने जा रहे हैं तो ये और भी मुश्किल है। बर्फ में ट्रेकिंग पर जाने से पहले आपको पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। ट्रेकिंग के लिए तैयार सिर्फ सामान से नहीं हुआ जाता। आपको दिमाग और शरीर दोनों से तैयार रहना पड़ता, क्योंकि सफर में क्या हो जाए किसी को पता नहीं रहता। अगर आप सर्दियों में ट्रेकिंग पर जा रहे हैं तो कुछ टिप्स हम दिए दिते हैं, जो आपको बहुत काम आएँगे।
1. ये सोलो ट्रिप नहीं है
बर्फ में ट्रेक करना कोई आसान बात नहीं है। ये कोई आसान-सी ट्रिप नहीं है कि मन हुआ और चल पड़े। यहाँ हर कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अगर आप अकेले हैं तो शायद आप टूट भी सकते हैं। इसलिए बर्फ में ट्रेकिंग करने जा रहे हैं तो किसी साथी के साथ ज़रूर जाएँ। ट्रेक में कोई साथ रहेगा तो सफर आसान लगेगा। कोई भी दिक्कत आए तो कोई साथ होगा तो सामना करने में भी आसानी होगी। सफर के खूबसूरत पलों को बाँटने में भी मज़ा आएगा।
2. जल्दी करें ट्रेक
सर्दियों में दिन बहुत छोटा होता है। सूरज देर से निकलता है और बहुत जल्दी डूब जाता है। इसलिए आपके पास ट्रेकिंग के लिए बहुत कम समय होता है। अंधेरे और रात की ठंड से बचने का सबसे आसान तरीका यही है कि जल्दी ट्रेक शुरू करें और अपने डेस्टिनेशन तक अंधेरे होने से पहले ही पहुँचने की कोशिश करें। अगर आप जल्दी ट्रेक करेंगे तो आप जल्दी पहुँच जाएँगे। तब आपके पास खूबसूरत नज़ारों को देखने के लिए बहुत टाइम होगा।
3. जूते में है दम
बर्फ में ट्रेकिंग करने के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं, जूते। अगर आपके पास ट्रेकिंग वाले जूते नहीं हैं तो बहुत मुश्किल होगी। जूते ऐसे होने चाहिए जो वाटरप्रूफ और गर्म करते हों। क्योंकि बर्फ में ट्रेकिंग करते समय पैरों में बर्फ नहीं जानी चाहिए। इसलिए जूते फैशन और स्पोर्टस वाले नहीं, बल्कि ट्रेकिंग वाले ही होने चाहिए। जूते खरीदते समय ये भी ध्यान रखें कि उनकी ग्रिप भी अच्छी होनी चाहिए। जो बर्फ पर फिसले नहीं, बल्कि अपनी पकड़ बनाएँ। अपने आप पर एक एहसान करना कि जूते लेते समय कंजूस ना बनना।
4. क्रैंपॉन
अगर आप बर्फ में ट्रेकिंग करने जा रहे हैं और क्रैंपोन नहीं ले जा रहे हैं तो अपने लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हो। क्रैंपॉन जूते के नीचे ग्रिप बनाने का काम करती है। अगर आपके जूते की ग्रिप अच्छी नहीं है तो ये क्रैंपोन की कीलें बर्फ में घुसकर ग्रिप बना देती हैं। तब आपके पैरों को चलने में पता ही नहीं चलेगा कि बर्फ में चल रहे हो या मैदान में। इसलिए बर्फ में ट्रेकिंग करने जाएँ तो अपने बैग में एक छोटी-सी जगह क्रैंपोन के लिए भी रखें।
5. भर लो कपड़े
अगर आप मैदानी ठंड के आदी हैं तो इस ट्रेकिंग में खूब ठंड लगने वाली है। इससे बचने का एक ही उपाय है, खूब गर्म कपड़े रख लो। आप जहाँ जा रहे हैं उस जगह का तापमान देख लीजिए और उसी हिसाब से गर्म कपड़े ले जाएँ। जितना आप सोच रहे हैं, उससे कुछ ज्यादा ही रख लें तो कोई दिक्कत नहीं होगी। तब आप ट्रेकिंग में एक चीज़ से तो निजात पा ही लेंगे। आप जैकेट ऐसी लें जो गर्म के साथ वाटरप्रूफ भी हो क्योंकि बर्फ पानी ही तो है। अगर बारिश हुई तब भी ये जैकेट काम आएगी।
6. स्लीपिंग बैग
अगर आप सर्दियों में ट्रेकिंग पर जाते हैं तो बहुत कम जगहें हैं जहाँ आपको होटल मिलेंगे। ऐसे में आपको कैंप में रूकना होगा और तब आपके पास एक बढ़िया स्लीपिंग बैग होना चाहिए। स्लीपिंग हल्का और ले जाने में भी आसान होता है। ये आपको कई वैरायटी में मिल जाएगा। इसमें आपको एक ही चीज ध्यान में रखनी है, आप जहाँ जा रहे हैं वहाँ के तापमान के हिसाब से होना चाहिए। अगर आप -10 तापमान में जा रहे हैं तो माइनस 10 से ज्यादा वाला ही स्लीपिंग बैग लें। अगर आपके पास ये बैग है तो आपकी रात तो बहुत अच्छी गुज़रेगी।
7. ग्लव्स और जुराबें
बर्फ में जा रहे हैं तो हाथों को बचाने के लिए ग्लव्स और पैरों को बचाने के लिए मोज़े होने चाहिए। ग्लव्स तो एक जोड़ी चल भी जाएँगे लेकिन मोजे कम से कम 3-4 जोड़ी होने चाहिए। बर्फ में मोजे बहुत जल्दी गीले होते हैं और गीले मोजे आपके जूते भी खराब करेंगे और आपकी ट्रेकिंग भी। इसलिए अच्छे वाले ग्लव्स और जुराबें अपने साथ ट्रेक पर लेकर जरुर चलें।
8. दो पैरों से काम नहीं चलेगा
वैसे तो ये सबको पता है कि ट्रेकिंग में एक और पैर की ज़रूरत होती है। ये तीसरा पैर बनता है आपकी स्टिक। बर्फ में ट्रेक करते समय ये स्टिक और भी ज़रूरी होती है। ये सिर्फ आपको सहारा नहीं देती, बल्कि किस तरफ जाना है ये भी बताती है। आप कदम बाद में बढ़ाते हैं स्टिक पहले जाती है। ये आगे वाले खतरे के बारे में भी बताती है। इसलिए लाठी होना बहुत ज़रूरी है।
9. चाकू, टाॅर्च और बोतल
ये सभी चीजें बहुत छोटी-छोटी हैं लेकिन ट्रेकिंग में बड़े काम की चीजें है। चाकू, पाॅकेट वाली होनी चाहिए। ट्रेकिंग में ये चाकू मल्टीपरपज होती है, लकड़ी काटती है, रस्सी और तार काटने के काम आती है, औजार का भी काम करती है। टाॅर्च, अंधेरे में आपको रास्ता दिखाती है और कैंप में आप इसके बिना कुछ नहीं कर पाएँगे। बोतल तो छोटे-बड़े हर सफर में होनी ही चाहिए। इसके बिना तो आप परेशान हो जाएँगे क्योंकि ट्रेकिंग में पानी बहुत कम जगह मिलता है।
10. बैगपैक
आजकल तो बैगपैक का मतलब ही ट्रैवलर हो जाता है। अगर आप ट्रेकिंग पर जा रहे हैं तो आपके पास अच्छा बैगपैक होना चाहिए। जिसमें आपका ज्यादा से ज्यादा सामान आ जाए और उठाने में आसानी हो। बैगपैक वाटरप्रूफ होना चाहिए और बहुत सारी जेबें होनी चाहिए। ये सब आपके ट्रेक को आसान बना देता है।
11. प्लानिंग और बजट
वैसे तो हर सफर का सबसे ज़रूरी और पहला काम ही ये होना चाहिए। आपको अपने ट्रेक के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। उसके बाद प्लानिंग बनानी चाहिए। जाने और ठहरने के बारे में ध्यान देना चाहिए। ये सबके बाद बजट बनाना चाहिए। जितने का बजट बने उससे ज्यादा ही कैश लेकर चलना चाहिए क्योंकि ऐसी जगहों पर कैश की बड़ी कमी होती है।
12. ए भाई! देखकर चलो
जब हम खूबसूरती को निहारते हुए चलते हैं तो चलने में ध्यान नहीं देते। बर्फ में ट्रेकिंग करते समय ऐसी गलती ना करना। वहाँ देखकर चलना और बने हुए रास्ते पर ही चलना। अपना अलग रास्ता लेने पर रिस्क हो सकता है। बर्फ में लापरवाही करना, डेंजरस भी हो सकता है। इसलिए इन सबको बर्फ में चलते समय अपने दिमाग में भी न लाएँ। तब आपकी ट्रेकिंग बहुत मज़ेदार होगी।
तो ये सब बातें ध्यान में रखिए, तैयारी कीजिए और निकल पढ़िए अपने बर्फीले ट्रेक पर!