तैरती झील से लेकर दुनिया का सबसे ऊँचा पुल, भारत की इन जगहों के नाम है गिनीज़ व‌र्ल्ड रिकार्ड

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Photo of तैरती झील से लेकर दुनिया का सबसे ऊँचा पुल, भारत की इन जगहों के नाम है गिनीज़ व‌र्ल्ड रिकार्ड by Deeksha

प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक, मार्क ट्वेन ने एक बार कहा था, "भारत एक ऐसी भूमि है जिसे सभी लोग देखना चाहते हैं।" मार्क ट्वेन के ये शब्द 100 फीसदी सही भी हैं। शायद ही कोई घुमक्कड़ होगा जिसकी बकेटलिस्ट में भारतीय दौरा शामिल नहीं होगा। भारत एक ऐसा देश है जहाँ का प्राकृतिक वैभव सराहनीय है। देश के नाम कई विश्व रिकॉर्ड हैं और ये सभी रिकॉर्ड अद्वितीय और उल्लेखनीय हैं। आज हम आपको भारत द्वारा बनाए गए कुछ विश्व रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देते हैं।

1. मौसिनराम- विश्व का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र

पूर्वोत्तर भारत में मेघालय राज्य के पूर्वी खासी हिल्स जिले का एक गाँव मौसिनराम, दुनिया में सबसे अधिक बारिश वाली जगहों की सूची में सबसे ऊपर है। मौसिनराम में इतनी बारिश होती है कि साल में कई बार इस गाँव की गलियाँ झरनों में बदल जाती है। मौसिनराम में हर साल लगभग 12 मीटर बारिश होती है। लेकिन ग्रामीणों को इसकी आदत हो गई है। हालांकि उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मौसिनराम चेरापूंजी से केवल 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसिनराम, बांग्लादेश और बंगाल की खाड़ी के करीब है, इसी कारण से यहाँ इतनी बारिश होती है।

2. चेनाब पुल- दुनिया का सबसे ऊँचा आर्च ब्रिज

दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल, जम्मू और कश्मीर में चिनाब नदी के ऊपर बनाया गया है। 359 मीटर की ऊँचाई पर बना चिनाब ब्रिज, एफिल टॉवर से भी 30 मीटर ऊँचा है। ये पुल बक्कल (कटरा) और कौरी (श्रीनगर) को जोड़ता है। चिनाब ब्रिज की स्थापना वर्ष 2004 में हुई थी और जम्मू-कश्मीर में इस प्रतिष्ठित पुल का आर्क क्लोजर हाल ही में पूरा हुआ है। ये पुल भारतीय रेलवे की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का एक हिस्सा है। ऐसा कहा जाता है कि स्टील आर्च का पूरा होना चिनाब नदी पर बने पुल के सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सों में से एक था।

3. हिक्किम- दुनिया का सबसे ऊँचा डाकघर

हिक्किम गाँव 4,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पहाड़ी दर्रों और भरी बर्फबारी के कारण ये क्षेत्र आधे साल तक हिमाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों से कटा रहता है। ये गाँव एक ट्रेक के द्वारा स्पीति घाटी के काजा शहर से जुड़ा हुआ है, जो हिक्किम से 46 किमी. (29 मील) दूर है और पक्की सड़क तक पहुँचने के लिए निकटतम शहर है। हिक्किम गाँव में 14,400 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक डाकघर है और इसको दुनिया का सबसे ऊँचा डाकघर होने का सम्मान मिला हुआ है। इस डाकघर से आज भी चिट्ठियों और पोस्टकार्ड भेजे जाते हैं। ये डाकघर हिक्किम के ग्रामीण लोगों के लिए एक बचत बैंक के रूप में भी कार्य करता है। गाँव का पोस्टल इंडेक्स नंबर या पिन 172114 है। डाक को काज़ा तक पैदल पहुँचाया जाता है। भारी हिमपात के कारण सर्दियों के महीनों में डाकघर को बंद करना पड़ता है।

4. उमलिंग ला पास- विश्व की सबसे ऊँची मोटर योग्य सड़क

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 19,024 फीट की ऊँचाई पर लद्दाख के उमलिंग ला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊँची मोटर योग्य सड़क का निर्माण और ब्लैक-टॉप करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है। दिलचस्प बात ये है कि सड़क को खारदुंग ला दर्रे की तुलना में ड्राइवरों के लिए और भी अधिक चुनौतीपूर्ण बताया गया है। उमलिंग ला पास का तापमान, सर्दियों के मौसम में -40 डिग्री तक गिर सकता है। इस ऊँचाई पर ऑक्सीजन का स्तर समुद्र तल से लगभग 50% कम है। भारतीय सेना के सड़क निर्माण विंग को 16 नवंबर 2021 को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट भी दिया जा चुका है। ये सड़क पूर्वी लद्दाख के चुमार सेक्टर के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ती है। ये लेह से चिसुमले और धेमचुक को जोड़ने वाला सीधा मार्ग है, जो स्थानीय आबादी के लिए बेहद फायदेमंद होगा।

5. चैल क्रिकेट ग्राउंड- विश्व का सबसे ऊँचा क्रिकेट का मैदान

देवदार के विशाल पेड़ों से घिरा चैल क्रिकेट ग्राउंड दुनिया का सबसे ऊँचा क्रिकेट ग्राउंड है। वर्ष 1893 में निर्मित इस मैदान का उपयोग पोलो ग्राउंड के रूप में भी किया जाता है, जो लगभग 2,144 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ये समुद्र तल से 7500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और इसे भारत के प्रसिद्ध क्रिकेट स्टेडियमों में से एक के रूप में जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश में स्थित, ये क्रिकेट मैदान चैल के सबसे अधिक देखी जानी वाली जगहों में से है। पर्यटक यहाँ से रात में सतलुज घाटी, शिमला और कसौली के शानदार नजारों का आनंद ले सकते हैं। इस मैदान का उपयोग चैल मिलिट्री स्कूल द्वारा स्कूल के खेल के मैदान के रूप में भी किया जाता है। इस मैदान में एक बास्केट बॉल कोर्ट भी है और उसी क्रिकेट मैदान में गोल पोस्ट भी है जिसका उपयोग फुटबॉल खेलने के लिए किया जाता है।

लेकिन ये विश्व रिकॉर्ड अब एक नए स्टेडियम में दिया जा सकता है जो हिमाचल प्रदेश की लाहौल घाटी में बन रहा है। ये समुद्र तल से 10,000 फीट ऊपर है और अटल सुरंग के ठीक बगल में स्थित है। दिलचस्प बात यह है कि आम तौर पर क्रिकेट के मैदानों के विपरीत, इस स्टेडियम को आदिवासियों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।

6. डल झील पोस्ट ऑफिस- दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस

आपने तैरते हुए बगीचों, द्वीपों और हाउसबोट्स के बारे में सुना है लेकिन कश्मीर की फेमस डल झील में तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस है जो पूरी दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ डाकघर है। 200 साल से भी ज्यादा पुराने, इस तैरते हुए डाकघर को ब्रिटिश युग में शुरू किया गया था। दिलचस्प बात ये है कि इस डाकघर से अभी भी झील पर रहने वाले लोगों को पत्र और कोरियर पहुँचाया जाता है। पोस्ट की डिलीवरी शिकारा में यात्रा करते समय एक डाकिया द्वारा की जाती है। डल झील पर तैरते हुए इस डाकघर में डाकघर की सभी सेवाएँ उपलब्ध हैं। इस डाकघर के सभी लिफाफों पर एक विशेष मुहर का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें नाविक के साथ शिकारा की डिजाइन बनी है।

7. लोकटक झील- विश्व की एकमात्र तैरती झील

मणिपुर की लोकटक झील, इंफाल से 53 किमी. की दूरी पर स्थित है। ये दुनिया की एकमात्र तैरती हुई झील है जहाँ कई छोटे और बड़े तैरते द्वीप हैं। लोकटक झील मणिपुर की उन चुनिंदा जगहों में से एक है जहाँ विदेशियों को जाने की इजाजत है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि झील तैरते द्वीपों के लिए प्रसिद्ध है।

8. डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज- विश्व का एकमात्र लिविंग रूट पुल

मेघालय के सभी लिविंग रूट ब्रिज में से, चेरापूंजी का डबल-डेकर रूट ब्रिज और शिलांग का सिंगल-डेकर रूट ब्रिज सबसे खास हैं। ये, दुनिया में अपनी तरह के एकमात्र पुल हैं। मेघालय के लिविंग रूट ब्रिज को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी जोड़ा जा चुका है। इस पुल की लंबाई 30 मीटर है। ये पुल 2,400 फीट ऊँचा है। पृथ्वी पर सबसे खूबसूरत जगहों में से एक के रूप में संबोधित किए जाने वाले इस पुल को केवल मेघालय ही नहीं बल्कि पूरे देश का गौरव माना जाता है। झरने, धुंध भरा वातावरण और ढेर सारी हरियाली इस जगह को दुनियाभर के पर्यटकों के लिए बेहद खास जगह बनाने हैं जो पूर्वोत्तर भारत में नए अनुभवों के लिए आते हैं।

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