भारत की हर जगह अपने आप में ख़ास है और वहाँ एक्सप्लोर करने के लिए भी बहुत कुछ है। हर प्रदेश घुमक्कड़ों के लिए अपना एक ख़ज़ाना लिए बैठा है। इनमें कुछ जगहें कल्चर, कला और इतिहास से जुड़ी होती हैं तो कुछ जगहें प्राकृतिक खूबसूरत के लिए जानी जाती हैं। मध्य प्रदेश आपको ये सारे अनुभव करने का मौका देता है। ऐसे ही नहीं मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। मध्य प्रदेश में कई शानदार जगहें हैं। जिसमें से एक है, साँची। साँची का नाम सुनते ही जेहन में क्या आता है? साँची स्तूप।
मध्य प्रदेश की ये जगह साँची स्तूप के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। हर कोई साँची स्तूप को देखने के लिए इस जगह पर आता है। साँची में साँची स्तूप तो है ही, इसके अलावा भी कुछ जगहें हैं जिनको देख सकते हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 46 किमी. की दूरी पर है, साँची। साँची मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले का एक छोटा-सा गांव है। साँची में आपको कई साम्राज्यों के अवशेष संग्रह व आध्यात्मिक पर्यटन स्थल देखने को मिलते हैं। इसके अलावा कई स्तूप, मंदिर, मठ और स्तंभ को देख सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
फ़्लाइट से: अगर आप फ़्लाइट से साँची जाने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे निकटतम हवाई अड्डा भोपाल का राजा भोज एयरपोर्ट है। राजा हवाई अड्डा से साँची 46 किमी. की दूरी पर है। आप भोपाल से साँची बस या टैक्सी से जा सकते हैं।
ट्रेन से: आप साँची ट्रेन से भी जा सकते हैं। साँची से सबसे नज़दीकी भोपाल रेलवे स्टेशन है। भोपाल से साँची 50 किमी. की दूरी पर है। आप भोपाल से बस या टैक्सी से साँची पहुँच सकते हैं।
वाया रोड: आप सड़क मार्ग से भी साँची पहुँच सकते हैं। साँची सड़क मार्ग से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। आपको मध्य प्रदेश के कई बड़े शहरों से साँची के लिए बस मिल जाएगी। अगर आपके पास खुद की गाड़ी है तब तो अपनी मंज़िल तक पहुँचने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।
क्या देखें?
1- साँची स्तूप
साँची स्तूप में एक या दो नहीं बल्कि तीन स्तूप शामिल हैं। ये देश के सबसे ज़्यादा संरक्षित स्तूपों में से एक हैं। पहले साँची स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी में हुआ था। इसकी ऊँचाई लगभग 16.4 मीटर है और व्यास 36.5 मीटर है। दूसरे स्तूप का निर्माण दूसरी शताब्दी में हुआ था। तीसका स्तूप पहले स्तूप के पास में ही स्थित है। इसमें गुंबद के ऊपर एक मुकुट भी है जिसे काफी पवित्र माना जाता है। साँची के सभी तीन स्तूपों को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया है।
2- साँची म्यूज़ियम
कहते हैं किसी नई जगह को एक्सप्लोर करने से पहले आपको उस जगह के म्यूज़ियम को देख लेना चाहिए। उस नई जगह के बारे में संग्रहालय काफ़ी कुछ बता देते हैं। साँची म्यूज़ियम की स्थापना 1919 में सर जॉन मार्शल ने की थी। कम जगह होने की वजह से यहाँ की चीजों को नये भवन में रखा गया है। इस संग्रहालय में चार गैलरियाँ और 1 हॉल है। म्यूज़ियम की ज़्यादातर चीजें साँची की हैं लेकिन कुछेक को आसपास से लिया गया है। इस म्यूज़ियम में आपको कई दुर्लभ मूर्तियाँ देखने को मिलेंगी। साँची आएँ तो यहाँ के संग्रहालय को देखने का प्लान ज़रूर बनाएँ।
3- अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ साँची की सबसे आकर्षक जगहों में में से एक है। इस स्तंभ में एक शाफ्ट और चार सिंहों से बना हुआ एक मुकुट है। ये शेर एक दूसरे की पीठ करके खड़े हुए हैं। साँची के अशोक स्तंभ का निर्माण ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में हुआ था। इस अशोक स्तंभ की वास्तुकला ग्रीको-बौद्ध शैली की है। साँची का यह अशोक स्तंभ सारनाथ के स्तंभ से काफ़ी समानता रखता है। सारनाथ के स्तंभ पर धर्मचक्र है लेकिन साँची के अशोक स्तंभ में आपको धर्मचक्र देखने को नहीं मिलेगा। अशोक स्तंभ को देखें बिना साँची की यात्रा अधूरी रहेगी।
4- गुप्ता मंदिर
शायद ही आपने साँची के इस मंदिर के बारे में सुना हो। गुप्ता मंदिर साँची की सबसे शानदार जगहों में से एक है। गुप्ता मंदिर साँची की पहाड़ी पर स्थित है। 5वीं शताब्दी का ये मंदिर गुप्त काल के आर्किटेक्चर के बारे में काफी कुछ बताता है। इस मंदिर को देखकर आप उस समय के आर्किटेक्चर के बारे में अंदाज़ा लगा सकते हैं। इस मंदिर में सादी छत वाला कमरा और एक कवर्ड प्रवेश द्वार है। ऐसी बेजोड़ वास्तुकला देखकर आप हैरान रह जाएँगे।
5- बौद्ध विहार
बौद्ध विहार बौद्ध संस्कृति का केन्द्र माना जाता है। बौद्ध विहार को बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थान भी माना जाता है। साँची से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, बौद्ध विहार। बौद्ध विहार सिर्फ़ साँची ही नहीं मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। इस विहार में सतधारा स्तूपों के अवशेष हैं। बौद्ध विहार के एक कमरे में कांच के चेंबर में सभी अवशेषों को सुरक्षित रखा गया है। इस जगह को देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। आपको भी इस जगह को ज़रूर देखना चाहिए।
6- द ग्रेट बाउल
सांची में स्थित द ग्रेट बाउल मध्य प्रदेश की सबसे फ़ेमस जगहों में से एक है। इस जगह को बौद्ध धर्म का पुनर्जागरण का स्थान माना जाता है। साँची में कई ऐताहासिक जगहें हैं उनमें से द ग्रेट बाउल बेहद शानदार है। ग्रेट बाउल साँची के सबसे क़ीमती अवशेषों में से एक है और इसका प्रयोग खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए किया जाता था। कहा जाता है कि इसी बाउल से बौद्ध बौद्ध भिक्षुओं को खाना दिया जाता था। इसके अलावा आप साँची में साँची स्तूप के चार प्रवेश द्वार देख सकते हैं। ये प्रवेश द्वार आर्किटेक्चर का एक शानदार नमूना है।
कब जाएँ?
साँची मध्य प्रदेश की वो जगह है जिसे आप साल भर में कभी भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। गर्मियों में इस जगह का तापमान काफ़ी गर्म होता है। जिससे आपको घूमने में दिक़्क़त का का सामना करना पड़ सकता है। बिना किसी परेशानी के साँची को घूमना चाहते हैं तो इसके लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा होता है। इस समय आपको अच्छा मौसम मिलता है। साँची में आपको ठहरने में कोई दिक़्क़त नहीं आएगी। यहाँ पर कई बड़े और छोटे होटल हैं। आप अपने बजट के हिसाब से इनमें ठहर सकते हैं।
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