झीलों का शहर भोपल
मध्य प्रदेश कि राजधानी भोपाल जिसे झीलों कि नगरी भी कहा जाता है
भोपाल का नाम राजा भोज के नाम पर भोपाल रखा गया
चारो और से पानी से घिरा ये शहर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है
जुलाई का महीना था जब मै अपने कुछ दोस्तों के साथ कही घूमने का प्लान बना रहा था तभी कही से भोपाल के बारे मे सुना और चल दिया अपने चार दोस्तों के साथ
तीन दिन भोपाल घूमने के लिए पर्याप्त है
BEST टाइम तो VISIT - जून जुलाई मे बारिश के समय इस शहर कि खूबसूरती और भी खिल जाती है
कैसे पहुंचे झीलों के शहर
दिल्ली से 800km दूर स्थित भोपाल रेल मार्ग, सडक मार्ग , हवाई मार्ग सभी से अच्छी तरह से जुड़ा है
राजा भोज एयरपोर्ट से नियमित दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर,
के लिए फ्लाइट उपलब्ध है
रेल मार्ग से भी भोपाल अच्छी तरह से जुड़ा है हबीबगंज और भोपाल जंक्शन
2 स्टेशन स्थित है भोपाल मे जहा से पुरे भारत के लिए ट्रैन मिलजाएगी
रोड से यह इंदौर, जबलपुर और सागर से अच्छी तरह से जुड़ा hay
यहाँ घूमने के लिए आप सिटी बस का उपयोग कर सकए है जिसका डेली पास केवल 30 रूपये पे बनता है
साथ ही टैक्सी भी किराये पे ले सकते है
कहा रुके
यहाँ आपको 500 से 8000 मे बजट से लेके 5 STAR के होटल मिल जायेंगे
हॉस्टल के सुविधा भोपाल मे नहीं है पर आपको सस्ते लॉज मिल जायेंगे
हम शाम के 7 बजे भोपाल के हबीबगंज स्टेशन पे पहुंचे
स्टेशन का काम अभी प्रगति पे चल रहा जिसके कारण आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है
बाहर निकल के हमने एक पास मे ही होटल लिया जिसका किराया 700 rs था 1 दिन का
सफर कि थकान के कारण हम सब थककर सो गए सुबह उठ ते ही हम निकल पड़े भोपाल कि सेर पे
सबसे पहले हम गए
कहा घूमे
UPPER LAKE - इसे भोजताल भी कहते है पश्चिम भोपाल मे स्थित यह झील कि जान मानी जाती है यहाँ आराम से दोस्तों के साथ boating कर सकते है आधे घंटे नाव चलाने का किराया मात्र 100rs है चार लोगो का
स्पीड बोट और cruze शिप का भी आंनद ले सकते है
ENTRY FEES- 0
छोटा तालाब - तालाब के बाजू मे स्थित पार्क मे बैठ कर आप समय बिता सकते है साथ ही यहाँ से ढलते हुए सूरज को निहारने का मनमोहक द्रष्य हमेशा के लिए आँखो मे बसाने वाला था पास मे गी एक मंडोर भी है जहा आप दर्शन कर सकते है
ENTRY FEES - 0
ताज उल मस्जिद - यह भारत ही नई पुरे एशिया कि सबसे बड़ी मस्जिद है मुग़ल साम्राज्य के समय कि ये मस्जित अपने अंदर कि बेशुमार खूबसूरती को दर्शाती है !
ENTRY FEES - 0
वन विहार - यह भोपाल का राष्ट्रिय उद्यान के नाम से भी जाना जाता है
प्राकर्तिक लोगो के लिए जन्नत के सामान यह उद्यान मे एक लकड़ी का पुल बना है जो अपनी परछाई पानी पर बनाकर इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है
यहाँ बच्चो के लिए झूले कैफ़े भी है
एवं हरेभरे पेड़ पौधों के बीच ऐसा लगता है मानो हम शहर मे नई जंगल मे है
यहाँ कुछ जानवर भी देखने को मिलेंगे
आप यहाँ साइकिल भी किराये पे लेकर चला सकते है
ENTRY FEES - 60
वन विहार से कुछ ही दुरी पर केरवा डैम भी स्थित है यहाँ आप बारिश के समय जा सकते है
अगले दिन हम सुबह निकल पड़े साँची स्तूप के लिए
साँची स्तूप पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको बस स्टैंड से आसानी से बस मिल जाएगी
बस स्टैंड हबीबगंज स्टेशन से एक किलोमीटर दूर ही स्थित है
भोपाल से साँची का बस का किराया 50 rs
साँची स्तूप - भोपाल से 45 km कि दुरी पर स्थित है विश्व प्रसिद्ध sanchi स्तूप जो कि वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है
यहाँ पर आपको पत्थर से बने कई स्मारक मिलेंगे साथ ही बुद्धिस्ट लोगो के लिए ये जगह किसी आस्था के केंद्र से काम नहीं है परिवार के साथ समय बिताने कि यह एक बहोत ही उत्तम जगह है
ENTRY FEES - 30
रायसेन का किला - साँची स्तूप से 22 km को दुरी पर स्थित है रायसेन का किला
यहाँ आप साँची से ही बस मे सवार होकर रायसेन पहुँच सकते है वहां से शेयरिंग ऑटो मे 10 rs मे पहुँच सकते है
1200 इ पूर्व पे बना यह किला शेरशाह से लेके अल्लाउदीन तक के कब्ज़े मे रहा अपने अंदर अनेक राज़ समेटे बैठा है
ये बलुआ पत्थर से बना एक पहाड़ पे स्थित है
200 सीढ़ी चढ़कर ऊपर जाके जो नज़ारा देखा उससे देखकर सारी चढाई कि थकान निकल गयी किले से पुरे शहर का मनमोहक दृश्य दिख रहा था
किले के अंदर वक मंदिर और मस्जित दोनों ही स्थित है
किले के अंदर एक तालाब भी है
तथा उस ज़माने कि कुछ तोप भी रखी हुई है
ENTRY FEES- 0
अगले दिन हम निकल पड़े सबसे पहले भगवान के दर्शन करने
बिरला मंदिर - बिरला मंदिर के नाम से प्रसिद्ध लक्समी नारायण मंदिर एक बहोत ही भव्य ओर सुन्दर मंदिर है जो कि चारो ओर उद्यान से घिरा हुआ है
यहाँ परिवार के साथ आप दर्शन करके कुछ समय बिता सकते है
टेकरी - भोपाल व्यू पॉइंट के नाम से मशहूर इस जगह से सम्पूर्ण भोपाल का दीदार होता है
यह एक पहाड़ी पर स्थित है
यहाँ केबल कार कि मदद से तथा अपने साधन सड़ भी पहुँचा जा सकता है
केबल कार कि फीस - 50 रूपये पर पर्सन
अगले दिन के लिए मै बहुत ही उत्साहित था क्युकि अगली जगह जो हम जाने वाले थे वो प्राचीन काल के एक मशहूर नमूना पेश करता है
भोपाल शहर से 45 km दूर स्थित है भीमबेटका कि प्राचीन गुफा
यहाँ पहुँचने के लिए आपको भोपाल बस स्टैंड से आराम से बस मिल जाएगी
भीमबेटका कि गुफाये जंगल मे होने के कारण आपको 2 km का रास्ते पैदल ही पूरा करना पड़ेगा यहाँ आपको प्राचीन काल कि चित्रकला गुफा कि दीवारों पे देखने को मिलेंगी
यहाँ ऐसी कई गुफाये है जो कि एक लाख साल पुरानी है
ENTRY FEES -10 Rs
शाम को भीमबेटका से बस पकड़ कर वापस चल दिए भोपाल
भोपाल पहुँच कर हम अगले दिन सुबह निकल पड़े अपने घर कि ओर भोपाल कि बहोत सारी मीठी यादे लेकर