राजस्थान का 900 साल पुराना वह मंदिर समूह जहां मूर्तियां रास्ते पर ही गड़ी हुई है ।

Tripoto
27th Mar 2019
Photo of राजस्थान का 900 साल पुराना वह मंदिर समूह जहां मूर्तियां रास्ते पर ही गड़ी हुई है । by Saransh Ramavat
Day 1

सभी घुमक्कड़ों को मेरा प्रणाम । इस ब्लॉग को शुरू करने से पहले मे अपने बारे मे बता देना चाहता हूँ ताकि आप लोगो मुझे और मेरे काम के बारे मे जान सके । मेरा नाम सारांश है और कोटा शहर मे, जहां मे रहता हूँ वहाँ लोग प्यार से मुझे परिंदा कहते है और इसका मुख्य कारण है ट्रेवल व आर्ट फील्ड मे काम करने वाली संस्था “परिंदों का सफर” । परिंदों का सफर मे हम लोग कई काम करते है जैसे ट्रिप्स, फोटोग्राफी, फूड फेस्टिवल, एक्सिबिशन, पेंटिंग, हेरिटेज वॉक, बाइक राइड्स, और कई अलग अलग गतिविधियां जिससे शहर को कुछ नया मिल सके ।

तो बात यह है की मैं और हर्षिता जो की मेरी बहुत पुरानी मित्र भी है और जिसके साथ मैंने परिंदों का सफर की शुरुआत की, बैठकर यह बात कर रहे थे की राजस्थान दिवस आने वाला है इस बार ऐसा कुछ करे की लोगो को अनछुआ राजस्थान देखने को मिले । काफी सोच विचार के बाद हम लोगो ने तय किया की क्यूँ ना एक सफर मंदरगढ़ का रखा जाये ।

और 27/3/2019 को हम निकल पड़े मंदरगढ़ के लिए, हमने नेशनल हाइवे 52 पकड़ा और कोटा से 32 दूर मंडाना गाँव गए जहां से मांडलिया गाँव होते हुए मंदरगढ़ का कच्चा रास्ता निकलता है । अगर हमे एक पत्रकार नहीं मिलते तो हम शायद रास्ता खो जाते पर उन्होने हमे रास्ता दिखाया और कहाँ की चुने की मार्किंग हो रही है दोनों तरफ उसे मत छोड़ना बस । और हमने इसी का पीछा किया और हम लोगो ने पूरे 12 किलोमीटर ऑफ-रोड करके मंदरगढ़ के मंदिरो तक पहुंचे । मैं हमारी इस यात्रा को अधूरी ही मानता हूँ क्योंकि जैसे ही हमने ओफ़रोड की शुरुआत की थी हमे पता लग गया था की इस रोड पर बस को लाना तो संभव नहीं होगा तो हम लोगो को तो यह मंदिर नहीं दिखा पाएंगे पर खुद अच्छे से एक्सप्लोर करके जाएंगे । 

आपको मंदरगढ़ का इतिहास मे पहले बता दूँ की मंदरगढ़ एक छोटा सा गाँव है जहां भीलों की संख्या अधिक है । यहाँ चारो और मूर्तियाँ पड़ी है और मंदरगढ़ के मंदिर 12वी शताब्दी के है और आज भी उस समय की कहानी बयां कर रहे है । इतिहासकार बताते है की 17वी शताब्दी मे पूर्व महाराव माधो सिंह ने इसे फिर से आजाद किया । कुछ साल केसर खान के शासन मे यहाँ पठान आ बसे । इनकी कब्र व नमाज पड़ने का स्थान आज भी यहाँ मौजूद है । यहाँ जैन धर्म के अवशेष भी है , भगवान विष्णु व शिव मंदिर भी है और नीचे गोराजी का मंदिर है । यहाँ मंदिरो के आस पास पहले के घरो के अवशेष भी पड़े हुए है जैसा की मोहनजोदडो व हड़प्पा मे भी दिखायी देते है ।
और जब हम यहाँ पहुंचे तो हमने जो सोचा था वही पाया, हम वहाँ कुछ घंटे रुके और सभी मंदिरो की फोटोग्राफी की जिसमे की काफी मंदिर टूटे हुए थे और मूर्तियाँ रास्ते मे ही गड़ी हुई थी, हमने वहाँ रखे हुए सभी शिलालेखों को देखा और जल्दी आने का मन बनाकर वहाँ से विदा ली ।

Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat
Photo of Mandana, Rajasthan, India by Saransh Ramavat