
जन्नत का दरवाज़ा यहीं से शुरू होता है, ऋषिकेश की धरती में आपको अलग ही आनंद मिलेगा। कोई भी फ्रस्टेशन हो, कोई भी परेशानी हो घूम आओ और कुछ दिन यहां की धरती में और रातें मां गंगा की गोद में फैली रेत पर बिताओ। सब भूल जाओगे केवल याद रहेंगी यहां की वादियां।
मां गंगा का बहाव, प्रकृति का प्यार, शांति का अनुभव रात की चमकीली रेत और मनन करने की भूमि ऋषिकेश में आपका स्वागत है।
ऋषिकेश में गंगा मा का शुद्ध पानी जो कि केवल उसके रंग से ही दिख जाता है। ना मंदिर है यहां ना तो मस्ज़िद है, है तो केवल प्रकृति और प्रकृति। यहां पर मैंने 2 दिन गुजारे लेकिन वो ग़लत फैसला था। हां वक़्त की कमी से मुझे ये करना पड़ा लेकिन जब भी मौका मिला तो ज़रूर यहां पर मैं दोबारा आऊंगा और कम से कम 1 महीने तो बिताऊंगा ही।
वैसे तो ये जगह एडवेंचर के लिए लोकप्रिय मानी जाती है और घूमने के लिए, लेकिन मेरे एक्सपीरिएंस से देखें तो ये जगह केवल इतने के लिए बिल्कुल नहीं है। यहां पर आप अपना सब कुछ भूलकर केवल यहीं के ही होकर रह जाएंगे। न जाने इस जगह में कौन सी माया है, शायद मां गंगा की गोद है कि यहां की शांति और हो सकता है कि यहां की खूबसूरत वादियां भी जिनमें चारों तरफ पहाड़ों का घेरा है।
ऋषिकेश के नाम से ही पता लगता है कि ये भूमि ऋषियों की है। ऋषि+ केश, ऋषियों का केश! खैर इसका मतलब कुछ नहीं है। बस यूं ही आप कुछ भी अच्छा मतलब निकाल सकते हैं। ऋषि का असल भावार्थ यहां पर मनन, चिंतन और शांति होता है। ऋषि raibhya ने यहां पर ही कठोर तपस्या की थी तब विष्णु भगवान ने यहां हृषिकेश के रूप में उन्हें दर्शन दिया था।
यहां पर आकर, आप अपने आपको नजदीक से जान सकते हैं। मां गंगा की गोद में फैली हुई महीन और चमकीली रेत पर आप बैठ कर मां गंगा के बहाव को देखते हुए, वो खुशी पाएंगे जो आपको कहीं नहीं मिली। शांति, शांति।
जन्नत का दरवाज़ा है, भाई साहब! यहीं से शुरू होती है केदारनाथ से हिमालय की वादियां। कुल मिलाकर हिमालय का प्रवेशद्वार है ये। में समय की कमी के चलते इस खूबसूरती को पूरा नहीं परख पाया लेकिन जितना भी परखा उतना ही उम्दा और खास पाया। यहां लोग योग सीखने आते हैं कई विदेशी लोग भी अध्यात्म के दर्शन के लिए आते हैं और शायद यहां बस भी जाते हैं! क्योंकि यहां पर मैं महीनों से बसे हुए लोगों से मिला हूं। और भी बहुत कुछ है बताने को अगली बार बताऊंगा। कि केवल 2 दिन में मैंने क्या क्या महसूस किया!
घूमने क्यों जाएँ-
ये सब तो मैंने पहले ही बता दिया है, और समझदार को इशारा काफी। हां, अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं तो जरूर जाएं क्योंकि यहां की साफ जलवायु आपको कैनवास लगेगी। यहां पर आपको हस्तशिल्प यानी कि हांथ से बनी हुई चीजें मिलेंगी को कि बेहद खूबसूरत हैं। मैंने एक जूट की चप्पल खरीदी थी वहां, और एक शर्ट भी।



