जब मैने पहली बार जॉब के लिए इंटरव्यू देने गया तो मन में डर था और कई उम्मीदें भी। बस एक ही ईश्वर से प्रार्थना की किसी भी तरह ये जॉब भर मिल जाए और मिल भी गई लेकिन जाना था जयपुर शहर घर के लोग चिंतित थे कि लड़का कभी घर से बाहर नहीं रहा तो उतने दूर कैसे रहेगा लेकिन फिर पता चला कि मेरे दोस्त को भी उसी कंपनी के जॉब मिल गई है और वो भी आ रहा है। फिर क्या जिद तो जिद थी और आ गया पहली बार घर से दूर कई सारी उम्मीदें और आखो में सपने लिए। जयपुर मशहूर शहर है और देश विदेश के लोगों का पसंदीदा शहर भी। यहां आने के बाद मैने अकेले और दोस्तों के साथ जयपुर में महीने में एक दो बार हमेशा मशहूर जगह पर अक्सर जाता था। लेकिन मेरा मन कुछ और ही चाहता था मानों कोई ख़ास जगह पर जाया जाए जहां एक अलग ही अहसास हो। फिर क्या था नया साल आने वाला था और दोस्तों ने इसे ख़ास बनाने के लिए अलग अलग प्लान किया था पर मेरा एक अलग और अनूठी प्लान के बारे में सोच रखा था। लेकिन जाए कैसे क्यू की पहली बार मैने कही जाने के बारे में सोचा था । फिर क्या था वो समय आ ही गया। कुछ ख़ास दोस्तों के साथ दो जोड़ी कपड़े बैग में पैक करके निकल पड़े बस पकड़ के पहले दिल्ली और फ़िर वहा से हरिद्वार पहुंच गए। यहां मानो अपनेपन का एहसास होने लगा। चारो ओर हर हर गंगे, हर हर महादेव के नारे उदघोष। हम थक गए थे लेकिन फिर भी हरिद्वार में एक अलग ही ताज़गी का अनुभव हुआ।
और फिर यहां से शुरू हुई मेरी पहली यात्रा
सभी ने पहले मां गंगा नदी के तट पर जाकर थोड़ी देर विश्राम किया और फिर पवित्र नदी के डुबकी लगाई और यहां स्थित मां गंगा जी के मंदिर के दर्शन करके आगे की यात्रा प्रारम्भ की और मनसा देवी मंदिर के अलौकिक दर्शन करके ऋषिकेश में रात बिताने का फैसला किया। मेरा दोस्त पहले यहां आ चुका था तो उसने हमें शांतिकुंज गायत्री परिवार आश्रम में ले गया। नाम के हिसाब से यहां एक अलग ही आध्यामिक,धार्मिक शांति का अनुभव होता है। रात में विश्राम करके प्रातः काल जल्दी से उठ के फिर निकल पड़े अगले पड़ाव पर।
लक्ष्मण झूला की ओर सुबह की हल्की धूप और ठंडी हवाओं के झोंके के शानदार अहसास लेते हुए कुछ सेल्फ़ी ले कर सप्त ऋषि आश्रम के बाहर दर्शन कर फिर राम झूला पहुंचे फिर स्नान करते हुए प्रमुख धार्मिक स्थल के दर्शन करते हुए मा चंडा देवी के मंदिर के लिए निकल पड़े फिर ट्रेकिंग करते हुए मंदिर में दर्शन करके फिर से हरिद्वार पहुंच गए और वहा के बाजार में कुछ सामान खरीद कर और यहां के कुछ प्रमुख और फेमस भोजन का लुफ्त उठाया और बस स्टैंड के लिए निकल पड़े लेकिन अगले दिन नया साल लगने वाला था तो यही कुछ देर विचार करने के बाद हमने अचानक शिमला जाने का प्लान बनाया।
नया साल का जश्न शिमला में मनाया।।
रात में हरिद्वार बस स्टैंड से शिमला के लिए निकल पड़े और जब दिन भर की थकान के कारण प्रातः जब आख खुली तो हम शिमला की पहाड़ों पर थे। मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था कि मै शिमला में हू। पहाड़ों के सुन्दर नजारों के बीच मनमोहक दृश्य। सबसे पहले एक सेल्फी लेकर सभी चाहने वालों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए। निकल पड़े पहाड़ों की रानी शिमला के चर्चित स्थानों की ओर फिल हमने स्कैंडल प्वाइंट, चर्च, जाखू मंदिर, लक्कड़ बाजार आदि स्थानों पर घूमते हुए नया साल जश्न मनाया।
पहली यात्रा का पहला अनुभव।।
इस यात्रा के दौरान काफ़ी कुछ सीखा। आत्मविश्वास बड़ा और मन में शांति का आभास हुआ। नई जगह पर कैसे आप बजट में यात्रा कर सकते कैसे आप अपनी यात्रा की तैयारियां कर सकते सीखने को मिला।
प्रमुख स्थल
हरिद्वार(पहला दिन)-- मां मनसा देवी मंदिर, मा चंडी देवी मंदिर, हरकी पैड़ी, शांतिकुंज गायत्री परिवार आश्रम, भारत माता मंदिर, माया देवी मंदिर, दक्षेश्वर महादेव मंदिर आदि।
ऋषिकेश( दूसरा दिन)- लक्ष्मण झूला, राम झूला , सप्त ऋषि आश्रम
शिमला(तीसरा दिन)- द रिच, स्कैंडल प्वाइंट, चर्च, जाखू मंदिर, लक्कड़ बाजार आदि
कब जाए किसके साथ जाए और कैसे जाए__________
बरसात के दिनों के अलावा आप कभी भी जा सकते हैं ।
फैमली के साथ एक शानदार और बजट यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा आप आध्यात्मिक यात्रा और प्रकृति के रूप को निहारना चाहते हो तो दर्शन करने के लिए जिसके साथ भी आना चाहें आ सकते हैं। अकेले भी आ सकते हो।
भारत के किसी भी कोने में रहते हो आप पहले चाहे ट्रेन हो या फ्लाइट या बस दिल्ली होते हुए हरिद्वार पहुंच सकते हो।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला है जो अपनी प्राकृतिक सौंदर्य और पहाड़ों के कारण प्रसिद्ध है इसे पहाड़ों की रानी भी कहते हैं,,,,