ऋषिकेश एक ऐसी पवित्र नगरी जहाँ माँ गंगा हिमालय की चोटियों से निकलकर मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। उत्तराखंड के चार धामों के प्रवेश द्वार के साथ ही ऋषिकेश योगनगरी और ध्यान के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक तो है ही साथ ही यह शहर एडवेंचर प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी किसी स्वर्ग से कम नहीं और इसी वजह से यहाँ हमारे पूरे देश से तो क्या बल्कि दुनिया के अलग-अलग देशों से करोड़ों लोग इस अद्भुत नगरी की यात्रा करते रहते हैं। लेकिन इसीलिए आपको ऋषिकेश में पर्यटकों की बहुत भारी भीड़ भी देखने को मिलती है और काफी पर्यटक हमेशा ऋषिकेश की छिपी हुई जगहों को ढूंढ़ते रहते हैं जहाँ वो सुकून से माँ गंगा किनारे बैठकर खुद को प्रकृति के बीच महसूस करते हुए कुछ समय बिता सकें। लेकिन आजकल तो कुछ छिपी हुई जगहें भी इतनी लोकप्रिय हो चुकी हैं की वहां भी आपको पर्यटकों की भरी भीड़ मिल सकती है।
इसीलिए आज हम हमारे इस लेख में ऋषिकेश से 25 किलोमीटर दूर एक बेहद सुकून और शांति से भरी एक अद्भुत और प्राचीन जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए शुरू करते हैं...
वशिष्ठ गुफा
ऋषिकेश शहर के शोर-गुल से दूर वशिष्ठ गुफा एक बेहद प्राचीन गुफा है जो कि गंगा किनारे गूलर (फाइकस) के पेड़ों के घने जंगलों के बीच स्थित है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि वशिष्ठ सप्त ऋषियों में से एक थे और उन्होंने अपनी पत्नी के साथ यहीं गंगा किनारे इसी गुफा में कई वर्षों तक तपस्या की थी। आज भी यह स्थान ध्यान करने और इसके साथ ही मन को सच्चा सुकून देने के लिए एक बेहतरीन स्थान है। यहाँ आप शहर की भीड़ से दूर बेहद शांति में कुछ समय तो बिता ही सकते हैं साथ ही बगल में बहती गंगा नदी के किनारे बैठकर बिना अन्य पर्यटकों की भीड़ के एक बेहद अच्छा समय बिता सकते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि यहाँ गंगा नदी के तट पर आपको हर तरफ छोटे-बड़े गोल गोल पत्थर दिखेंगे जिनके साथ आप यहाँ के नज़ारों की और साथ ही खुद की काफी सारी शानदार फोटोज क्लिक कर सकते हैं।
वशिष्ठ गुफा के अंदर का दृश्य
गुफा के बाहर का दृश्य किसी मंदिर जैसा ही है और जब आप अंदर जायेंगे तो गुफा काफी लम्बी और घने अँधेरे वाली गुफा है। गुफा में थोड़ा आगे बढ़ने पर ही आप एक अलग ही पवित्र शांति के बीच पहुँच जाते हैं जिसका अनुभव वास्तव में बहुत अच्छा रहता है और अंत में आपको एक बेहद प्राचीन शिवलिंग दिखेगा और वहीं बगल में एक दीपक में एक बड़ी ज्योत जलती हुई दिखेगी जो की इस गुफा में एकमात्र रौशनी का स्रोत होता है। शिवलिंग के दर्शन करके आप गुफा में ही मौजूद जल से शिवलिंग पर जल अर्पित कर सकते हैं। साथ ही यहाँ नीचे कुछ चटाई वगैरह बिछी हुई दिखेंगी जिन पर बैठकर आप यहाँ असीम शांति में कुछ देर बिता सकते हैं। यकीन मानिये इस गुफा में बिताया हर पल आपके मन को शांति और सुकून से भर देगा और इस अनुभव को लम्बे समय तक नहीं भूल पाएंगे।
वशिष्ठ गुफा कैसे पहुंचे?
ऋषिकेश से बद्रीनाथ रोड पर चलते हुए शिवपुरी से थोड़ा आगे चलकर ऋषिकेश मार्केट से कुल 25 किलोमीटर के बाद आप वशिष्ठ गुफा के प्रवेश द्वार तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके लिए आप अपने वाहन या फिर ऋषिकेश से टैक्सी वगैरह बुक करके आ सकते हैं। प्रवेश द्वार के पास ही आपको अपना वाहन पार्क करके नीचे बहती गंगा की ओर जाना होता है जिसके लिए आपको ढलान वाला रास्ता और सीढ़ियां दोनों मिल जाएँगी। नीचे उतरते वक़्त आप चारों ओर घने जंगल और नीचे की ओर तेज़ बहती माँ गंगा नदी के नज़ारे देखेंगे। करीब 10 मिनट के इस रास्ते के बाद आप नीचे पहुँच जाते हैं जहाँ आपको गौशाला में कुछ गायें और आश्रम के कुछ कमरे आदि दिखेंगे और उससे थोड़ा आगे वशिष्ठ गुफा कुछ अलग अनुभूति कराती विशाल चट्टान के नीचे बनी दिखाई देगी। गुफा के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर खड़े होकर जब आपकी नज़र बहती गंगा नदी के सुन्दर दृश्य पर पड़ती है तो यकीन मानिये ये ऋषिकेश के सबसे बेहतरीन नज़ारों में से एक लगता है।
वशिष्ठ गुफा के पास गंगा तट और अन्य जगहें
गुफा में कुछ समय सुकून के साथ बिताने के बाद आप बगल में बहती गंगा नदी के किनारे की ओर जा सकते हैं। यहाँ पूरे तट पर आपको दूर-दूर तक असंख्य गोल-गोल पत्थर दिखाई देते हैं जिनमे से कुछ बहते पानी के बीच भी रहते हैं। यहाँ बैठकर बिना कुछ किये सामने की ओर हरियाली से ढ़के पहाड़ों के बैकग्राउंड के साथ बहती गंगा नदी का सुन्दर दृश्य जरूर निहारें। यकीन मानिये ये अद्भुत नज़ारा हमेशा के लिए आपके मन में छप जायेगा। इसके अलावा यह फोटो लवर्स एक बेहतरीन जगह है। साथ ही गंगा नदी के तट पर कुछ दूर चलते हुए आपको पहाड़ी में अन्य गुफाएं भी दिखाई देंगी जहाँ भी आप जा सकते हैं।
कब जाएँ और प्रवेश समय?
वशिष्ठ गुफा जाने के लिए आप साल का कोई भी समय चुन सकते हैं क्योंकि यहाँ का मौसम आपको हमेशा खुशनुमा मिलने वाला है। बस बारिश के मौसम में नदी का बहाव तेज़ होता है तो अगर आप मानसून में जाएँ तो उसके अनुसार सावधानिया जरूर बरतें। इसके अलावा अगर वशिष्ठ गुफा में प्रवेश समय की बात करें तो यह सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक और फिर दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक का रहता है तो इसके अनुसार आप वशिष्ठ गुफा आने का प्लान बना सकते हैं।
तो अगर आप ऋषिकेश जाने का प्लान बना रहे हैं तो वशिष्ठ गुफा को अपनी ट्रिप में जरूर शामिल करें और इसी के लिए हमने हमारी यात्रा के दौरान जो भी जानकारियां जुटायीं उसे हमने इस लेख में आपसे साझा किया है। अगर आपको हमारी ये जानकारियां अच्छी लगीं तो प्लीज इस आर्टिकल को लाइक करें और ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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