गर्मियों में हमने परिवार के साथ शिमला घूमने का मन बनाया और हमने ऑनलाइन ट्रिप बुक करवाई। हमारी यात्रा दिल्ली से शिमला के लिए टैक्सी द्वारा शुरू हुई। दिल्ली से 11 घंटे का सफर था। हम हरियाणा चंडीगढ़ होते हुए जा रहे थे । रास्ते में एक दो बार हमने नाश्ता और खाना भी खाया और कुछ देर आराम करके फिर आगे के लिए चल पड़े रास्ते में अनेक मनोरम दृश्य दिखाई दे रहे थे ।अनेक मोटर गाड़ी फल सब्जियों के दुकाने, कपड़ों की दुकान देखते हुए हम शिमला की वादियों में प्रवेश किए यहां एक तरफ पहाड़ ऊंची नीची सड़कें। तो दूसरी तरफ गहरी खाई को पार करते हुए हमारी गाड़ी आगे की तरफ बढ़ रही थी। पहाड़ियों के घुमावदार रास्ते रोमांच से भर दे रहे थे ।जब हम शिमला के समीप पहुंचे तो मौसम बड़ा सुहाना लग रहा था हल्कीहल्की-हल्की ठंड लग रही थी । हम शिमला पहुंच गए रात का समय था लाइट जगमगा रही थी दुकानें तो बंद थी लेकिन होटल खोलें हुए थे हम लोग 9:00 बजे रात्रि को शिमला पहुंच गए होटल की बुकिंग पहले से थी इसलिए हमें खोजना नहीं पड़ा और हम सीधे होटल मेंचले गए।रात्रि को विश्राम करने के लिए । सुबह हमजब सोकर उठे तो उगते हुए सूरज और ठंडी ठंडी हवा ने हमारे मन को खुशी और आनंद से भर दिया। हम उठकर कुछ देर बैठकर सूरज को नि हारते रहे कुछ देर हम योगा प्राणायाम करने लगे और और फिर नहा धोकर कर ब्रेकफास्ट करने चले गए ।
इसके बाद हम शिमला का साइट देखने के लिए निकल पड़े पहले हमारी गाड़ी कुफरी की तरफ चल पड़ी। रास्ते में जगह जगह व्यू पॉइंट बने हुए थे वहां पर रुक सुंदर सुंदर पहाड़ियों के फोटो खींचने लगे। वहां का दृश्य बहुत सुंदर लग रहा था सो हमने कई तस्वीरें खिंचवाई। और फिर आगे के लिए निकल पड़े । कुफरी सेकुछ किलोमीटर पहले उतर गए वहां से रास्ता खराब और खड़ा था गाड़ी नहीं जा सकती थी। वहां से हम घोड़ा पर बैठ गए।वहां से एक घंटे का रास्ता पड़ता था रास्ता बड़ा सकरा और कीचड मिट्टी से भरा था जो केवल घोड़े से जाया जा सकता था हमलोगों को घोड़े पर बड़ा ही आनंद आ रहा था कुछ घंटे बाद हम लोग कुफरी पहुंच गए।
कुफरी- कुफरी शिमला का प्रसिद्ध स्थ स्थल है हां दूर-दूर से लोग कुफरी का सुंदर और प्राकृतिक नजारा देखने के लिए आते है। यहां खुले मैदान ऊंची-ऊंची बर्फ से ढकी चोटियां दिखाई दे रही थी। यहां पर सेव के बागान लगे हुए थे । हम लोग यहां कि प्राकृतिक नजारे को देख करबहुत खुश हुए जी चाहा रहा था सारी प्रकृतिको अपनी बाहों में समेट लु ।
हमने पेड़ों के पास खड़े होकर कुछ तस्वीरें भी खिंचवाई औरऔर हरी हरि वादियों का आनंद उठाया वहां पर कुछ लोग हिमाचल कि पारंपरिक पोशाक और फूल की टोकरी पीछे लेकर तस्वीरें खिंचवारहे थे ।कुछ लोग याक की सवारी का आनंद उठा रहे थे। वहां पर सेव के अनेक पेड़ लगे हुए थे।हम लोग वहां घंटो घूमते रहे कुछ तस्वीरें ली। और वहां के मीठे फलों का स्वाद चखा । और उसके बाद हम नीचे अपनी गाड़ी के पास आ गए।
जाखू - मंदिर - जाखू मंदिर कुफरी से 1 घंटे का रास्ता है यह पहाड़ की ऊंचाई पर बसा। यहां हनुमान जी की विशालकाय लगभग 100 फिट से ऊपर। ऊंची प्रतिमा बनाई गए हैं।जाखू मंदिर यहां का प्रसिद्ध मंदिर है। कहां जाता है यहां किसी की जो भी मनोकामना होती है वह पूरी हो जाती है लोग दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।हम लोग अपनी गाड़ी से जाखू मंदिर के समीपकुछ दूर पहले पहुंचे वहां पर उतर कर पैदल मंदिर के लिए चढ़ाई की और मंदिर में पहुंचे। मंदिर भव्य सुंदर था लोग हनुमान जी को सरसो का तेल और प्रसाद चढ़ा रहे थे। हम लोग हैं हनुमान जी को प्रसाद चढ़ा चढ़ाएं और कुछ देर तक मंदिर का भ्रमण करने लगे। हां ढेर सारे बंदर दिखाई दे रहे थे जो लोगों के प्रसाद को छीन कर खा रहे थे लोगउन बंदरों को प्रसाद खिला रहे थे।
कहते हैं जब हनुमान जी का संजीवनी बूटी लेकर जा रहे थे तो यहीं पर कुछ देर तक विश्राम किए थे यहां हनुमान जी की सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाई गई है।
मॉल रोड- जाखू टेंपल घूमने के बाद हम माल रोड देखने के लिए रवाना हो रास्ते भर हम पहाड़ों झरना आदि को देखते हो आगे बढ़ते रहें और कुछ देर में हम माल रोड के समीप पहुंच गए वहां गाड़ी पार्क करवाने के बाद हम माल रोड की तरफ बड़े वहां पर लोग ट्रॉली में बैठने के लिए टिकट कटा रहे थे हमने कुछ देर तक इंतजार किया लोगों ने कहा अभी टिकट् देर से मिलेगा लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा हम कुछ देर तक इंतजार करते रहे बाद में किसी ने बताया की बगल से एक रास्ता है लेकिन चढ़ाई वाला रास्ता है यह जल्दी पड़ेगा लेकिन चढ़ना पड़ेगा हमने सोचा इंतजार से अच्छा है कि इस चढ़ाई वाले रास्ते से ही जल्दी से पहुंच जाएं इसलिए हम शॉर्ट कट वाले रास्ते से चढ़ते हुए माल रोड तक पहुंच गए हम लोग काफी थक गए थे फिर कुछ देर रुक कर वहां का मशहूर मोमोज का स्वाद लिया बहुत स्वादिष्ट मोमोज था हमने कई प्लेट मोमोज खाया । मॉल रोड पर दोनो किनारे पर बसे दुकाने बहुतसुंदर लग रहे थी।
मॉल रोड से हमने कुछ खरीददारी भी की और वहां से कुछ सामान भी घर के लिए ले आए मॉल रोड के दोनों किनारे दुकान सजी हैरोशनी में जगमग जगमग बड़ी सुंदर लग रही थी होटल और रेस्तरां हमारे बजट में मिल जाएंगे।
मॉल रोड घूम कर हम लोग नीचे की तरफ लौट आए वहां सेंट जॉन सर्च था लेकिन हम लोग वहां नहीं घूमने गए और अपनी गाड़ी से शाम को होटल में चले गए शिमला हमें बहुत खूबसूरत और आकर्षक लगा आज भी जब हम याद करते हैं तो वहां की यादों में डूब जाते हैं ।
हां एक चीज अपने अनुभव के अनुसार जरूर बताना च चाहूंगी कि जब भी पहाड़ों पर जाए हल्के नाश्ते यह जूस पीकर चढ़ाई करें ज्यादा हैवी नाश्ता ना ले क्योंकि पहाड़ों पर खाली पेट ही घूमना अच्छा होता है उल्टियां बहुत आ आती है । शिमला में गर्मियों में मौसम सुहाना रहता है और ठंड में भी बर्फ की खूबसूरती पर्यटकों को दीवाना बना देती है। इसलिए वहां गर्मी या जाड़े किसी भी मौसम में जा सकते हैं सभी मौसम का अपना अलग मज़ा है Janki Tripathi.