धर्मशाला - तिब्बतियन कला एवं संस्कृति के समावेश की एक झलक।

Tripoto
3rd Oct 2020
Photo of धर्मशाला - तिब्बतियन कला एवं संस्कृति के समावेश की एक झलक। by Janki tripathi

   हमारी यात्रा धर्मशाला के लिए शुरू हुई। ख़ूबसूरत वादियों का नजारा मन को आनंदित करने वाला था। पालमपुर के चाय के बागान  को देखते हुए रास्त हम धर्मशाला पहुंचे।
धर्मशाला हिमालय की पहाड़ियों पर बसा एक खूबसूरत पर्वतीय स्थल है ।धर्मशाला ऊंचाईयों से नीचे की ओर बसा हुआ है। धर्मशाला कांगड़ा जिले जिले में वसा सुंदर और  सुरम्य पर्वतीय स्थल है ।  यहां का मौसम सुहाना रहता है गर्मियों में यहां हल्की ठंड रहती है।                         धर्मशाला पहले ब्रिटिश सैनिकों की छावनी के रूप में जाना जाता था ।यहां पर गर्मियों में ब्रिटिश सैनिक गर्मी से बचने के लिए आते थे और आराम से यहां रहते थे ।      आज भी भारत के सैनिकों की छावनी बनी हुई है।मिलिट्री के लोग यहां रहते हैं। धर्मशाला शांत एवं अनुशासित जगह है। धर्मशाला में बौद्ध धर्म के लोग निवास करते हैं। तिब्बत से निर्वासित तिब्बती  लोगों की शरण स्थली बना हुआ है। तिब्बती लोग यहां पर रह कर कामकाज करके अपना जीवन यापन करतेहै  ।   तिब्बत के लोग बेहद शांत और सीधे साधे सरल है धर्मशाला में तिब्बतियों की कला एवं संस्कृति की झलक साफ देखने को मिलती है।  धर्मशाला में नेपाल के गोरखा सैनिकों का भी पुनर्निर्माण में काफी योगदा रहा है आज भी गोरखा सैनिक वहां तैनात है।          ‌‌  ‌        धर्मशाला में क्या-क्या देखे।   ‌                               ‌    धर्मशाला का स्टेडियम-धर्मशाला का स्टेडियम दुनिया का पहला सबसे ऊंचाई पर बनने वाला स्टेडियम है। स्टेडियम यह नीचे की तरफ बना हुआ है। बड़ा ही सुंदर स्टेडियम है जहां से किनारे किनारे पहाड़ खड़े दिखाई देते हैं ।     बीच में स्टेडियम बहुत सुंदर लगता है।               ‌ मैकलोडगंज-मैकलोडगंज ऊंचाई पर बना हुआ तिब्बतियों का मार्केट है। यहां के बाजारों मेंभीड़ भाड़ तथा काफी रौनक रहती है यहां हर जरूरी सामान मिल जाता है कपड़े जूत,  छाते, अनेक औषधियां मिल जाते हैं            यहां तिब्बती लोग हस्त निर्मित वस्तुएं बेचते है। यहां के बाजारों में केक चॉकलेट केक पेटीज ,पेस्ट्री के आदि से भरे पड़े हैं जो बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। मोमोज ,थूकपा  ,सिद्धू आदि खाने को मिल जाएंगेे।              ।   बौद्ध मठ-धर्मशाला से कुछ दूरी पर  बौद्ध धर्म  का विशाल  मंदिर स्थित है।
यहां पर बौद्ध धर्म के  धर्मावलंबी पठन-पाठन करते हैं मंदिर में बौद्ध भिक्षु के लिए कई कमरे बने हुए हैं। यहां पर विद्यार्थी बौद्ध धर्म की शिक्षा ग्रहण करते हैं। यह मंदिर ऊंचाई पर बना हुआ महात्मा बुधकी है विशाल मूर्ति बनी हुई हैं।         ‌।                      भागसुनाग-।  भागसुनाग एक मंदिर है यहां शिव जी की प्रतिमा स्थापित है भागसुनाग मंदिर प्राचीन मंदिर है। भागसुनाग फॉल्स भीम मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित है बहुत सुंदर झरना है यहां हमेशा गर्म पानी निकलता रहता है मेरे विचार से भागसुनाग फॉल्स गर्मियों के दिन में देखने ना जाए क्योंकि यह झरना गर्मियों में सूखा रहता है हम लोगों देखने गए तो वह सूखा हुआ था हम लोग झरने का आनंद नहीं
ले पाए लेकिन लौटते वक़्त हम मोमोस खाए  जिससे सारी थकान जाती रही।                                                  धर्मशाला में क्या खरीदें-यहां पर हस्त निर्मित वस्तुओं का बड़ा मार्केट है जिसमें तरह-तरह के तेल सेंट मूर्तियां चाबी के गुच्छे आदि बहुत से सामान मिल जाएंगे जो हमें अपने दोस्तों या रिश्तेदारों को देने के लिए गिफ्ट के रूप में दिया जा सकता है।                           ‌                                           धर्मशाला में क्या-क्या खाएं,- ‌ यहां पर केक, पेटीज, चॉकलेट, मोमोज, थुप्पा,  नाश्ते मिल जाएंगे जिसमें आप खा सकते हैं।                                           धर्मशाला में आप किराए पर  टैक्सी ऑटो लेकर आराम से घूम सकते हैं ।   धर्मशाला किसी भी मौसम में जा सकते हैं हां लेकिन दिसंबर जनवरी में ठंड अधिक पड़ती है।                                                                                                                                    janki tripathi.

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