चल पड़े कैलाश की ओर......
पूरे उत्साह के साथ दुसरे दिन की शुरुआत हुई क्योंकि आज से हमरी कैलाशयात्रा की शुरुआत होनी थी। सुबह के नाश्ते के बाद करीब 10 बजे हम SUV से नेपालगंज की ओर चल पड़े । लखनऊ से नेपालगंज की दूरी करीब 200 किमी है। रास्ते में गाड़ी के साथ-साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी चलती रही।
रास्ते में घाघरा नदी पड़ती है जिसे नेपाल में करनाली नदी के नाम से जाना जाता हैं।
भारत-नेपाल सीमा पर एक गेट बना हैं। जहाँ प्रवेश से पहले पेपर चैक होते हैं।
हम लोग नेपालगंज के होटल लगभग दोपहर 2.30 बजे पहुंचे। लंच और थोड़े आराम करने के बाद शाम को हम सब होटल लॉबी में इकठ्ठे हुए। एक-दुसरे से औपचारिक परिचय के बाद हमारा पास के हनुमान मंदिर में जाने का प्रोग्राम बना पर बारिश होने के कारण हम सब लॉबी में ही बैठकर गप्पे मारने लगे।
लगभग शाम 8 बजे हम सब डाइनिंग हाल में इकट्ठे हुए जहाँ हमें आगे का प्रोग्राम बताया गया तथा हमारे गाईड से हमारा परिचय कराया गया, जिसका नाम जिम्मी लामा था। जिम्मी ने हमें बताया कि हम जहाँ जा रहे हैं वहां अधिक उँचाई की वजह से आक्सीजन की कमी रहती हैं जिसके कारण सांस लेने में तकलीफ, सिर-दर्द और उल्टी की शिकायत हो सकती हैं। इसके लिये हमें उसने आक्सीजन सिलेंडर साथ रखने की सलाह दी। फिर यहां हम सबको - एक बड़ा नीले रंग का Duffle बैग, पिठठू बैग, लाल टोपी और एक सफेद टीशर्ट दी गई। इसके अलावा एक जूट बैग में पूजा का सामान भी दिया गया। अब हमे अपना साथ ले जाने वाला जरुरी सामान इन्ही दो बैग में रखना था जिसका वजन 10 किलो तक ही होना चाहिए था। Duffle बैग पर लिखे नंबर ही अब हमारे सामान की पहचान थी। डिनर के बाद रुम में जाकर सुटकेस तैयार किया जो हमें वहीं होटल मे छोड़ना था। कल सुबह जल्दी उठना हैं क्योंकि हमें सुबह 8 बजे की सिम्मिकोट के लिये फ्लाइट लेनी थी।
हमारे बैग नंबर 🙂