शोर-कोलाहल से दूर और कोविड- 19 के खतरों से अनजान सीधी (मध्य प्रदेश ) स्थित परसिली रिसोर्ट अनपरा और सिंगरौली वासियों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है। अनपरा से लगभग 180 किमी दूर होने के बावजूद अपने वाहन से यहाँ 4.30 से 5 घंटे में पंहुचा जा सकता है। बैढ़न , महाजन मोड़ , परसोना मोड़, निगरी होते हुए दूरी तो थोड़ी अधिक है किन्तु सिंगरौली - सीधी मार्ग की तुलना में सड़कें अच्छी हालत में हैं।
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा बनास नदी के तट पर निर्मित परसिली रिसोर्ट के मुख्य भवन की वास्तु कला अद्भुत है। बताया जाता है कि भारत के सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट चार्ल्स कोरिया द्वारा इसकी डिजाइन की गई थी। पहले यह एक सरकारी रेस्ट हाउस था किंतु बाद में इसमें 8 लॉग हट निर्मित कर इसे पर्यटन स्थल में परिवर्तित कर दिया गया। गो- आईबिबो , मेक माय ट्रिप आदि साइटों से भी इसकी बुकिंग की जा सकती है।
साल (साखू) वृक्ष के सघन जंगलों के मध्य स्थित यह रिसोर्ट प्रकृति प्रेमियों के लिए उनकी खूबसूरत कल्पना का एक साक्षात परिणाम है । कैनवस पर उकेरी गई प्रकृति की सर्वोत्तम तस्वीर से भी बेहतर। रिसोर्ट से सटकर बहती बनास नदी अत्यंत समतल और उथली है। मानसून को छोड़ दिया जाए तो आम दिनों में इसमें पानी घुटने से नीचे ही बहता है। नदी की दूसरी तरफ सुनहरी रेत का चौड़ा तट किसी समुद्री बीच के मानिंद प्रतीत होता है। पैदल ही नदी को पार कर उस तरफ पहुंचा जा सकता है । दूर तक सपाट बालू का किनारा आप को बरबस ही सम्मोहित कर लेता है। शाम को डूबते सूरज की सुरमयी किरणें इसके तट और जल को और भी सुनहरा कर देती है।
इस रिसोर्ट के मुख्य भवन में 6 डीलक्स कमरे हैं किंतु मुख्य आकर्षण तो लॉग हट हैं। जिन्हें लकड़ियों से सुसज्जित किया गया है। ये सभी आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। हर लॉग हट की बड़ी खिड़की से बनास नदी के निर्मल प्रवाह को निर्बाध निहारा जा सकता है।
शांत किन्तु बहते जल से उत्पन्न होने वाली कल- कल की ध्वनि किसी योग साधना में प्रयुक्त होने वाले संगीत की भांति कर्णप्रिय है। जो आपके हृदय को भी उतना ही निर्मल , पवित्र और शांत बना देती है।
रिसोर्ट के प्रबंधक और कर्मी भी बहुत ही मित्रवत है। सरकारी होने के बावजूद सर्विस और यहां की मेंटेनेंस काफी हद तक संतोषजनक है। रेस्टोरेंट्स मैं बैठकर जहां आप स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं वहीं अपनी रूचि के अनुसार निर्देश देकर भी भोजन निर्मित करा सकते हैं। शाम तक अमूमन सभी कमरे और हट अतिथियों से गुलजार हो जाते हैं।
अनुरोध पर रिसोर्ट कर्मियों द्वारा आपके लिए बोन फायर का भी प्रबंध कर दिया जाता है। जिसके चारों तरफ बैठकर नीरव रात्रि में आप अल्पाहार और रात्रि भोज का मधुर संगीत के साथ जब तक आंखे नींद से बोझिल ना हो जाए लुत्फ उठा सकते हैं।
यहां का एक और आकर्षण संजय दुबरी नेशनल पार्क है। जो यहां से महज 14 किलोमीटर दूर है । जिप्सी सफारी का प्रबंध है। संजय दुबरी रेंज बहुत ही सघन वन क्षेत्र है। कुछ वर्ष पूर्व बांधवगढ़ नेशनल पार्क से यहां कमली नामक बाघिन लाई गई थी। गाइड के अनुसार अब कमली के 20 परिजनों का कुनबा इस क्षेत्र में स्वच्छंद विचरण करता है। जंगल सफारी पहली बार जाने वालों के लिए यह अनुभव अत्यंत रोमांचक हो सकता है। चिंकारा हिरण, लंगूर, ईगल आदि पशु - पक्षी जहां आपको आसानी से देखने को मिल जाते हैं वही आपकी किस्मत बहुत अच्छी हुई तो आपको बाघ के भी दर्शन हो सकते हैं। नहीं तो सिर्फ उनके ताज़ा पदचिन्हों और आपके बीच लुकाछिपी चलती रहेगी। सघन जंगलों के बीच में दूर तक फैले ऊंची घास के मैदान नेशनल ज्योग्राफिक में दिखाए जाने वाले जंगलों की अनुभूति कराते हैं।
मध्य प्रदेश की स्थली पहाड़ों , नदियों और जंगलों का अद्भुत संगम है। कुछ-कुछ मार्ग तो इतने मनमोहक और रमणीक हैं कि लगता है मंजिल से ज्यादा खूबसूरत रास्ते हैं।
औद्योगिक प्रदूषण के कारण हमें जहां अनपरा परिक्षेत्र में सांस लेने में भी दिक्कत होती है वहीं मध्य प्रदेश के जंगलों में मन होता है कि ताज़ी हवा को फेफड़ों में भरकर हमेशा के लिए सुरक्षित कर लिया जाए।
रिसोर्ट से लगभग 20 किलोमीटर दूर एक अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर है। छोटा होने के बावजूद चन्द्ररेह मंदिर और उसके समीप निर्मित मठ वास्तु कला का अद्भुत नमूना है। बताया जाता है कि 17 सौ वर्ष पूर्व द्वापर युग मे दक्षिण भारत के चेती राजवंश के किसी राजा द्वारा इस क्षेत्र में सिद्धि प्राप्त होने पर इस मंदिर और मठ का निर्माण कराया गया था। लाल पत्थरों से निर्मित मंदिर और उस पर उकेरी गई प्रतिमाएं और कंगूरे हमें हमारी समृद्ध विरासत का एहसास कराते है।
एक बार जाना तो बनता है।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें
Tripoto हिंदी के इंस्टाग्राम से जुड़ें और फ़ीचर होने का मौक़ा पाएँ।