दिल्ली के दिल में कनॉट प्लेस के पास स्थित गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब सिक्खों का एक प्रमुख गुरुद्वारा है। यह कनॉट प्लेस के पास बाबा खड़गसिंह मार्ग पर प्राचीन हनुमान मंदिर के पास स्थित है। यह सिक्खों के आठवें गुरु श्री हर किशन सिंह जी की याद में बनाया गया है। इसे सिक्ख जनरल बघेल सिंह ने साल 1783 में बनाया था।
जहां यह गुरुद्वारा बनाया गया है, वह पहले राजा जयसिंह का एक बंगला था। यह जयसिंहपुरा पैलेस के नाम से मशहूर था। बताया जाता है कि गुरु श्री हर किशन सिंह जी साल 1664 में यहां पधारे थे। उस समय दिल्ली में हैजा और चेचक की बीमारी फैली हुई थी। गुरु श्री हर किशन सिंह जी ने बंगला में रहकर यहां के जल से रोगियों का इलाज किया था। मान्यता है कि यहां का जल पवित्र और बीमारियों को दूर करने वाला है। बाद में राजा जयसिंह ने यहां एक तालाब बनवाया था। वह पवित्र सरोवर आज ही श्रद्धा का केन्द्र है।
अब भी वह जल बीमारियों को दूर करने वाला और पवित्र माना जाता है। सिक्खों के लिए यह गुरुद्वारा और सरोवर काफी पवित्र और पूजनीय है। कई श्रद्धालु यहां से पवित्र जल को अपने साथ ले भी जाते हैं। कई श्रद्धालु सरोवर के पवित्र जल से हाथ-मुंह धोकर अपने ऊपर छीटें मारकर मंदिर में प्रवेश करते हैं। सुबह और शाम के समय यहां का माहौल बहुत ही शांतिमय और सुकून भरा होता है। कई श्रद्धालु सरोवर के चारों ओर घूमते भी रहते हैं।
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब काफी खूबसूरत बनाया गया है। गुरुद्वारे का सोने का गुंबद दूर से ही चमकता रहता है। इसकी वास्तुकला बेहतरीन है। यहां आकर आपके मन को असीम शांति मिलेगी। लोग मंदिर के भीतर घंटों बैठकर कीर्तन का आनंद लेते हैं। यहां का पूरा माहौल भक्तिमय रहता है। सभी श्रद्धालु शांति के साथ यहां बैठकर प्रार्थना या जाप करते हैं। यह गुरुद्वारा दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तहत है। इसका मैनेजमेंट वहीं देखते हैं।
इस गुरुद्वारा में सभी लोगों को प्रवेश की अनुमति है। यहां किसी धर्म के लोगों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन यहां ज्यादातर सिक्ख और हिंदू श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु सरोवर में पवित्र जल का छींटा लेने के बाद गुरुद्वारा के अंदर प्रवेश कर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब से सामने मत्था टेकते हैं। यहां मत्था टेककर वे अपने और देश-दुनिया के कल्याण के लिए दुआ मांगते हैं। गुरु पर्व और प्रकाश पर्व के अवसर पर यहां काफी ज्यादा भीड़ रहती है।
दिल्ली का यह गुरुद्वारा विदेशी पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। हर साल यहां लाखों विदेशी पर्यटक आते हैं। विदेशी पर्यटकों के लिए यह दिल्ली का सबसे पसंदीदा जगह है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की सुविधा के लिए यहां टूरिस्ट गाइड भी है जो उन्हें गुरुद्वारा के बारे में विस्तार से बताते हैं और घूमने में मदद करते हैं।
इस गुरुद्वारा में रोज लंगर चलता है। यहां आने वाले सभी श्रद्धालु यहां प्रसाद पाते हैं और लंगर खाते हैं। लंगर में रोटी, सब्जी, दाल और खीर प्रसाद के रूप में मिलता है। प्रतिदिन हजारों लोग इस लंगर में भोजन करते हैं। लंगर को तैयार करने वाले भक्त ही होते हैं और यहां सेवा करने के मकसद से आते हैं। यहां छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी एक साथ बैठकर खाना खाते हैं। जो भाईचारे को बढ़ावा देता है।
मंदिर में प्रवेश के लिए कोई टिकट नहीं है। वैसे मंदिर में रहने के लिए कमरे बने हुए हैं, जहां आप मामूली शुल्क पर रह सकते हैं। यहां हॉल में रहने पर कोई पैसा नहीं लिया जाता है। मंदिर में एक अस्पताल, लाइब्रेरी, स्कूल और एक बाबा बघेल सिंह म्यूजियम भी है। आपको गुरुद्वारा में दर्शन के बाद मल्टीमीडिया म्यूजियम जरूर देखना चाहिए।
ध्यान रखें-
-किसी भी गुरुद्वारा में जाने पर सिर के बाल को ढंकना जरूरी होती है। अगर आपके पास रुमाल, स्कॉर्फ, चुन्नी, गमछा, तौलिया है तो उससे सिर ढक सकते हैं। अगर नहीं है तो गेट पर आपको फ्री में सिर ढंकने के लिए रुमाल मिल जाएंगे जिसे आप बाहर जाते वक्त लौटा सकते हैं।
-गुरुद्वारे के भीतर प्रवेश करने से पहले जूते निकालने पड़ते हैं। आप परिसर में बने जूता काउंटर के पास जूते जमा कर भीतर जा सकते हैं।
-गुरुद्वारा के भीतर यथासंभव अपने शरीर को ढक कर रखें। शालीन और सौम्य कपड़े पहन कर यहां आने चाहिए। इस तरह के कपड़े ना पहने जो भड़काउ हो।
-गुरुद्वारा में कुछ देर शांति से बैठकर प्रार्थना करें या ध्यान करें।
-गुरुद्वारा में जोर से ना आवाज ना करें और शांति बनाए रखें।
कैसे पहुंचे-
-दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पास होने के कारण यहां पहुंचना काफी आसान है। यहां आप राजीव चौक मेट्रो से पैदल या ऑटो लेकर आ सकते हैं।
-पास ही एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो का शिवाजी स्टेडियम स्टेशन है। इससे एयरपोर्ट से यहां आने में भी कोई परेशानी नहीं है।
-नई दिल्ली स्टेशन भी पास ही है। आप रेलवे स्टेशन से मेट्रो, ऑटो लेकर आ सकते हैं।
-दिल्ली के तकरीबन सभी इलाकों से आप बस से भी यहां पहुंच सकते हैं।
कब पहुंचे-
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब दिल्ली में है और यहां गर्मी के साथ सर्दी भी जबरदस्त पड़ती है। इसलिए यहां फरवरी से मार्च और सितंबर से नवंबर के बीच आना घूमने के लिए अच्छा रहता है। इस समय आप ज्यादा इंज्वॉय कर सकते हैं।
नजदीकी स्थल-
गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब के पास कई दर्शनीय स्थल है। गुरुद्वारा श्री बंगला साहिब के पास ही प्राचीन हनुमान मंदिर है। यहां दर्शन के साथ ही आप प्राचीन बिरला मंदिर, झंडेवालां मंदिर और रामकृष्ण आश्रम भी जा सकते हैं। इसके साथ ही पास में ही है इंडिया गेट और समर स्मारक। आप चाहे तो राष्ट्रपति भवन और संसद भवन भी देख सकते हैं। पास में कुछ ही दूरी पर जंतर-मंतर और अग्रसेन की बावली भी है। पास में ही गुरुद्वारा और कनॉट प्लेस के बीच स्टेट एंपोरियम भी है जहां आप खरीदारी कर सकते हैं।
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