2 जुलाई को सुबह सुबह हम जिप्सी से पन्ना टाइगर रिजर्व देखने के लिए सुबह 5 बजे निकल पड़े।
पन्ना टाइगर रिजर्व कई सारे जोन में बटा हुआ है और हमने घूमने के लिए अकोला वाले एरिया को चुना था क्योंकि गाइड ने हमे बताया था इस एरिया में टाइगर्स की संख्या अच्छी है।
एंट्री टिकट लेकर हम 6 बजे टाइगर रिजर्व में अंदर गए। हमारे कई और भी गाडियां थी। लगभग सवा घंटे इधर उधर भटकने पर एक गाइड ने बताया कि इस रास्ते के दोनो तरफ दो टाइगर हैं एक हीरा और दूसरा पन्ना। हीरा थोड़ा सुस्त है और पन्ना चुस्त दुरुस्त। ये दोनो भाई ही हैं और अभी थोड़ी देर में हीरा शायद पन्ना से या पन्ना हीरा से मिलने रोड क्रॉस करके जाएं, तो हमे यही इंतजार करना पड़ेगा।
लगभग आधे घंटे के इंतजार के बाद हमे हीरा दिखा, वो बहुत ही शांत तरीके से रोड को क्रॉस किया और दूसरी तरफ निकल गया।
फिर कुछ देर हम हिरन, सांभर, लंगूर देखने के बाद वापस होटल के लौट पड़े, क्योंकि सूरज धीरे धीरे ऊपर चढ़ रहा था और गर्मी का पारा बड़ रहा था।।

